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अध्याय 48 – यदि ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)`, प्रजा अधीन राजा / राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) आदि कानून लागू नहीं होते तो भारत का संभव भविष्‍य क्या होगा

यदि ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)`, प्रजा अधीन राजा / राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) आदि कानून लागू नहीं होते तो भारत का संभव भविष्‍य क्या होगा भारत का एक संभव/संभावित

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अध्याय 47 – `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` की सदस्‍यता, सदस्‍य / उम्‍मीदवार का चयन आदि (से संबंधित) नियम

`राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` की सदस्‍यता, सदस्‍य / उम्‍मीदवार का चयन आदि (से संबंधित) नियम (47.1) विभाजन (अलग दल बनाना) मैं `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के सदस्‍य के रूप में आधिकारिक तौर पर सदस्‍यों

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अध्याय 46 – यदि विशिष्ट / ऊंचे लोग या राजनेता तानाशाही चलाते हैं , तो महात्मा उधम सिंह योजना

यदि विशिष्ट / ऊंचे लोग या राजनेता तानाशाही चलाते हैं, तो महात्मा उधम सिंह योजना यदि विशिष्ट/ ऊंचे लोग भारत में तानाशाही चलाना चाहते हैं तो, यदि सिर्फ 500 महात्मा उधम (सिंह) कार्यकर्ता उधम सिंह योजना लागू करने का फैसला/निर्णय

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अध्याय 45 – यदि खून की नदियां नहीं , तो खून की कुछ बूंद बह सकती हैं

(45.1) जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली (सिस्टम) के खिलाफ इतनी शत्रुता / दुश्‍मनी क्‍यों ? जैसा कि हम लोगों में से अधिकांश लोग जानते हैं कि भारत की शीर्ष राजव्‍यवस्‍था और प्रशासनिक व्‍यवस्‍था लगभग 10,000 विशिष्ट/उच्च लोगों

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अध्याय 44 – 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) में विस्‍तार से बताए जाने वाले विषय

 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) में विस्‍तार से बताए जाने वाले विषय (44.1) 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) क्‍या है? यह किताब 301.h पी.डी.एफ. (अर्थात 301.h डोक.) है। कुछ दिनों के बाद मैं इस किताब की सामग्री पूरी कर दूंगा। बहुत से

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अध्याय 43 – कच्‍चे तेल को बाहर से मंगाना (आयात), विदेशी कर्ज कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

कच्‍चे तेल को बाहर से मंगाना (आयात), विदेशी कर्ज कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव (43.1) मुख्‍य समस्‍या भारत का व्‍यापार घाटा नियंत्रण से बाहर है। हम जितना निर्यात(बाहर माल भेजना) कर रहे हैं उससे

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अध्याय 42 – बिजली बनने (पैदावार) और सप्लाई (आपूर्ति) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीनराजा समूह’ के प्रस्‍ताव

बिजली बनने (पैदावार) और सप्लाई (आपूर्ति) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीनराजा समूह’ के प्रस्‍ताव (42.1) बिजली बनने (पैदावार) और सप्लाई (आपूर्ति) में सुधार करने के लिए प्रस्‍तावों की सूची (लिस्ट) 1.    प्रजा अधीन – केन्‍द्रीय बिजली

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अध्याय 41- स्‍वदेशी को बढ़ावा देने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

स्‍वदेशी को बढ़ावा देने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव (41.1) पूरी तरह से भारतीय (नागरिक) मालिकी वाली कम्‍पनी (व्होल्ली ओन्ड बाय इंडियन सिटीजेंस = डब्‍ल्‍यू. ओ. आई. सी) 1.    यदि कोई कम्‍पनी `पूरी तरह से

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अध्याय 40 – चुनाव / निर्वाचन सुधारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

 चुनाव / निर्वाचन सुधारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव (40.1) वे चुनाव सुधार, जिनके प्रस्‍ताव मैंने किए हैं  1.         प्रजा अधीन  राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार) 2.    प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री, सरपंच,

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अध्याय 39 – देश के लिए कानून बनाने (के कार्य में) सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

 कानून बनाने (के कार्य में) सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव (39.1) कानून बनाने (के कार्य) में समस्‍याएं 1.    पहली समस्‍या : सांसद, विधायक आदि वैसे कानून नहीं बनाते जैसा हम नागरिक चाहते

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