होम > प्रजा अधीन > अध्याय 40 – चुनाव / निर्वाचन सुधारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

अध्याय 40 – चुनाव / निर्वाचन सुधारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

dummy
पी.डी.एफ. डाउनलोड करेंGet a PDF version of this webpageपी.डी.एफ. डाउनलोड करें

ऊंचे/विशिष्ट लोगों के आई.ऐ.एस.(बाबू) , पोलिस , कोर्ट और पार्टियों में दखल-अंदाज और पहुँच के कारण , एक अच्छे व्यवहार/बर्ताव वाला व्यक्ति कभी भी आई.ऐ.एस(बाबू), पोलिस, कोर्ट, राजनीति में ऊपर नहीं उठ सकता | `स्वतंत्र-सेनानियों` को छोड़ कर जो 1951 तक पहले ही ऊपर ऊठ चुके थे , कोई भी अच्छे व्यवहार/बर्ताव वाले लोगों को ऊंचे लोगों/विशिष्ट वर्ग से प्रयोजन नहीं मिला 1951 के बाद | और विदेशी कंपनियों/ ईसाई धर्म के कट्टरपंथी लोगों की पहुँच और दखल-अंदाज़ कांग्रेस, भा.जा.पा और दूसरी पार्टियों में, ने इस समस्या को और ज्यादा खराब कर दिया | अभी ,एक सच्चा राष्ट्रवादी/देशभक्त गुणवान व्यक्ति की कोई सम्भावना नहीं है कि वो आई.ऐ.एस (बाबू), पोलिस,कोर्ट और राजनैतिक पार्टियों में तरक्की कर सके |
केवल वे ही राष्ट्रवादी को विदेशी कम्पनियाँ/ईसाई धर्म के कट्टरवादी/रूढ़िवादी बढ़ावा देंगे ,जो बजरंगी किस्म के लोग है, जो गरम मिसाजी हैं ,जिससे देश को नुकसान पहुंचे | यदि कोई राष्ट्रवादी/देशभक्त किसी पार्टी ,आई.ऐ.एस(बाबू) , पोलिस में ठन्डे दिमाग का, दूर की सोच वाला, चुस्त/चतुर है , तो विदेशी कम्पनियाँ/ईसाई धर्म के कट्टरपंथी , ये सुनिश्चित करेंगे कि वो कभी भी ऊपर ना उठे , यानी तरक्की ना करे | तो उसका रास्ता रोक दिया जायेगा | इसीलिए वो पसंद करेगा कि वो इस सरकारी सिस्टम के बाहर काम करे , यानी प्राइवेट में काम करे |

श्रेणी: प्रजा अधीन