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अध्याय 44 – 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) में विस्‍तार से बताए जाने वाले विषय

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सूची

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 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) में विस्‍तार से बताए जाने वाले विषय

   

(44.1) 302.h.pdf (पी.डी.एफ.), 302.h.doc (डोक.) क्‍या है?

यह किताब 301.h पी.डी.एफ. (अर्थात 301.h डोक.) है। कुछ दिनों के बाद मैं इस किताब की सामग्री पूरी कर दूंगा। बहुत से महत्‍वपूर्ण विषय अगली किताब में शामिल किए जाएंगे, जिसका नाम 302.h पी.डी.एफ. है। संक्षेप में, 302.h पी डी एफ इस किताब 301.h पी.डी.एफ. का अगला भाग है।

   

(44.2) जम्‍मू-कश्‍मीर और शेष भारत में इस्‍लामिक कट्टरपंथी से हिंसा कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

जम्‍मू-कश्‍मीर के पाठ,34 में मैंने भारत में इस्‍लामिक कट्टरपंथी से हिंसा में कमी लाने के लिए (आवश्‍यक) प्रशासनिक प्रस्‍तावों का वर्णन किया है। ये प्रस्‍ताव भारतीय सेना और औद्योगिक परिसरों(इमारतों) को सुदृढ़ बनाएंगे और इन इमारतों/परिसरों का उपयोग सऊदी अरब, अमेरिका, इंग्‍लैण्‍ड और चीन और उनके कटपुतली(एजेंट) पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश को रोकने में किया जाएगा। शेष भारत में इस्‍लामिक कट्टरपंथी से हिंसा को रोकना बहुत ही मामूली/आसान बात है। भारत में इस्‍लामिक कट्टरपंथी से हिंसा का उदाहरण बड़ी संख्‍या में है और एक मामले का अध्‍ययन http://www.dailypioneer.com/281865/People-flee-area-after-communal-clashes-in-Bengal.html पर पश्‍चिम बंगाल के डगांगा के बारे में है।

जिन समाधानों का प्रस्‍ताव मैं करता हूँ, वे हैं :-

  1. प्रजा अधीन – जिला पुलिस प्रमुख

  2. प्रजा अधीन – प्रधानमंत्री

  3. प्रजा अधीन – मुख्‍यमंत्री

  4. प्रजा अधीन – सुप्रीम कोर्ट जज

  5. प्रजा अधीन – हाई कोर्ट जज

  6. प्रजा अधीन – जिला जज

  7. प्रजा अधीन – जिला राज्‍य और राष्‍ट्रीय लोक दण्‍डाधिकारी/प्रोजिक्‍यूटर/सरकारी वकील

  8. बहुमत के अनुमोदन द्वारा प्रधान मंत्री (अथवा पूर्व प्रधानमंत्री) को कैद, फांसी

  9. बहुमत के अनुमोदन द्वारा मुख्‍यमंत्री (अथवा पूर्व मुख्‍यमंत्री) को कैद, फांसी

  10. बहुमत के अनुमोदन द्वारा सुप्रीम कोर्ट जज अथवा (पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज) को फांसी, कैद

  11. बहुमत के अनुमोदन द्वारा हाई कोर्ट जज अथवा (पूर्व हाई कोर्ट जज) को फांसी, कैद

  12. बहुमत के अनुमोदन द्वारा जिला पुलिस प्रमुख (अथवा पूर्व जिला पुलिस प्रमुख को फांसी, कैद

उपर बताए गए परिवर्तन भारत में इस्‍लामिक कट्टरपंथी से हिंसा रोकने/कम करने के लिए पर्याप्‍त होंगे।

   

(44.3) बेरोजगारी और गरीबी कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

“इंजिनियरिंग कौशल में सुधार के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव” शीर्षक में दिए गए पाठ में मैंने अपने प्रस्‍तावित कानून/ड्राफ्टों को विस्‍तार से बताया है। (कृपया इंजिनियरिंग कौशल पर पाठ 26 देखें)।

  1. ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) ड्राफ्ट/प्रारूप आम लोगों की आय बढ़ा देगा और इस प्रकार यह सामानों की मांग बढ़ा देगा। इससे निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा।

  2. ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट जमीन की कीमत घटा देगा और इस प्रकार किराया कम हो जाएगा। इसके परिणाम से नया धंधा शुरू करना आसान होगा और इस प्रकार रोजगार बढ़ेगा।

  3. `सम्‍पत्‍ति-कर` प्रारूप/ड्राफ्ट जमीन के मूल्‍य पर 2 प्रतिशत का टैक्‍स लगाता है और इस प्रकार जमीन की जमाखोरी कम होगी। और इसलिए जमीन की कीमत घटेगी। इस प्रकार व्‍यक्‍ति के लिए व्‍यावसाय शुरू करना आसान होगा और इसलिए बेरोजगारी घटेगी।

  4. 300 प्रतिशत सीमा(आयात) शुल्‍क से आयात घटेगा और स्‍थानीय विनिर्माण बढ़ेगा।

  5. धंधे/व्‍यवसाय में आने और छोड़ने की आसान शर्तों से भी रोजगार बढ़ेगा।

  6. आसानी से काम पर रखने और काम से हटाने यानि हायर-फायर कानून लागू करने से वैसे लोगों की संख्‍या बढ़ेगी जो व्‍यवसाय, उद्योग आदि शुरू करना चाहते हैं। इसलिए इससे भी बेरोजगारी घटेगी/दूर होगी।

क्या गरीबी भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है ?

सरकार के निचले स्तर के कर्मचारी भी आम नागरिकों से , पैसों के अनुसार,अच्छी स्थिति में हैं | और यदि गरीबी भ्रष्टाचार का कारण होता, तो क्या नेता-बाबू-जज-पुलिसवाले रिश्वत लेते , जब उन्होंने कुछ लाख रुपये कमा लिए हैं ? लेकिन हम तो देखते हैं कि रिश्वत लेना तो बढ़ता ही जाता है, घटता नहीं है |

ऐसे कई सरकारी विभाग हैं जहाँ प्रक्रियाएँ इतनी अच्छी हैं कि सरकारी कर्मचारी को कोई मौका नहीं मिलता रिश्वत लेने के लिए | उदाहरण , एक बैंक के क्लर्क को लें | उसे 1-2  दिनों में  चेक पास करना होता है नहीं तो वापस करना होता है | उसके पास कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं होता है | इसीलिए वो रिश्वत नहीं लेता और कम पैसों के साथ रहता हैं  राजस्व (सरकार/राज्य की आमदनी) विभाग के मुकाबले , जो सचमुच सालाना एक लाख से दस लाख रुपये बनाते हैं रिश्वत ले कर | अभी दोनों क्लर्क मिलते-जुलते वातावरण/हालात से आते हैं और फिर भी बैंक के क्लर्क को स्थिति से संतोष करना पड़ता है और साधारण / सामान्य जीवन जीना पड़ता है | जबकी राजस्व(सरकार की आमदानी) विभाग के क्लर्क को मौका मिलता है और सज़ा का कोई डर नहीं है , वो भ्रष्टाचार करता है |

और हाँ , शक्ति ऊच स्तर में इतनी केंद्रित है कि हर कोई कैसे भी चाहता है कि वो और उसके रिश्तेदार न्यायतंत्र,नेता और बाबूओं, आदि की उच्च पदों को पा ले |

गरीबी लोकतंत्र के नहीं होने के वजह से है

लोकतंत्र ,यानी लोगों का शाशन, का मतलब कि लोग निर्णय ले  सकें देश के मामलों में, केवल कुछ ही लोग नहीं |

गरीबी लोकतंत्र के नहीं होने के वजह से है | हम आम नागरिक भारत में, क़ानून नहीं बना सकते | हम आम नागरिक फैसले नहीं कर सकते जूरी सिस्टम के द्वारा | हम आम नागरिकों के पास जजों, जिला पोलिस मुखिया , जिला शिक्षा अधिकारी आदि को बदलने/निकालने का अधिकार नहीं है | इसीलिए ये नेता-बाबू-जज-प्रभंधक-पोलिस-बुद्धिजीवी और उच्च वर्ग हम आम नागरिकों को लूट लेते हैं | अम्बेडकर के वजह से हम आम नागरिकों को सांसद और विधायक को चूनने का अधिकार मिला है , जिससे कुछ सुधर हुआ है, लेकिन अकेला वो अधिकार 1% भी भ्रष्टाचार नहीं रोक सकता |

यह अकेले लोकतंत्र के वजह से ही देश के सभी लोग अमीर बन सकते हैं |

अमेरिका पूंजीवाद के वजह से अमीर नहीं है, लेकिन लोकतंत्र के वजह से अमीर है |

और बहुत से दक्षिणी अमेरिकी देशों ने पूंजीवाद अपनाया और फेल/असफल हो गए |ना ही पूंजीवाद, ना ही साम्यवाद काम करेगा गरीब और मेहनती के लिए | केवल लोकतंत्र काम करेगा गरीबों के लिए | मेक्सिको की लोकतंत्र भारत जितनी कमजोर है | यदि भारत से तुलना करो : अमेरिका में लोग जिला पोलिस मुखिया, जन/लोक दंडाधिकारी, जजों जिलों और राज्यों में, जिला शिक्षा अधिकारी और जूरी सिस्टम का प्रयोग/इस्तेमाल करते हैं|

जबकि , ये सभी लोकतान्त्रिक प्रशाशनिक प्रक्रियाएँ मेक्सिको में नहीं हैं | इसीलिए लोकतंत्र के 1-10 के पैमाने पर अमेरिका 7 है, मेक्सिको और भारत 2 से नीचे है |

   

(44.4) खाने-पीने की चीज की सप्लाई (आपूर्ति) व खेती (कृषि) में सुधार के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – केन्‍द्रीय/राज्‍य कृषिमंत्री और प्रजा अधीन –  केन्‍द्रीय/ राज्‍य सिंचाई मंत्री लागू करने से कृषि और सिंचाई में भ्रष्‍टाचार मिटेगा । इससे माल-गोदामों में सुधार होगा और ठंडा गोदाम/कोल्‍ड स्‍टोरेज की संख्‍या बढ़ेगी।

2.    समर्थन मूल्‍य(सरकारी दाम) में बढौतरी से किसान नहर के रखरखाव के शुल्क और पानी के शुल्‍क का भुगतान कर पाएंगे।

3.    इ.ए.एस. 01 और इ.ए.एस. 03 के ड्राफ्ट से जलापूर्ति/ पानी की सप्‍लाई में सुधार होगा।

4.    खेती के लिए पानी का मीटर लगाने से पानी की बरबारदी रूकेगी और सप्लाई(आपूर्ति) में सुधार होगा।

5.    हानिकारक कीटनाशकों पर रोक लगाना, सभी कीटनाशकों पर आर्थिक सहायता/रियायत समाप्‍त करना।

6.    बासमती (चावल), मांस, अंडा, दूध, रूई आदि सहित खेती के सभी सामानों के दूसरे देश को भेजने (निर्यात) पर रोक/प्रतिबंध लगाना।

7.    चिकेन (मुर्गी), अंडा, मांस पर आर्थिक सहायता/रियायत समाप्‍त करना।

8.    रासायनिक खाद पर आर्थिक सहायता/सब्सीडी समाप्‍त करना, समर्थन मूल्‍य बढ़ाना।

9.    ट्रैक्‍टर पर आर्थिक सहायता/सब्‍सीडी समाप्‍त करना, खाने-पिने की चीजों के समर्थन दाम(मूल्‍य) बढ़ाना।

10.   प्रजा अधीन – जिला राशन(आपूर्ति) अधिकारी द्वारा राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) में सुधार लाना और नागरिकों को राशन कार्ड मालिक बदलने का विकल्‍प देना।

11.   राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) में दालों को शामिल करना।

12.   राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) में देशी गाय का दूध शामिल करना।

   

(44.5) जमीन का दाम और घर का दाम स्‍थिर/स्थायी  करने और घर के बनाने (गृह निर्माण) में सुधार करने, झुग्‍गी कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1                    सम्‍पत्‍ति-कर का ड्राफ्ट/प्रारूप जमीन की कीमतों में अस्‍थिरता कम/समाप्‍त कर देगा।

2                    विरासत-कर ड्राफ्ट/प्रारूप से जमीन का दाम और भी स्‍थिर हो जाएगा।

3                    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)  ड्राफ्ट से भारत सरकार के प्‍लॉटों के मूल्‍य में कमी आएगी।

4                    सम्‍पत्‍ति-कर ट्रस्‍टों/न्‍यासों की सम्‍पत्‍ति पर भी यह कानून लागू होगा और इससे जमीन की कीमतों में और कमी आएगी तथा कीमतें स्‍थिर होंगी।

5                    हिंदू एकजुट/अविभाजित परिवार (हिंदू अन-डिवाइडिड फॅमिली=एच.यू.एफ.) के स्‍वामित्‍व वाली सम्‍पत्‍ति को कर्ता(हिंदू अविभाजित परिवार में सबसे वरिष्ठ और सबसे पुराना व्यक्ति जो परिवार के सामाजिक और आर्थिक (पहलुओं के बारे में) निर्णय लेता है) की सम्‍पत्‍ति में जोड़ने से प्‍लॉट की कीमतें और भी कम होंगी और इससे प्‍लॉट की कीमतें और भी स्‍थिर रहेंगी।

6                    जैसे जैसे जमीन की कीमतें कम होंगी वैसे वैसे झुग्‍गियां भी कम होंगी।

झुग्गी-झोपडियां होने का असली कारण

झुग्गी-झोपडियां इसीलिए हैं, क्योंकि झुग्गी-झोपडियों में रहने वाले स्थानीय नेता, बाबू, जजों, पोलिस-वालों आदि, को हफता देते हैं , झुग्गी-झोपडी यदि पब्लिक(सार्वजनिक)-जमीन पर हो, तो भी | वे हफता झुग्गी के गुंडे को देते हैं , जो मुख्यमंत्री या कोई मंत्री द्वारा सीधे रखा होता है | झुग्गी का गुंडा अपना हिस्सा रखता है, लेकिन उसका ज्यादातर राशि/पैसा स्थानीय पोलिस इंस्पेक्टर या स्थानीय तहसीलदार को जाता है, जो कुछ हिस्सा रखता है और बाकी अपने मालिक तो दे देता है | ऐसे ऊपर तक ये पैसा , मुख्यमंत्री या मेयर/महापौर को जाती है , इस बात पर निर्भर करता है कि वो जमीन राज्य सर्कार की है या नगर पालिका की |

जज इस तरह पैसा बनाते हैं : किसी समय , झुग्गी खाली करने का नोटिस आता है , और झुग्गी के गुंडे को एक वकील चाहिए एक रोक-आदेश(स्टे-आर्डर) लेने के लिए | ये गरीबों की मदद करने का सम्मान , हमेशा उस वकील को जाता है , जो जज का रिश्तेदार भी होता है |
तो झुग्गियां वोट-बैंक के कारण नहीं हैं, लेकिन सिर्फ पैसे के कारण हैं
बहुत से बुद्धिजीवी हमेशा मौका देखते हैं हम आम नागरिकों को नीचा दिखाने का, और लोक-तंत्र को नीचा दिखाने का | इसीलिए वे लोकतंत्र को झुग्गियों का गलत कारण बताते हैं | और वे हम आम नागरिक, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को मुफ्तखोर बताते हैं | जबकि असल में, झुग्गी-झोपड़ी के रहने वाले मुफ्तखोर नहीं हैं, क्योंकि वे नेता-बाबू-जजों को हफता देते हैं झुग्गी के गुंडे के द्वारा | लेकिन बुद्धिजीवी इस सच्चाई को छुपाते हैं और इसका उल्टा बोलते हैं |

   

(44.6) भूमि अधिग्रहण (सरकार द्वारा जमीन लेना) के संबंध में `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

भूमि अधिग्रहण(प्राप्ति) औद्योगिक संपदा(कारखानों) के विकास के लिए महत्‍वपूर्ण कारण है और औद्योगिक संपदा का विकास आगे चलकर हथियारों के निर्माणों के लिए आवश्‍यक तकनीकी गुण/प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए अत्‍यन्‍त आवश्‍यक है। साथ ही, निर्माण की काबिलियत(क्षमताओं) के अभाव में भारत दूसरे देशों से माल मंगाने(आयातों) पर बहुत ज्‍यादा निर्भर हो गया है और निर्माण की ताकत/क्षमता कम होने के अनेक कारणों में से एक कारण है – उलझाव वाली जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया/तरीका । मेरे द्वारा प्रस्‍तावित जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया/तरीका छोटे में (संक्षिप्‍त सार) निम्‍नलिखित है :-

  1. पहला कदम जमीन मालिकी(स्‍वामित्‍व) का आंकड़ा कोष(डाटाबेस) तैयार करना है। और प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति को एक अलग लेबल– (क) किसी फ्लैट का मालिक नहीं (ख) एक फ्लैट का मालिक (ग) दो फ्लैटों का मालिक (घ) तीन फ्लैटों का मालिक (च) तीन से अधिक फ्लैटों का मालिक (छ) किसी भी प्‍लॉट का मालिक नहीं (ज) एक प्‍लॉट का मालिक (झ) दो प्‍लॉटों का मालिक (ट) तीन प्‍लॉटों का मालिक (ठ) तीन से ज्‍यादा प्‍लॉटों का मालिक (ड) प्रति वर्ष 2 लाख से कम की आय (ढ़) प्रति वर्ष 2 लाख से 5 लाख के बीच की आय (त) पांच लाख और 10 लाख के बीच की वार्षिक आय (थ) प्रति वर्ष 10 लाख अथवा ज्‍यादा के बीच की आय (द) परिवार के हर सदस्‍य पर 25 वर्ग मीटर से अधिक की सम्‍पत्‍ति का दाम(मूल्‍य)।

  2. बिन्‍दु 1. का उद्देश्‍य : बहुत सारे लोग अपने आप को असहाय के रूप में दिखलाते हैं और बहुत अधिक मुआवजे की मांग करते हैं। बिन्‍दु 1. में इकट्ठा किए गए आंकड़ों(डाटा) का उपयोग इस बात के लिए किया जा सकता है कि क्‍या कोई व्‍यक्‍ति केवल बाजार दर पर मुआवजे का पात्र है अथवा उसे बाजार दर से अधिक का भी मुआवजा दिया जाना चाहिए। यदि उस व्‍यक्‍ति के पास अतिरिक्‍त धन के अनेक प्‍लॉट हैं तब वह बाजार दर से ऊंची दर पर मुआवजे का पात्र नहीं होगा।

  3. यदि उस व्यक्ति जिसकी भूमि का लिया/अधिग्रहण किया जा रहा है, के पास कोई अन्‍य प्‍लॉट या फ्लैट नहीं है तब उसका मुआवजा बाजार (जूरी द्वारा किए गए निर्णय के अनुसार) बाजार मूल्‍य का दूगना होगा। और इसमें उस जमीन से प्राप्‍त (बीस साल के लिए ) कृषि आय के बराबर महंगाई के अनुसार ठीक किया गया (समायोजित वार्षिक मुद्रा स्‍फीति ) का मासिक भुगतान जोड़ दिया जाएगा।

  4. सरकार द्वारा प्राप्त(अधिग्रहित) भूमि को केवल किराए पर लगाया जा सकेगा और इसे बेचा नहीं जाएगा।  और प्राप्‍त किराए को ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)  ड्राफ्ट के अनुसार नागरिकों के बीच बांटा जाएगा।

   

(44.7) स्‍विस और अन्‍य `छुपे हुए` / गुप्त / भूमिगत बैंकों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप` / `प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

  1. भारतीय सेना की ताकत बढ़ाकर अमेरिकी स्‍तर का किया जाएगा।

  2. जिस व्‍यक्‍ति के पास स्‍विस एकांउन्‍ट होने की शंका/संभावना होगी उसपर जूरी के अनुमोदन, बहुमत के पूर्व अनुमोदन के बाद सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्‍ट किया जाएगा।

  3. स्‍विट्जरलैण्‍ड के साथ सभी व्‍यापारिक, पर्यटन और राजनैतिक संबंध समाप्‍त/रद्द कर दिया जाएगा जब तक कि वह बैंकिंग कानूनों में परिवर्तन नहीं करता।

  4. स्‍विटजरलैण्‍ड के साथ सभी व्‍यापारिक, पर्यटन और राजनैतिक संबंध समाप्‍त/रद्द करने के लिए दूसरे देशों से कहा जाएगा, जब तक कि वह बैंकिंग कानूनों में परिवर्तन नहीं करता।

   

(44.8) स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में सुधार करने और दवा की लागत कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

  1. प्रजा अधीन – केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य(तबियत) मंत्री, प्रजा अधीन – राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री , प्रजा अधीन –  जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी।

  2. प्रजा अधीन – भारतीय चिकित्‍सा परिषद्(इलाज समिति) अध्‍यक्ष और प्रजा अधीन – राज्‍य चिकित्‍सा परिषद् अध्‍यक्ष।

  3. कई बार डॉक्‍टर जानबूझकर महंगी दवाई लिखते हैं जबकि सस्‍ती दवा बाजार में उपलब्‍ध होती है। इसका समाधान क्‍या है, यदि मरीज, जो दवा वह ले जा रहा है उसके बारे में जानना चाहता है तो दवा विक्रेता/फार्मासिस्‍ट मरीज द्वारा लिए गए दवा की सूची को उसके मोबाईल नम्‍बर और इ-मेल आई डी के साथ दर्ज कर लेगा ताकि प्रतियोगी कम्‍पनियां उसे सस्‍ते मूल्‍य वाली समान दवाओं की सूची भेज सके।

  4. अनेक दवा-विक्रेता कम कमीशन पर दवाएं बेचना चाहते हैं लेकिन उसके साथी दवा-विक्रेता ऐसे दवा-विक्रेताओं को रोकने के लिए भाड़े पर अपराधियों को रखते हैं। प्रजा अधीन – पुलिस कमिश्नर कानून से अपराधियों की ताकत कम होगी और तब कम कीमतों पर दवाएं बेचने के इच्‍छुक दवा विक्रेता कम मूल्‍यों पर दवा बेचने में सफल होंगे।

  5. ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके पेटेंट कानून की प्रक्रिया समाप्‍त की जाए और ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके एक कानून लागू किया जाए कि एम.बी.बी.एस. आठ वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते और डी.एम. दो और वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते, और एम.डी. और 3 वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते।

  6. और ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके चिकित्‍सा में सभी स्‍व-वित्‍तपोषित(खुद का आर्थिक प्रबंद करने वाले) कॉलेजों को समाप्‍त किया जाए।

  7. जो डॉक्‍टर भारत में एम.बी.बी.एस. करते हैं उन्‍हें 8 वर्ष के लिए भारत में ही रहना/कार्य करना पड़ेगा, जो एम.डी. करते हैं उन्‍हें 2 और वर्षों तक के लिए भारत में ही रहना होगा, जो डाक्‍टर डी.एम. करते हैं उन्‍हें 3 और वर्षों तक के लिए भारत में ही रहना होगा।

   

(44.9) दूरसंचार / टेलीफोन , टीवी लाईनों में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

  1. प्रजा अधीन – ट्राई चेयरमैन, प्रजा अधीन – दूरसंचार मंत्री, प्रजा अधीन – संचार मंत्री, प्रजा अधीन – दूरदर्शन अध्‍यक्ष कानून लागू करने से टेलिविजन, केबल और दूरसंचार के व्‍यावसायों में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा।

  2. मोबाईल फोन में पोर्टेबल नम्‍बर।

  3. नागरिकगण प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) की ही तरह की प्रक्रिया अपनाकर केबल बिछाने वाली कम्‍पनियों को बुला/हटा सकते हैं।

  4. प्रसारकों को विज्ञापनों को डिजिटल हेडर ( मेटा डेटा) के साथ चिन्‍हित करना होगा ताकि अभिभावक/माता पिता विज्ञापनों को हटाने के लिए अपने डी.टी.एच. बाक्‍सों में प्रोग्रामिंग कर सके।

  5. नागरिकगण किसी चैनल को काली सूची में डाल सकते हैं ताकि इसका आगे प्रसारण न हो सके।

  6. डी.टी.एच. सेवा देने वाले (प्रदायक) को अपने चैनल-स्‍पेस(जगह) की नीलामी करनी होगी और सभी चैनलों से कुछ ढुलाई(कैरियर) शुल्‍क वसूलना होगा।

  7. प्रसारक को प्रत्‍येक चैनल अलग अलग बेचना होगा।(क्योंकि ग्राहकों के लिए सुविधाजनक और किफायती/सस्ता है)

  8. प्रत्‍येक नागरिक को एक मोबाईल नम्‍बर और एक नि:शुल्‍क मोबाईल फोन मिलेगा।

  9. प्रत्‍येक नागरिक को एक लैण्‍डलाईन नम्‍बर और एक नि:शुल्‍क लैण्‍डलाईन फोन मिलेगा।

   

(44.10)  नक्‍सलवाद की समस्‍या दूर करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट से गरीबी कम होगी और इस प्रकार नक्‍सलवाद की समस्‍या भी कम हो जाएगी।

2.    प्रजा अधीन – जिला पुलिस कमिश्नर ड्राफ्ट/प्रारूप, प्रजा अधीन – गृहमंत्री और प्रजा अधीन – मुख्‍यमंत्री ड्राफ्ट/प्रारूपों से पुलिस विभाग में भ्रष्‍टाचार कम होगा। इससे पुलिस द्वारा किए जाने वाले अत्‍याचार तथा प्राइवेट/निजी अपराधियों द्वारा भी किए जाने वाले अत्‍याचार कम हो जाएंगे। तब आदिवासी लोग गांवों और शहरों में अत्याचार का शिकार हुए बिना रह पाएंगे। और तब नक्‍सलवाद और कम हो जाएगा।

3.    प्रजा अधीन – पुलिस प्रमुख प्रारूप/ड्राफ्ट और प्रजा अधीन – गृहमंत्री से पुलिस बल में सुधार होगा और इससे पुलिसकर्मी नक्‍सल नेताओं को गिरफ्तार करने में समर्थ/सक्षम हो पाएंगे।

4.    प्रजा अधीन – जिला राशन(आपूर्ति) अधिकारी से राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) (अर्थात सार्वजनिक/जन वितरण प्रणाली(सिस्टम)) में सुधार आएगा और इससे भूखमरी कम होगी। इससे भी नक्‍सल नेताओं को भर्ती करने के लिए जो लोग मिल जा रहे हैं, उनकी संख्‍या घटेगी।

5.    अन्‍य अधिकारियों पर भी प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) कानून लगाने से संबंधित विभागों में भ्रष्‍टाचार कम होगा और इससे गरीबी और कम होगी।

6.    जूरी प्रणाली(सिस्टम) से उन लोगों को उचित मुआवजा मिलेगा जिनकी जमीनें ले ली जाती हैं और इसमें नक्‍सलियों को भर्ती के लिए मिलने वाले लोगों की संख्‍या कम होगी।

7.    अन्‍य प्रस्‍तावित कानूनों से बेरोजगारी कम होगी (कृपया “बेरोजगारी” पाठ अथवा उप-पाठ देखें) और इससे नक्‍सलियों को भर्ती के लिए मिलने वाले लोगों की संख्‍या कम होगी।

8.    जब हर आम आदमी को हथियार मिल जाएगा (कृपया “आम लोगों को हथियारों से लैस करना” पर पाठ(29) देखें) तो नक्‍सली लोग नागरिकों को परेशान नहीं कर पाएंगे।

   

(44.11) जनसंख्‍या बढौतरी को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट में ऐसे क्‍लॉज/खण्‍ड हैं कि यदि किसी माता-पिता के ज्‍यादा बच्‍चे होंगे तो खनिज रॉयल्‍टी के रूप में उन्‍हें मिलने वाली धनराशि/पैसा कम हो जाएगा।

2.    वृद्ध आश्रमों (बूढ़ों के लिए घर) में सुधार करना होगा ताकि नागरिकों में अधिक बच्‍चे पैदा करने की इच्‍छा कम हो जाए।

   

(44.12) बालिका (लड़की) के गर्भ-हत्‍या कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) कानून के ड्राफ्ट में निम्‍नलिखित क्‍लॉज/खण्‍ड हैं जिनसे लड़कियों के प्रति माता-पिता के पक्षपातपूर्ण(तरफदारी वाला) रवैये में कमी आएगी।

इस कानून के पारित/पास हो जाने के एक वर्ष के बाद किसी व्‍यक्‍ति को मिलने वाला किराया:-

  • 33 प्रतिशत बढ़ जाएगा यदि उसका कोई बच्‍चा नहीं है।

  • 33 प्रतिशत कम हो जाएगा यदि उसका (2 बेटी, 1 बेटा) अथवा (1 बेटी, 1 बेटा) अथवा 2 बेटे अथवा 3 बेटियों से अधिक बच्‍चे होंगे जिनमें से सबसे छोटा बच्‍चा इस कानून के पास/पारित होने के 1 वर्ष के बाद पैदा हुआ हो।

  • 66 प्रतिशत कम हो जाएगा यदि उसके (3 बेटी, 1 बेटा) अथवा (2 बेटी, 2 बेटा) अथवा (1 बेटी, 2 बेटा) अथवा 3 बेटे अथवा 4 बेटियों से अधिक बच्‍चे होंगे जिनमें से सबसे छोटा बच्‍चा इस कानून के पास/पारित होने के 1 वर्ष के बाद पैदा हुआ हो।

   

(44.13) पानी पर झगड़ा सुलझाने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

राज्‍य के प्रत्‍येक नागरिक को उस राज्‍य में उपलब्‍ध पानी की मात्रा में (राज्‍य की) जनसंख्‍या से भाग देने के बाद मिलने वाले योगफल के बराबर पानी-राशन(भत्ता) मिलेगा। और नदियों के लिए किसी राज्‍य का हिस्‍सा उस राज्‍य से होकर गुजरने वाली नदी की (उस राज्‍य में) लम्‍बाई के बराबर होगा।

नागरिक इस पानी-राशन(भत्‍ते) को पानी के उपयोग करने वाले किसी भी व्‍यक्‍ति को अथवा किसी भी राज्‍य के पानी खरीददार को दे(आवंटित कर) सकते हैं। अत: अब पानी का देना(आवंटन) नागरिकों द्वारा नागरिकों को किया जाएगा और इस प्रकार सरकार विवादों से दूर रहेगी।

   

(44.14) राशन कार्ड प्रणाली (सिस्टम) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – नागरिक आपूर्ति(सप्लाई/राशन) मंत्री और प्रजा अधीन – जिला राशन(आपूर्ति) अधिकारी से राशन कार्ड विभाग में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा।

2.    मैं प्रस्‍ताव करता हूँ कि नागरिकों को ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके एक प्रक्रिया लागू करवाना चाहिए जिससे नागरिक राशन कार्ड मालिक को किसी भी दिन (यदि चाहे तो) बदल सकें ताकि राशन कार्ड की दुकान पर होने वाली हेराफेरी कम हो सके और उसकी सेवा में सुधार हो सके।

3.    नागरिक राशन(आपूर्ति) विभाग में सभी रिकार्डों का पूर्ण कम्‍प्‍यूटरीकरण हो।

4.    मनुष्‍यों के द्वारा खाए जाने वाले अनाज/`खाने की चीज(खाद्य पदार्थ) मवेशियों या जानवरों को खिलाने पर प्रतिबंध हो।

5.    गाय का दूध राशन कार्ड की दुकानों के जरिए घटी/सब्‍सीडी दरों पर बेचा जाए (प्रति व्‍यक्‍ति प्रति दिन लगभग 100 मिलीलीटर देशी गाय के दूध को लागत के साथ 7 प्रतिशत का लाभ जोड़ कर ख़रीदा जायेगा और इसे 50 प्रतिशत कम कीमत पर राशन कार्ड दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा)।

6.    राशन कार्ड दुकान मालिकों को लागत पर खाने-पीने की चीज और दूध घरों में सप्‍लाई करने में समर्थ/सक्षम बनाना होगा। अंतिम/वास्‍तविक उपभोक्‍ता लागत नकद अथवा वस्‍तु के रूप में देगा।

7.    राशन कार्ड की दुकानों को एस.एम.एस. के जरिए वास्‍तविक/अंतिम ग्राहक/उपभोक्‍ता से जोड़ना होगा।

   

(44.15) झूठे टेलिविजन-विज्ञापनों / प्रचार को रोकने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    टेलिविजन पर दिए जानेवाले प्रचार/विज्ञापनों को जूरी-सदस्‍य के सामने चुनौती दी जा सकती है और जूरी-सदस्‍य झूठे प्रचार/विज्ञापनों के लिए दण्‍ड लगा सकते हैं।

2.    ऐसी प्रक्रियाएं/तरीका लागू करें कि यदि कोई कम्‍पनी जो झूठे विज्ञापन देती है, उसे (नागरिकों के ) बहुमत द्वारा बड़ा दण्‍ड लगाया जा सके।

3.    टेलिविजन प्रचार/विज्ञापन (टैक्‍स में) घटाया जा सकने वाला खर्च नहीं होगा।

   

(44.16) अमेरिका की धमकी / खतरे से निपटने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` का प्रस्‍ताव

1.    भारतीय सेना की ताकत बढ़ाई जाए।

2.    मैक्‍सिको में अड्डे/बेस बनाएं जाएं।

3.    अमेरिका में अफ्रीकियों को जो अमानवीय व्‍यवहार/अत्‍याचार का सामना करना पड़ता है, उसे कम करने की पहल की जाए।

   

(44.17)  परमाणु बिजली और परमाणु हथियारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    अफ्रीकी देशों और मध्‍य एशिया के देशों से संबंध सुधारे जाएं क्‍योंकि ये देश युरेनियम ऑक्‍साईड शक्‍ति की सप्लाई(आपूर्ति) कर सकते हैं।

2.    परमाणु बिजली के लिए जरूरी मशीनों के दूसरे देशों से मंगाने(आयात) पर प्रतिबंध लगाया जाए। परमाणु बिजली के निर्माण के लिए आवश्‍यक औजार(उपकरण) के स्‍थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया जाए।

3.    परमाणु हथियार की नीति हो – “पहले (परमाणु हत्यारों की) चीन के साथ बराबरी ।”

   

(44.18)  ट्रैफिक / यातायात को व्‍यवस्‍थित करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – पुलिस कमिश्नर कानून से यातायात देखरेख के कार्य में सुधार आएगा और ट्रैफिक/यातायात विभाग में भ्रष्‍टाचार कम होगा। साथ ही, पुलिस कमिश्नर को मजबूर/बाध्‍य किया जाए कि वे “राहगीर/पैदल चलने वालों को प्राथमिकता/सबसे ज्यादा  महत्त्व(पहले पैदल वाला)” की नीति अपनाएं।

2.    प्रजा अधीन – नगर निगम कमिश्नर(आयुक्त) से सड़कों के नक्‍शे/ले आउट में सुधार आएगा और “राहगीर/पैदल चलने वालों को प्राथमिकता/सबसे ज्यादा महत्त्व(पहले पैदल वाला)” की नीति भी बन जाएगी।

3.    स्‍थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 33 प्रतिशत सीमा-शुल्क/आयात-शुल्‍क लागू की जाए और मजदूर सम्बंधित(श्रम) कानून समाप्‍त किया जाए।

4.    सड़कों आदि पर हजारों कैमरे लगाए जाएं। इससे नजर रखने(मानिटरिंग )के कार्य में सुधार आएगा।

5.    पटरी/फुटपाथ (की स्‍थिति) में सुधार किया जाए।

6.    वाहन टैक्‍स का उपयोग करके बस सेवाओं में वृद्धि/बढ़ोत्‍तरी की जाए।

7.    वार्षिक वाहन-कर/टैक्‍स में बढ़ोतरी/वृद्धि की जाए। केवल वाहन-कर के पैसे से सड़कें बनाईं जाएँगी और इस्तेमाल/उपयोग की जाएँगी |

   

(44.19)  जी.एम.(जेनेटिक / वंश रूप से बदला हुआ) और बी.टी. (बैक्‍टीरिया कीटाणू युक्‍त) भोजन पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके बी.टी.(बैक्टीरिया कीटाणू युक्त) खाने-पीने की चीज पर प्रतिबंध लगाया जाए। एक बार यदि नागरिकों को `पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)`के जरिए कृषि मंत्री को हटाने, जेल भेजने, फांसी दिलवाने का अधिकार मिल जाए तो वे बी.टी. (बैक्टीरिया कीटाणू युक्त)  खाने-पीने की चीज की तरह के प्रस्‍ताव पर हस्‍ताक्षर करने का साहस नहीं करेंगे।

2.    जी.एम.(वंश रूप से बदला हुआ) खाने-पीने की चीज/खाने को बैन/प्रतिबन्ध किया जाना चाहिए |

   

(44.20)  श्रम कानून (मजदूर सम्बन्धी क़ानून) पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) ड्राफ्ट/प्रारूप प्रत्‍येक मजदूर/श्रमिक को लगातार मासिक आमदनी देगा और इस प्रकार उन्‍हें अत्याचार से सुरक्षित/प्रतिरक्षित करेगा। इस प्रकार, मजदूर की मोलभाव करने की ताकत बढ़ेगी।

2.    मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रणाली (सिस्टम) और `अनिवार्य/जरूरी बचत योजना` लागू की जाए ताकि बेरोजगार रहने के दौरान वे गुजारा (जीवन-निर्वहन) कर सकें।

3.    ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके, मजदूरों को आसानी से रखने, हटाने संबंधी (हायर-फायर) कानून लागू किया जाए ताकि मजदूर-अनुशासन-हीनता में कमी आए और कम व्‍यवसाय के समय मालिक अपनी आर्थिक बोझ कम कर सके।

4.    सर्वजन/व्यापक भविष्‍य निधि(प्रोविडेंट फन्‍ड(पी.एफ) योजना) लागू की जाए और इसकी देखरेख सीधे वित्‍त-मंत्री द्वारा की जाए। प्राइवेट/निजी कम्‍पनियों के कर्मचारियों के लिए भविष्‍य निधि योजना(प्रोविडेंट फंड योजना) बन्‍द कर दी जाए।

5.       सर्वजन पेंशन योजना लागू की जाये| प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना बंद की जाये |

मजदूर /श्रम सम्बन्धी क़ानून
बेकार मजदूर/श्रम सम्बन्धी क़ानून भारत में इसीलिए हैं क्योंकि नेता लोगों को विदेशी और देशी विशिष्ट वर्ग/ऊंचे लोगों द्वारा रिश्वत दी जाती है | मजदूर सम्बन्धी क़ानून , छोटे व्यापारियों को ज्यादा नुकसान करते हैं बड़े  व्यापारियों के मुकाबले और बड़े व्यापारियों को ज्यादा नुकसान देते हैं विदेशी व्यापारियों के मुकाबले में | यदि मजदूर सम्बन्धी क़ानून नहीं होते , तो छोटे-मोटे उद्योगपति बड़े हो जाते और दर्जनों `एल एंड टी` डाल देते और `एल.एंड.टी` को भारत से भागना पड़ता |

इसीलिए , यदि “ सांसद में भ्रष्टाचार “ समस्या को ठीक कर दिया जाए (प्रजा अधीन-प्रधानमंत्री और प्रजा अधीन-सांसद  द्वारा) तो , `मजदूर सम्बन्धी क़ानून` , कुछ ही हफ़्तों में `आसानी से मजदूरों को निकालने और रखने के क़ानून` हो जाएँगे |

   

(44.21) वनों / जंगलों के सुरक्षा पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    जमीन पर सम्‍पत्ति-कर लगाने से यह पक्का/सुनिश्‍चित होगा कि व्‍यावसायिक, औद्योगिक और रहने के(रिहायशी) उद्देश्‍यों/इरादा के लिए कम जमीन की जरूरत पड़ेगी ।

2.    राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) में सुधार किया जाए, समर्थन दाम(मूल्‍य) बढ़ाया जाए, पूंजी(निवेश) पर सभी प्रकार की आर्थिक सहायता/रियारत हटा दी जाए। इससे मांसाहारी भोजन के लिए दी जाने वाली सभी रियायतें/आर्थिक सहायता समाप्‍त हो जाएंगी और इससे खाने-पीने की चीज के लिए जमीन की जरूरत कम हो जाएगी और वन/जंगल के लिए अधिक जमीन बचेगी ।

3.    लकड़ी पर समान राशन(भत्‍ता) प्रणाली(सिस्टम) लागू करें। इससे जंगल की लकड़ी की अवैध कटाई पर रोक लगेगी और लकड़ी की खपत भी कम होगी ।

   

(44.22) वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रदूषक पदार्थ पर समान राशन(भत्‍ता) लागू करें।

2.    प्रजा अधीन – प्रदूषण रोक/नियंत्रण बोर्ड अध्‍यक्ष लागू होने से प्रदूषण विभाग में फैला हुआ/व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार कम होगा और प्रवर्तन/अमल में सुधार होगा।

   

(44.23) इंस्‍पेक्‍टर राज खत्‍म करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    सभी नोडल कमिश्नर (अथवा मुख्‍य कमिश्नर(आयुक्त), अध्‍यक्ष) स्‍तर के अधिकारियों पर प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) लागू करने से यह पक्का/सुनिश्‍चित होगा कि वे गलती करने वाले इंस्‍पेक्‍टरों के खिलाफ सबूत प्राप्‍त करने के लिए जाल बिछाएं। इस प्रकार, इंस्‍पेक्‍टर राज खत्‍म हो जाएगा। उदाहरण – जब नागरिकों के पास प्रदूषण जांच/नियंत्रण बोर्ड के अध्‍यक्ष को हटाने/बर्खास्‍त करने की प्रक्रिया (कानून) होगा तो अध्‍यक्ष यह पक्का/सुनिश्‍चित करेंगे कि इंस्‍पेक्‍टर घूस न ले/वसूले।

2     सरकारी कर्मचारियों पर जूरी सुनवाई से यह सुनिश्‍चित/पक्‍का होगा कि भ्रष्‍ट इंस्‍पेक्‍टर कैद होने/जेल जाने से न बच सके। इससे घूसखोरी कम हो जाएगी।

3.    इसके अलावा, लेबर (मजदूर सम्बंधित ) इंस्‍पेक्‍टर , पी.एफ.(प्रोविडेंट फंड) इंस्‍पेक्‍टर आदि जैसे कई पद समाप्‍त कर दिए जाएं।

   

(44.24) गो-हत्‍या समाप्‍त / कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    गौ-हत्‍या पर सारे भारत में प्रतिबंध/रोक लगायी जाएगी। सांढ़ का बध करना और मांस (बेचना) राज्‍य सरकार पर निर्भर करेगा कि वह इसकी अनुमति दे या न दे।

2.    गाय को गर्भधारण कराने में लिंग चयन/चुनाव की तकनिकी/प्रौद्योगिकी विकसित की जाएगी । इसलिए यदि कोई गाय मालिक गाय या सांढ़/बैल चाहे तो वह ऐसा कर सके।

3.    टैक्‍टर के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता/रियायत समाप्‍त/रद्द कर दी जाए। इससे सांढ़/बैलों की संख्‍या बढ़ेगी।

4.    गाय का मांस बेचने पर बैन/प्रतिबंध लगेगा। भारत भर में कहीं भी ऐसा करने पर जूरी 5 वर्ष की कैद/जेल की सजा दे सकती है।

5.    भारत भर में कहीं भी गाय का कसाईघर चलाने वाले व्‍यक्‍ति को जूरी-मंडल ,10 वर्ष की कैद की सजा दे सकती है।

6.    गाय के लिए गौशालों का खर्च भारत सरकार वहन करेगी।

7.    गाय का निर्यात नहीं होगा। गाय के मांस का निर्यात करने वाले किसी भी व्‍यक्‍ति को 5 साल के कैद की सजा दे सकती है।

8.    किसी एक राज्‍य की गाय किसी दूसरे राज्‍य में नहीं ले जाई जा सकेगी या दूसरे राज्‍य में नहीं बेची जाएगी।

9.    सरकार बुढ़ी गायों को तय/नियत कीमत पर खरीदेगी।

10.   गाय या भैंस के लिए कोई रियायत/आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी।

11.   दूध पर ‘गाय का दूध’ या ‘भैंस का दूध’ का अलग-अलग लेबल चिपकाया जाएगा। इस लेबल में यह भी बताया जाएगा कि दूध “देशी” या  “गिर” या  “जर्सी” गाय में से किसका है।

12.   राशन कार्ड की दुकानों के जरिए रियायती/कम दाम(मूल्य) पर देशी गाय का दूध बेचना (प्रति व्‍यक्‍ति प्रति दिन लगभग 100 मिलीलीटर देशी गाय का दूध इसकी लागत और 7 प्रतिशत लाभ के योग के बराबर मूल्‍य पर लाया जाएगा और राशन कार्ड की दुकानों के जरिए 50 प्रतिशत कम कीमत पर बेचा जाएगा।

   

(44.25) भूमि / जमीन से जुड़े अपराध कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्‍लॉटों और बिल्‍डरों पर टोरेन्‍स प्रणाली (सिस्टम) लागू करने से सम्‍पत्‍ति से जुड़े अपराध कम हो जाएंगे।

2.    यदि मालिक चाहे तो सरकार उसकी सम्‍पत्‍ति का जानकारी/विवरण, जगह (की जानकारी) इंटरनेट पर डालेगी/प्रकाशित करेगी। इस प्रकार यदि मालिक धोखे/फर्जी तरीके से बदल दिया जाता है तो कुछ ही मिनटों में उसका पता चल जाएगा।

3.    जब एक बार कोई सम्‍पत्‍ति प्रकाशित हो जाएगी तो यह अगले 30 वर्षों के लिए “प्रकाशित” ही रहेगी।

   

(44.26) हिंसा वाला अपराध को रोकने / कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – पुलिस कमिश्नर और पुलिसकर्मियों पर जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से पुलिस-अपराधी सांठ-गाँठ/मिली-भगत और पुलिसवालों में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा। इससे हिंसक अपराध भी कम होंगे।

2.    प्रजा अधीन – जज से जजों में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा और इसलिए हिंसक अपराध भी कम होंगे।

3.    जूरी प्रणाली (सिस्टम) से इस बात की संभावना घटेगी कि हिंसक अपराधी छूट जाए और इसलिए हिंसक अपराध भी कम होंगे।

4.    प्रत्‍येक नागरिक को अपने साथ बंदूक रखनी होगी और इससे हिंसक अपराध और भी कम हो जाएंगे।

   

(44.27)  अंधविश्‍वास को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    जूरी किसी व्‍यक्‍ति को जेल की सजा दे सकते हैं जो अंधविश्‍वास के नाम पर पैसे चुराता/ठगता रहा हो।

2.    प्रजा अधीन – जिला शिक्षा अधिकारी से विज्ञान की शिक्षा में सुधार होगा।

   

(44.28)  बुढ़ापा (वृद्धावस्‍था) पेंशन प्रणाली (सिस्टम) के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट लागू हो जाने पर बुढ़ापा (वृद्धावस्‍था) पेंशन प्रणाली (सिस्टम) बन जाती है ।

   

(44.29)  दलितों पर अत्‍याचार रोकने / कम करने और दलितों की सामाजिक स्‍थिति में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    “जूरी के अनुमोदन से सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्‍ट” का प्रयोग करने से यह जानना संभव हो जाएगा कि किसी व्‍यक्‍ति ने वास्‍तव में अत्‍याचार किया है या नहीं। इससे दोषी व्‍यक्‍ति के छूट जाने की संभावना घटेगी और सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्‍ट का सामना करने का डर ,अपराध/अत्‍याचार रोकने का काम करेगा।

2.    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) ड्राफ्ट से दलितों में व्‍यापक रूप से फैली हुई/व्‍याप्‍त गरीबी दूर होगी और इससे दलितों पर अत्‍याचार भी कम हो जाएगा।

3.    प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) से भ्रष्‍टाचार कम होगा और भ्रष्‍टाचार कम होने से सभी गरीबों की गरीबी दूर होगी। इससे गरीब दलितों की स्‍थिति सुधरेगी, वे मजबूत होंगे और इससे दलितों पर अत्‍याचार में कमी आएगी।

4.    प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) अत्‍याचार कैसे कम करेगा ? :  दलितों पर अत्‍याचार/उत्‍पीड़न की अनेक घटनाएं इसलिए होती हैं कि जज और पुलिस प्रमुख बिक जाते हैं। उदाहरण- अनेक मंदिरों में दलितों को घुसने से मना कर दिया जाता है क्‍योंकि मंदिरों के मालिक यह जानते हैं कि जज और पुलिस प्रमुख उनके खिलाफ जाल नहीं बिछाएंगे और/अथवा उन्‍हें सज़ा नहीं देंगे। प्रजा अधीन – जज और प्रजा अधीन – पुलिस प्रमुख कानून जजों और पुलिस प्रमुखों को विवश/मजबूर कर देगा कि वे जाल बिछाएं और ऐसे मंदिर मालिकों को सजा भी दें। इससे दलितों के विरूद्ध अत्‍याचार कम हो जाएगा।

5.    अनेक लोग जो दलितों पर अत्याचार करते हैं वे छूट जाते हैं क्‍योंकि उनका जजों के साथ सांठ-गाँठ/मिली-भगत होती है। जूरी प्रणाली(सिस्टम) इस समस्‍या को कम कर देती है और इसलिए जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू हो जाने के बाद दलितों पर अत्‍याचार कम हो जाएगा।

   

(44.30) महिलाओं के विरूद्ध अपराध को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    “जूरी के अनुमोदन से सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्‍ट” का प्रयोग करने से यह जानना संभव हो जाएगा कि किसी व्‍यक्‍ति ने असल में महिला पर अत्‍याचार किया है या नहीं जिसका आरोप उसपर लगाया गया है। इससे दोषी व्‍यक्‍ति के छूट जाने की संभावना घटेगी और सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्‍ट का सामना करने का डर अपराध/अत्‍याचार रोकने का काम करेगा।

2.    मैं प्रस्‍ताव करता हूँ कि प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) का प्रयोग करके नागरिकों को एक प्रक्रिया लागू करनी/करवानी चाहिए जिससे महिलाएं राष्‍ट्रीय महिला आयोग की अध्‍यक्ष को हटा/बर्खास्‍त कर सकें। इससे अध्‍यक्ष गरीब और असहाय महिलाओं की समस्‍या सुलझाने के लिए विवश/मजबूर होंगे। ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)  प्रारूप/ड्राफ्ट गरीब महिलाओं की गरीबी कम/दूर कर देगा और इस प्रकार सभी गरीब महिलाओं को लाभ होगा।

3.    राष्‍ट्रीय डी.एन.ए. आंकड़ा कोष(डाटाबेस) तैयार करने से पुलिसकर्मी बलात्‍कारियों को तेजी से पकड़ने में कामयाब/समर्थ होंगे और यह साबित भी कर पाएंगे कि वास्‍तव में बलात्‍कार हुआ है।

   

(44.31) खाने-पीने की चीज की मिलावट कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी और प्रजा अधीन – जज से अनाज में मिलावट कम हो जाएगा।

2.    अनाज में मिलावट करने वालों को सजा देने के लिए जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से मिलावट कम होगी।

   

(44.32) मुख्‍य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

   

                       

1.    ‘प्रजा अधीन – ‘मुख्‍य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों(पब्लिक कारखाने) के प्रमुख’ कानून लागू करने से इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा और इनकी कार्य-क्षमता/कुशलता भी बढ़ेगी।

2.    इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों(पब्लिक कारखानों) के मजदूरों/कर्मचारियों पर जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से भी भ्रष्‍टाचार कम होगा और इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) की कार्य-क्षमता में सुधार होगा।

   

(44.33) टेलिविजन समाचार चैनल (मीडिया) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    प्रजा अधीन – ट्राई अध्‍यक्ष, प्रजा अधीन – दूरदर्शन प्रमुख, प्रजा अधीन – सूचना मंत्री से टेलिविजन चैनलों के प्रशासन में भ्रष्‍टाचार कम हो जाएगा।

2.    प्रत्‍येक राज्‍य/जिले का अपना एक समाचार चैनल होगा जिसके प्रमुख उस राज्‍य/जिले के नागरिकों द्वारा बदले जा सकेंगे और इससे समाचार चैनलों के स्‍तर में सुधार होगा।

3.    प्रचार/विज्ञापनों को आयकर में हटाए जा सकने वाले खर्च के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी।

4.    इंटरनेट के दाम(मूल्‍य) कम किया जाएगा ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा नागरिक इंटरनेट का उपयोग करने लगेंगे और इसलिए टेलिविजन चैनलों का प्रभाव कम हो जाएगा।

   

(44.34) समाचार पत्र (मीडिया) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    टेलिविजन, समाचारपत्र, होर्डिंग आदि में प्रचार/विज्ञापन को आयकर में घटाए जा सकने वाले खर्च के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी।

2.    समाचारपत्र और पत्रिकाओं के पोस्‍ट/डाक द्वारा भेजने में रियायत/आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी।

3.    भारत सरकार का राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक समाचार पत्र होगा, राज्‍य स्‍तर पर एक समाचार पत्र होगा और समाचार पत्र के प्रमुख नागरिकों द्वारा बदले जा सकेंगे।

   

(44.35) बेतहाशा / बेकार के सरकारी खर्चे में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    एकाउन्‍टेन्‍ट/मुनीम प्रत्‍येक लेन-देन का जानकारी(ब्‍यौरा), आपातकालीन लेनदेनों को छोड़कर, लेनदेन करने से कम से कम 7 से 45 दिनों पहले भेज देगा।

2.    कोई नागरिक किसी भी लेनदेन को जूरी सदस्‍यों के सामने चुनौती दे सकता है। और जूरी सदस्‍य भुगतान को रद्द कर सकते हैं। दूसरे शब्‍दों में, जूरी द्वारा की जाने वाली समीक्षा बेतहाशा/बेकार सरकारी खर्च कम कर देगा।

   

(44.36) पानी के मीटर लगाकर / प्रयोग करके पानी की बरबादी रोकने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

  1. नागरिकों को बोरिंग, नदियों, तालाबों आदि से बेचे जाने वाले पानी का पैसा मिलेगा अथवा पैसे के बदले उन्‍हें मुफ्त कोटा मिलेगा।

  2. सभी नए फ्लैटों (फ्लैटों में फ्लैट, बंगला, कार्यालय आदि शामिल हैं) में पानी का मीटर लगाना जरूरी है।

  3. सभी बने हुए फ्लैटों के लिए सबसे महंगे फ्लैटों/बंगलों से शुरू करके सभी फ्लैटों में पानी का मीटर लगाना जरूरी होगा।

  4. सभी बोरिंग और नगर निगम के कनेक्‍शनों में पानी का मीटर होगा।

  5. पानी का सभी शुल्‍क मीटर के आधार पर ही लिया जाएगा।

इससे पानी की बरबादी कम होगी।

   

(44.37) सर्वजन बैंकिंग प्रणाली(सिस्टम) के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

1.    हर नागरिक का 11 नम्‍बरों का राष्‍ट्रीय पहचान पत्र होगा (ग्‍यारहवां अंक जांचे जाने के लिए होगा)।

2     राष्‍ट्रीय पहचान पत्र ही नागरिकों का बैंक खाता संख्‍या, पासपोर्ट संख्‍या, टैक्‍स संख्‍या इत्‍यादि इत्‍यादि होगा।

3.    सभी लेनदेन चाहे वह चेक से हो या नकद के रूप में, उसमें वही/समान पहचानपत्र लगाया/जोड़ा जाएगा।

   

(44.38) मासिक आयकर (आय पर टैक्स) भरना

1.    इस प्रस्‍ताव का लाभ यह है कि नागरिकों को केवल पिछले 24 महीनों का बिल/इनव्‍वायस/बैलेंस शीट का लेखा जाखा ही रखने की जरूरत होगी।

2.    भुगतान करने वाली और भुगतान प्राप्‍त करने वाली कम्‍पनियों के बैलेंस शीट के बीच तेज़ी से तालमेल।

3.    भुगतान करने वाले और भुगतान प्राप्‍त करने वाले के बीच भुगतान और प्राप्‍ति रसीद में  तेज़ी से तालमेल।

4.    भुगतान करने वाले और भुगतान प्राप्‍त करने वाले के बीच केवल देय खाते और प्राप्‍ति खाते में तेज़ी से तालमेल।

5.    कर्ज लेने वाले और कर्ज देने वाले के बीच कर्ज और सम्‍पत्‍ति का तेज़ी से तालमेल।

6.    मासिक सम्‍पत्‍ति और सम्‍पत्‍ति-कर विवरण/टैक्‍स रिटर्न से आय के साथ सम्‍पत्‍ति को जोड़कर उनमें तालमेल बिठाया जाएगा।

मासिक विवरण देने से समय सीमा नियमित हो जाएँगी और लोगों के पास सम्‍पत्‍ति या आय छिपाने और टैक्‍स से बचने का अवसर कम होगा और ईमानदार करदाता को केवल पिछले 24 महीनों का ही बिल आदि रखने की जरूरत होगी और कुछ भी नहीं।

   

(44.39)  सामाजिक अन्‍याय कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

निम्‍नलिखित प्रस्‍तावित कानूनों से सामाजिक अन्‍याय कम होगा :-

1.    साक्षात्कार/इंटरव्‍यू समाप्‍त करना, भर्ती/नियुक्‍ति केवल लिखित परीक्षा द्वारा।

2.    आरक्षण पर आर्थिक विकल्‍प

3.    ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.)

4.    आम लोगों को हथियारों से लैस करना

5.    प्रजा अधीन – जिला पुलिस प्रमुख

6.    प्रजा अधीन – जज

7.    प्रजा अधीन – जिला शिक्षा अधिकारी

   

(44.40)  साम्‍प्रदायिक हिंसा कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

सभी प्रकार के साम्‍प्रदायिक, जातिवादी आदि सभी प्रकार की हिंसा पर जूरी सुनवाई करान जरूर/आवश्‍यक होगा और ये सांप्रदायिक हिंसा समाप्त करने के लिए काफी/पर्याप्‍त होगा ।

श्रेणी: प्रजा अधीन