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अध्याय 32 – `जनता द्वारा राईट टू रिकाल-लोकपाल` – लोकपाल को विदेशी कंपनियों के एजेंट बनने से रोकने के लिए जरूरी है `भ्रष्ट लोकपाल को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार`

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`जनता द्वारा राईट टू रिकाल-लोकपाल` – लोकपाल को विदेशी कंपनियों के एजेंट बनने से रोकने के लिए जरूरी है `भ्रष्ट लोकपाल को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार`

 

`जनता द्वारा राईट टू रिकाल-लोकपाल` – जनलोकपाल को विदेशी कंपनियों के एजेंट बनने से रोकने के लिए जरूरी है `भ्रष्ट लोकपाल को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार`

स्वामी दयानद सरस्वती जी ने अपनी पुस्तक `सत्यार्थप्रकाश` के अध्याय 6 के पहले पन्ने में कहा है कि “राजा प्रजा-अधीन होना चाहिय और यदि राजवर्ग प्रजा-अधीन नहीं होगा , तो जैसे माँसाहारी पशु दूसरे छोटे पशुओं को खा जाते हैं, उसी तरह राजवर्ग नागरिकों को लूट लेगा और देश को बरबाद कर देगा “ |

यहाँ `राजवर्ग` का अर्थ प्रशासन करने वाले , यानी मंत्री,जज और अफसर हैं | और `अधीन` का अर्थ मंत्रियों, जजों और अफसरों को बदलना/सज़ा देना है |

ये लोकपाल के लिए भी लागू होता है | यदि लोकपाल प्रजाधीन नहीं है, तब लोकपाल धन-लोकपाल हो जायेगा, यानी रिश्वत लेकर भ्रष्ट हो जायेगा | विदेशी कंपनियों से रिश्वत लेकर विदेशी बैंक में पैसा रखेगा, और उसे कभी भी सज़ा नहीं होगी क्योंकि विदेशी बैंक, बैंक खाते के रिकोर्ड नहीं देते और कोई सबूत नहीं होगा लोकपाल के खिलाफ | इसके बावजूद, अन्ना और `इंडिया अगेंस्ट कोर्रुप्शन ` के सबसे बड़े नेताओं का अभी तक कोई  आशावादी जवाब नहीं आया है `प्रजा अधीन-लोकपाल` और पारदर्शी शिकायत प्रणाली(सिस्टम) के खंड/धाराओं पर |

 

32.1 माननीय अन्ना जी, कृपया पारदर्शी शिकायत/सुझाव प्रणाली के खंड/धारा और राइट टू रिकॉल लोकपाल खंड/धारा को जनलोकपाल बिल में जोड़े

वंदे मातरम |
मैं अन्ना जी से निवेदन करता हूँ की वे इन खंडों को सम्मिलित करें क्योंकी वे सरकार के द्वारा नियुक्त  लोकपाल ड्राफ्ट समिति के सदस्य थे और सरकार से बातचीत कर रहे हैं (अगस्त 24,2011 की तारीख को) I मेरे विचार से, इन खण्डों से पारदर्शिता बढ़ेगी और लोकपाल के भ्रष्ट और तानाशाही होने की सम्भावना को कम करेगी Iअधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) इन प्रस्तावित ड्राफ्ट पर www.righttorecall.info/004.h.pdf में दिए गए हैं  | इस लेख्य पत्र को लोकपाल परामर्श  वेबसाइट पर प्रस्तुत किया गया है जिसका सिरिअल नम्बर है- #A247LB I यदि आपको सुझाव अच्छे लगे जो यहाँ दिए गए हैं, अच्छे लगें , तो कृपया इसे (#A247LB) अन्नाजी को भेजिए |

1) मैं सबसे निवेदन करता हूँ की निम्नलिखित सन्देश को लोकपाल परामर्श साईट पर पोस्ट करे या अन्नाजी को पोस्टकार्ड लिखें-
माननीय अन्नाजी,
मेरी 3 विनती है आपसे –

1. कृपया नागरिकों को देखने दीजिए जो सुझाव दिए जा रहा हैं, ड्राफ्ट कमिटी के वेबसाइट पर और उन सुझावों पर  अन्य लोगों अपने कमेन्ट डाल सकें , ऐसी व्यवस्था करें |
2. कृपया वे खंड/धारा जोड़े लोकपाल बिल में ,जिससे यह सुनिश्चित हो कि नागरिक एक एफिडेविट लोकपाल के वेबसाइट पर रख सकें और अन्य नागरिक अपना नाम उसके साथ जोड़ सकें, उस एफिडेविट का समर्थन करने के लिए  I
3. कृपया राइट टू रिकॉल खंड/धारा को आज ही जोड़े ,अगले जन्म में नहीं I बिना राइट टू रिकॉल जन लोकपाल संभव है कि वो धन लोकपाल बन जाएगा I नागरिकों कों 10 लोकपाल सदस्य और एक लोकपाल अध्यक्ष में से एक को के द्वारा बदलने का अधिकार हो I
नमस्कार, _________________________(अपना नाम)

 

32.2 तीन पारदर्शी शिकायत/सुझाव प्रणाली के खंड/धारा

निम्नलिखित खंड/धारा जोड़े जाने के लिए प्रस्तावित हैं लोकपाल बिल में, शिकायत/सुझाव प्रणाली में पारदर्शिता देने के लिए |

धारा–NN : पारदर्शी शिकायत/सुझाव प्रणाली के खंड/धारा

खंड/धारा # -(अधिकारी जिसके लिए निर्देश है)

प्रक्रिया/पद्धति

खंड/धारा 1- (कलेक्टर(या उसके द्वारा नियुक्त कार्यकारी मेजिस्ट्रेट) को निर्देश)

राष्ट्रपति के द्वारा यह आदेश दिया जाता है कि : यदि कोई दलित वोटर या वरिष्ठ वोटर या गरीब वोटर या किसान वोटर या अन्य नागरिक वोटर उनके जिला में यदि कोई शिकायत देना चाहता है लोकपाल को ,तो वह कलेक्टर (या उसके द्वारा नियुक्त कार्यकारी मेजिस्ट्रेट) को शिकायत वेबसाइट पर रखने की विनती करेगा| कलेक्टर या उसका द्वारा नियुक्त कार्यकारी मेजिस्ट्रेट एक सीरियल नंबर/क्रमांक संख्या देकर वह एफिडेविट लोकपाल के वेबसाइट पर रखेगा  रु. 20 प्रति पन्ना लेकर I एफिडेविट को कार्यकारी मेजिस्ट्रेट के मुहर लगाने से पहले ही तैयार कर लेना पड़ेगा जो की रु. 20 में लिया जाएगा और दो साक्षी द्वारा हस्ताक्षर किये गए हों I शिकायत करने वाला और दोनों साक्षीयो के पास मतदाता पहचान पत्र होना अनिवार्य है I

खंड/धारा 2- (तलाटी/पटवारी/गांव के अधिकारी/लेखपाल (या उसका क्लर्क) को निर्देश)

राष्ट्रपति पटवारी को यह आदेश देता है की :
(2.1) यदि कोई दलित वोटर या वरिष्ठ वोटर या गरीब वोटर या किसान वोटर या अन्य नागरिक वोटर अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ आता है और स्पष्ट रूप से किसी शिकायत ,जो लोकपाल के वेबसाइट पर दर्ज है ,पर अपना हाँ/ना करवाना चाहता है, तो पटवारी उसका हाँ/ना दर्ज करेगा लोकपाल के वेबसाइट पर ,उस नागरिक के मतदान पहचान पत्र/वोटर ID के साथ और उससे 3 रुपये की फी/शुल्क लेकर रसीद देगा  I
(2.2) नागरिक अपने हाँ/ना को बदल भी सकता है पटवारी को रु. 3 की फी देकर  I
(2.3) `गरीबी के नीचे रेखा`(बी.पी.एल) कार्ड धारक के लिए यह फी/शुल्क रु 1. होगी I

खंड/धारा 3-( प्रत्येक नागरिक, लोकपाल)

यह खंड/धारा केवल पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए ही है Iयह मत-संग्रह/रेफेरेंडम नहीं है I हाँ/ना लोकपाल इत्यादि पर बंधनकारी/बाध्य नहीं है I यदि  “एक निश्चित संख्या” से ज्यादा महिला वोटर, दलित वोटर ,वरिष्ठ नागरिक वोटर, गरीब वोटर, किसान वोटर या अन्य नागरिक वोटर `हाँ`  दर्ज करवाते हैं किसी दी गयी एफिडेविट पर ,तो लोकपाल कार्यवाही कर सकता है दो महीने में या उसको ऐसा करने की जरुरत नहीं है I या तो लोकपाल इस्तीफा दे सकता है I “निश्चित संख्या” का निर्णय लोकपाल करेगा I इसमें लोकपाल का निर्णय अंतिम होगा Iऔर प्रत्येक नागरिक से यह ध्यान देने की विनती है कि यह प्रक्रिया/पद्धति लोकपाल चयन समिति को सुझाव देने के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं I

ये पारदर्शी शिकायत प्रणाली/सिस्टम ये सुनिश्चित करेगा कि नागरिकों की शिकायत दृश्य हो और जाँची जा सके कभी भी , कहीं भी और किसी के भी द्वारा ताकि कोई नेता, कोई बाबू (लोकपाल आदि), कोई जज या मीडिया उस शिकायत को दबा नहीं सके |

श्रेणी: प्रजा अधीन