सूची
- लीज/पट्टा राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) द्वारा किए गए निर्णय के अनुसार 5, 10, 15, 20 या 25 वर्षों के लिए होगा। यह लीज/पट्टा कभी भी 25 वर्ष से अधिक के लिए नहीं होगा।
- बोली लगाने वाले मासिक/ महीने का किराया के लिए बोली लगाएंगे और बोली लगाने की अवधि/ का काल अधिकतम लीज अवधि से कम होगा। इसलिए यह बोली ( मासिक किराया, लीज के महीने) के रूप में होगा। एक व्यक्ति कई बोली लगा सकेगा। लीज की न्यूनतम समय-सीमा/अवधि 12 महीने होगी।
- बोली का वजन/प्रभाव होगा मासिक किराया / लॉग/log( लीज महीनों में) अर्थात किराया जितना ज्यादा होगा वजन/प्रभाव उतना ज्यादा होगा और लीज जितना लम्बा होगा वजन/प्रभाव उतना कम होगा।
- बोली/निविदा खुली होगी।
- राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) बोली के वजन के अनुसार प्लॉट देगा।
- राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) तीन महीने का किराया जमा के रूप में लेगा।
8. लीज/पट्टे के समय/अवधि के दौरान, राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) किराये में प्रत्येक तीन महीने में संशोधन/बदलाव करेगा प्लॉट के चारो ओर के एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के जमीन के मूल्य/दाम में आने वाले प्रतिशत बदलाव के आधार पर और प्लॉट देने/जारी करने के दिन से और किराया दर में संशोधन किए जाने वाले दिन को ब्याज दर में आने वाले प्रतिशत बदलाव के आधार पर ।
9. लीज का समय/अवधि के बीत जाने के बाद राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) एक नई बोली लगवाएगा जिसमें पहले से ही लीज ले चुके लोगों/ लीज-धारकों को लाभ/वरीयता मिलगी।
10. लेकिन यदि मौजूदा लीज धारक बोली हार जाता है तो वह उस जमीन/प्लॉट के सामान बेच या हटा सकता है। लकिन उसे जमीन खाली करना ही होगा।
- उसका वजन/प्रभाव 1.25से 1.5बढ़ जाएगा जो उन वर्षों पर निर्भर करेगा जिसके दौरान उसने भुगतान किया है।
- नीलामी खत्म हो जाने के एक महीने के भीतर वह अपनी बोली बढ़ा सकता है।
- मौजूदा लीज-धारकों को 2 से 6 महीने का नया किराया मिलेगा जब से उसने प्लॉट खाली किया है।
11. यदि प्लॉट किसी ने लिया हुआ है और उसका उपयोग कर रहा है (उदाहरण – आई आई एम ए प्लॉट) तो राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उस प्लॉट के चारो ओर एक वर्ग किलोमीटर के प्लॉट का पिछले तीन वर्षों के मध्य विचलन/मीन मूल्य( बाजार मूल्य * मुख्य ब्याज दर / 3) का हिसाब लगाकर प्लॉट की कीमत तय करेगा और अगले 10 वर्षों के लिए वार्षिक किराया तय करेगा। किराए में हर तीन साल में संशोधन/बदलाव किया जाएगा। दस वर्षों के बाद खंड/कलम 6 में दिए अनुसार नीलामी की जाएगी।
नागरिकों को किराया भेजना
12. राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) प्राप्त किराए का 34 प्रतिशत हिस्सा रक्षा मंत्रालय को देगा जो सेना को मजबूत बनाने, हथियार उपलब्ध कराने और सभी नागरिकों को हथियार चलाने की शिक्षा देने के काम के लिए होगा।
13. राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) पिछले वर्ष राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति दिए गए किराए के दूगने की अधिकतम सीमा की शर्त के साथ पिछले 15 वर्षों से उस राज्य में रह रहे अथवा उस राज्य में जन्में नागरिकों को प्रत्येक महीने जमा किए गए /वसूले गए किराए का 33 प्रतिशत वितरित करेगा/ बांटेगा।
14. राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) भारत के नागरिकों को प्रति माह जमा हुए किराए का 33 प्रतिशत हिस्सा वितरित करेगा।
15. 7 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए हिस्सा शून्य , 14 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए चौथाई ,18 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए आधा होगा और इससे उपर उम्र वालों को पूरा हिस्सा मिलेगा।
16. इस कानून के पास/ पारित हो जाने के एक साल के बाद हर व्यक्ति को किराया इस प्रकार मिलेगा-
- यह किराया 33 प्रतिशत बढ़ जाएगा यदि उसका कोई बच्चा न हो ।
- यह किराया 33 प्रतिशत बढ़ जाएगा यदि उसकी एक लड़की हो ।
- यह बराबर रहेगा यदि उसका एक बेटा अथवा (एक बेटी, एक बेटा) अथवा दो बेटी हो ।
- यह किराया 33 प्रतिशत कम हो जाएगा यदि उसे (दो बेटी, एक बेटा) अथवा (एक बेटी, एक बेटा) अथवा (दो बेटा) अथवा (तीन बेटी) से अधिक हो और इसमें से सबसे छोटा बच्चा कानून पास होने/लागू होने के एक वर्ष के बाद पैदा हुआ हो।
- किराया 66 प्रतिशत घट जाएगा यदि उसे ( तीन बेटी एक बेटा) अथवा (दो बेटी, दो बेटा) अथवा(एक बेटी, दो बेटा) अथवा (तीन बेटा) अथवा (चार बेटी) से अधिक हो और इसमें से सबसे छोटा बच्चा कानून पास होने/लागू होने के एक वर्ष के बाद पैदा हुआ हो।
17 60 वर्ष से उपर के पुरूषों और 55 वर्ष से उपर की महिलाओं को 33 प्रतिशत ज्यादा किराया मिलेगा और यह 75 साल से उपर के पुरूष एवं 70 साल से उपर की महिलाओं के लिए 66 प्रतिशत ज्यादा मिलेगा।
(5.4) खनिज रॉयल्टी(आमदनी) भेजना |
अभी के अनुसार, खनिज प्लॉट उन्हें नीलाम की जाती है जो अधिकतम रॉयल्टी देता है। यही प्रक्रिया/तरीका लागू रहेगा लेकिन बाद में बोली में सुधार के लिए बढ़ी हुई बोली प्राप्त करने के लिए उसे संशोधित किया जा सकता है लेकिन एक परिवर्तन/बदलाव जिसकी मांग और वायदा नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम) समूह करता है वह यह है कि खनिज रॉयल्टी और कच्चे तेल की रॉयल्टी आम लोगों और सेना का सीधे दी जाए ।
(5.5) राज्य स्तर पर नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी(आमदनी) (एम आर सी एम) क़ानून-ड्राफ्ट / प्रारूप |
पुलिस, न्यायालय, सेना,, कैदी, सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल, राज्य ट्रान्सपोर्ट के बस-अड्डों द्वारा प्रयोग में न लाए जाने वाले राज्य सरकार के प्लॉट और वे प्लॉट जिन्हें खास तौर से कानून से छूट प्राप्त न हो, उनसे किराया वसूला जाएगा। राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) किराया वसूल/जमा करेगा और उसमें से 34 प्रतिशत सेना को 33 प्रतिशत नागरिकों को देगा। जमीन चाहे राज्य या केन्द्र के अधीन हो, किराया एक ही तरह से बांटा जाएगा ।