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अध्याय 5 – प्रजा अधीन राजा समूह का दूसरा प्रस्ताव – नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (आमदनी)

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(5.6) सार्वजनिक भूमि का किराया कितना है ?

भारत सरकार, केन्‍द्र और राज्‍यों के पास काफी उंचे बाजार-मूल्‍य वाली हजारों प्‍लॉटें हैं। यहॉं एक छोटा उदाहरण प्रस्‍तुत है:-

प्‍लॉट का नाम

क्षेत्रफल

कीमत, प्रति वर्ग मीटर

प्‍लॉट का बाजार- मूल्य

आई आई एम, अहमदाबाद

100 एकड़

40,000 रूपया

1400 करोड़ रूपया

आई आई एम, लखनऊ

200 एकड़

20,000 रूपया

1600 करोड़ रूपया

आई आई एम, लखनऊ(नोएडा)

10 एकड़

50,000 रूपया

200 करोड़ रूपया

आई आई एम, कोलकाता

135 एकड़

20,000 रूपया

1000 करोड़ रूपया

आई आई एम, इंदौर

190 एकड़

15,000 रूपया

500 करोड़ रूपया

जे एन यू

1000 एकड़

40,000 रूपया

16000 करोड़ रूपया

गुजरात विद्यापीठ

25 एकड़

40,000 रूपया

400 करोड़ रूपया

गुजरात विश्‍वविद्यालय

250 एकड़

35,000 रूपया

3500 करोड़ रूपया

कुल

27,000 करोड़ रूपया

इसलिए किराया क्या होगा यदि ये प्‍लॉट बिल्‍डरों को दिए जाते हैं। प्‍लॉट के बाजार मूल्‍य के 3 प्रतिशत पर इन 9 प्लॉटों का किराया = 27 हजार करोड * 3/100 = 810 करोड़ रूपए प्रति वर्ष = सात रूपए प्रति नागरिक/वर्ष । अब यह प्‍लॉट मुंबई एयरपोर्ट/हवाई अड्डा, अहमदाबाद हवाई अड्डा, बंगलौर हवाई अड्डा आदि जैसे प्रमुख प्‍लॉटों के मूल्‍यों की तुलना में कहीं नहीं ठहरता। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं –

प्‍लॉट का नाम

क्षेत्रफल

कीमत, प्रति वर्ग मीटर

अनुमानित बाजार मूल्य

अहमदाबाद एयरपोर्ट

1850 एकड़

40,000 रूपया

29,600 करोड़ रूपया

मुंबई एयरपोर्ट

1100 एकड़

100,000 रूपया

44,600 करोड़ रूपया

दिल्‍ली एयरपोर्ट

5000 एकड़

100,000 रूपया

200,000 करोड़ रूपया

बंगलौर एयरपोर्ट (नया)

4050 एकड़

10,000 रूपया

32,400 करोड़ रूपया

बंगलौर एयरपोर्ट (पुराना)

1000 एकड़

100,000 रूपया

40,000 करोड़ रूपया

कोलकाता एयरपोर्ट

1500 एकड़

30,000 रूपया

18,000 करोड़ रूपया

चेन्‍नई एयरपोर्ट

4800 एकड़

40,000 रूपया

76,800 करोड़ रूपया

कुल

440,800 करोड़ रूपया

(कृपया ध्‍यान दें कि उपर्युक्‍त जमीन की कीमतें 2010 के वास्‍तविक बाजार-मूल्‍य की तुलना में बहुत ही कम हैं जब यह दूसरा संस्‍करण/एडिशन लिखा जा रहा था।)

इसलिए किराया क्या होगा यदि यह प्‍लॉट बिल्‍डरों को दिया जाता है ? इन एयरपोर्ट प्‍लाटों का किराया प्‍लॉट के बाजार-मूल्‍य का 3 प्रतिशत की दर से = 440,800 करोड़ * 3/100 = 13,224 करोड़ प्रति वर्ष = 120 रूपया प्रति नागरिक प्रति वर्ष !!

सरकार के पास एक अनुमान के अनुसार 50,000 प्‍लॉट हैं। यदि किराया प्रत्‍येक प्‍लॉट से औसतन प्रति व्‍यक्‍ति प्रति वर्ष 20 पैसे जितना कम भी हो तो किराया 12000 रूपए प्रति व्‍यक्‍ति प्रति वर्ष से ज्‍यादा हो जाता है। या तो हम आम लोगों को यह किराया मिलेगा अथवा जमीन की कीमतों में बहुत कमी आएगी । (वास्‍तव में जमीन की कीमत ही घटेगी) जिससे हम आम लोगों को अपनी कम आय पर घर खरीदना संभव होगा और अपना व्‍यवसाय शुरू करना संभव होगा।

 

(5.7) खनिज रॉयल्‍टी(आमदनी) कितनी है ?

खनिज रॉयल्‍टी का अंदाज लगाना संभव है । लेकिन यह विक्रय मूल्‍य के उतार चढ़ाव के साथ-साथ बढ़ता-घटता रहता है। जून, 2008 के मूल्‍यों पर आधारित अनुमान प्रस्‍तुत है। अनुमान लगाने के लिए निम्‍नलिखित तरीका प्रयोग में लाया जाएगा जो उस कानून से निकला है जिसका मै प्रस्ताव कर रहा हूँ। मेरे द्वारा प्रस्‍तावित किए जा रहे इस कानून के अनुसार खनिज और तेल कुएं प्रतियोगी बोली के तरीके का उपयोग करके लीज पर दिए जाएंगे। इसलिए खदान- मालिक जो कीमत लगाएंगे वह न्यूनतम स्तर के होंगे और यह भारत में चल रहे श्रमिक मजदूरी तथा उपकरण की लागत पर निर्भर करेगा । अब इन कानूनों में मैं प्रस्‍ताव कर रहा हूँ कि सरकार खरीददारों से अन्‍तरराष्‍ट्रीय बाजार मूल्‍य के बराबर कीमत लेगी । दोनो का अंतर ही रॉयल्‍टी होगा जिसका 67 प्रतिशत नागरिकों को सीधे ही जाएगा और 33 प्रतिशत सेना को जाएगा। जून, 2008 के मूल्‍य के आधार पर कच्‍चे तेल की कीमत की रॉयल्‍टी के संबंध में मेरा अनुमान निम्‍नलिखित है-

कच्चा तेल

तेल का अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍य = 140 यू एस डॉलर प्रति बैरल

भारत में  निष्कर्षण (Extraction) मूल्य = सभी प्रकार की लागतों सहित  = 25 डॉलर प्रति बैरल

(जून, 2008 को तेल कम्‍पनियों के द्वारा ली जा रही कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल थी और वे काफी लाभ कमा रही थीं जो अन्‍तरराष्‍ट्रीय बाजार से 150 डॉलर प्रति बैरल की दर से खरीदे जाने के कारण घाटे का सौदा बन गयी । भारतीय तेल कम्‍पनियां भारतीय तेल शोधक कारखानों    (रिफायनरियों) से वर्ष 2000 के शुरूआती दिनों में 25 डॉलर प्रति बैरल कीमत ले रही थीं। इस तथ्‍य में यह भी बात जुड़ जाती है कि भारतीय तेल कम्‍पनियों में स्‍टॉफ की संख्‍या बहुत अधिक है और ये अपने कर्मचारियों को काफी ज्‍यादा वेतन देती हैं। उदाहरण के लिए, तेल और प्राकृतिक गैस (ओ एन जी सी) कम्‍पनी का क्‍लर्क वेतन लगभग 20,000 रूपए प्रति माह पाता है जिसमें सभी भत्ते और व्यय शामिल है जबकि निजी कंपनी का क्‍लर्क लगभग 8000 रूपए प्रतिमाह पाता है। इन खर्चों को कम किया जा सकता है।)

भारत में उत्पादन = 6,60,000 बैरल प्रति दिन

= 6,60,000 * 365 बैरल प्रति वर्ष

= 24,09,00,000 बैरल प्रति वर्ष

= 24 करोड़ बैरल प्रति वर्ष

जनसंख्या       = 110 करोड़

भारत में प्रति व्‍यक्‍ति उत्पादन = 0.22 बैरल प्रति भारतीय प्रति वर्ष

प्रति बैरल लाभ = 115 यू एस डॉलर

कुल मुनाफा डॉलर में  = 0.22 * 115 डॉलर प्रति भारतीय = 25 डॉलर प्रति भारतीय

डॉलर का मूल्य = 45 रुपया प्रति डॉलर

कुल मुनाफा रुपये में = 25*45=1125 रुपये प्रति वर्ष प्रति नागरिक

यदि कच्चे तेल की कीमत गिरकर 70 अमेरिकी डॉलर हो जाती है तो लाभ कम होकर 495 रुपया प्रति वर्ष प्रति नागरिक हो जाएगी।

कच्चा लोहा

उत्पादन  =  123 मिलियन टन

= 12.3 करोड टन

श्रेणी: प्रजा अधीन