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अध्याय 5 – प्रजा अधीन राजा समूह का दूसरा प्रस्ताव – नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (आमदनी)

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(5.11) `नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्‍टी(रोयल्टी)` (एम आर सी एम) कानून का प्रस्‍तावित क़ानून-ड्राफ्ट

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निम्‍नलिखित के लिए प्रणाली/पद्धति

पद्धति/निर्देश

सैक्शन 1 : राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उम्‍मीदवार के लिए नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति दर्ज करना

1.1

नागरिक शब्‍द का मतलब/अर्थ रजिस्टर्ड वोटर/मतदाता है।

सरकारी अधिसूचना(आदेश) तब प्रभावी माना जाएगा जब 37 करोड़ नागरिकों ने इसमें अपना `हाँ` दर्ज करवा दिया हो।

1.2

प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के किसी अधिकारी को नियुक्त करेंगे।

1.3

जिला

कलक्टर

यदि कोई नागरिक राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) बनाना चाहे, तो जिला कलक्टर के सामने वह खुद जा सकता है या एफिडेविट प्रस्‍तुत कर सकता है | जिला कलक्टर को आदेश दिया जाता है कि वह राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के पद के लिए उसकी उम्‍मीदवारी स्‍वीकार करे लेकिन इसके लिए वह सांसदों के चुनाव के लिए जमा होने वाली धनराशि के बराबर धनराशि शुल्‍क/फीस के रूप में ले। जिला कलक्टर उसे एक सीरियल नम्‍बर जारी करेगा/देगा।

1.4

जिला कलक्टर

जिला कलक्टर इस काम को किसी क्‍लासवन अधिकारी को दे सकता है।

1.5

तलाटी

कोई नागरिक तलाटी के दफ्तर स्‍वयं आकर और 3 रूपए की फीस देकर ज्‍यादा से ज्‍यादा पांच उम्‍मीदवार का अनुमोदन/स्वीकृति राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के पद के लिए कर सकता है। तलाटी उसके अनुमोदन/स्वीकृति को कम्‍प्‍युटर  में दर्ज करेगा और उसे एक रसीद जारी करेगा/देगा जिसमें वोटर आई डी/मतदाता पहचान-पत्र संख्या, दिनांक/समय तथा जिसका स्वीकृति नागरिक ने किया है, उसके नाम का उल्‍लेख होगा।

1.6

तलाटी

तलाटी उस नागरिक की पसंदों को नागरिक के वोटर आई डी/मतदाता पहचान-पत्र संख्या और उसकी पसंद सहित मंत्रिमंडल सचिव द्वारा किए निर्णय के अनुसार, सरकारी वेबसाईट पर डाल देगा।

1.7

तलाटी

यदि कोई नागरिक अपनी पसंद रद्द करने के लिए आए तो तलाटी बिना कोई फीस लिए उसके एक या अधिक अनुमोदन/स्वीकृति को बदल सकता है।

1.8

मंत्रिमंडल सचिव

प्रत्येक सोमवार को मंत्रिमंडल सचिव नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति को प्रकाशित करे।

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सैक्शन 2:  राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को बदला जाना

2.1

प्रधानमंत्री

नागरिक शब्‍द का अर्थ भारत का रजिस्टर्ड वोटर/दर्ज मतदाता है।

2.2

यदि उम्मीदवार को किसी जिले में सभी दर्ज मतदाताओं( सभी न कि केवल उनका जिन्‍होंने अपना अनुमोदन/स्वीकृति फाइल किया है/जमा करवाया है) के 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का स्वीकृति मिल जाता है, तब प्रधानमंत्री वर्तमान राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को निकाले और नागरिको के द्वारा पसंद की गयी नए राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को नियुक्त कर सकता है

2.3

यदि पद पर बैठा व्‍यक्‍ति नागरिकों के अनुमोदन/स्वीकृति से आया है, और सबसे ज्‍यादा स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को मौजूदा पदधारी से 2 प्रतिशत अधिक स्वीकृति मिला हो, केवल तभी प्रधानमंत्री उसे सर्वाधिक स्वीकृति वाले व्‍यक्‍ति को उस पद पर नियुक्त कर सकता है।

2.4

यदि व्‍यक्‍ति को मिला अनुमोदन/स्वीकृति 33 प्रतिशत से कम है तो प्रधान मंत्री उसे अपने द्वारा नियुक्‍त किए जा रहे व्‍यक्‍ति को बदल सकते हैं या प्रधानमंत्री नहीं भी बदल सकते (ऐसा करने की जरूरत नहीं)। लेकिन जब तक अनुमोदन/स्वीकृति 33 प्रतिशत से अधिक है तब तक प्रधान मंत्री को उसे अपने द्वारा नियुक्‍त किए जा रहे व्‍यक्‍ति से बदलने की जरूरत नहीं । प्रधानमंत्री के विवेक से किया गया निर्णय अंतिम होगा ।

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सैक्शन 3: भारत सरकार के अधीन प्‍लॉटों का स्‍वामित्‍व/मालिकाना हक

उच्चतम न्यालय के न्यायधीश(सुप्रीम-कोर्ट के जज), हाई-कोर्ट के जज

, प्रधानमंत्री और नागरिक

भारत के नागरिकगण एतद्द्वारा यह निर्णय और घोषणा करते हैं कि आई आई एम ए का प्‍लॉट, सभी आई आई एम के प्लॉट, और जे एन यू के प्‍लॉट भारत के सभी नागरिकों का संयुक्‍त/ज्‍वाइन्‍ट और बराबर मालिकाना हक की संपत्‍ति होगी। ये प्‍लॉट राज्‍य अथवा भारत राज्‍य अथवा भारत संघ अथवा किसी भी निजी/ सरकारी निकाय/व्‍यक्‍ति की नहीं होगी बल्‍कि ये प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्‍ति होगी । साथ ही, किसी भी निजी/प्राइवेट कम्‍पनी अथवा ट्रस्‍ट के मालिकाना हक के अधीन न आने वाला सभी यू जी सी वित्‍तपोषित/फंडेड विश्‍वविद्यालयों और कॉलेजों/ महाविद्यालयों के सभी प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्‍ति घोषित की जाती है। और केन्‍द्रीय सरकार और सरकारी निकायों के सभी प्लॉट भी एतद्द्वारा भारत के नागरिकोंकी संपत्‍ति घोषित की जाती है।

प्रधानमंत्री और सभी उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालयों के न्यायधीशों सहित भारत के सभी न्यायाधीश और अधिकरियों से एतद्द्वारा यह अनुरोध किया जाता है कि वे ऐसी किसी दलील को न सुनें/ न स्‍वीकार करें जो भारत के नागरिकों के इस निर्णय और अधिमत/फैसला (वर्डिक्‍ट) का विरोध करती हो।

सुप्रीम-कोर्ट के सभी जज, हाई-कोर्ट

के सभी जज, प्रधानमंत्री और सभी नागरिक

  1. निम्‍नलिखित मंत्रालयों/विभागों के सभी प्लॉट राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के तहत आएंगे:
  • पर्यटन मंत्रालय
  • एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्‍स के मालिकाना हक वाले हवाईअड्डे और सभी भवन
  • सभी आई आई एम, यू जी सी के पैसे से चलने वाले सभी कॉलेज और विश्‍वविधालय ( विज्ञान और इंजिनियरिंग पढ़ाने वाले को छोड़कर)
  • उपभोक्‍ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय
  • सूचना और प्रसारण मंत्रालय
  • सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • लघु उधोग और कृषि व ग्रामीण उधोग मंत्रालय
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
  • कपड़ा/वस्‍त्र मंत्रालय
  • पर्यटन और संस्‍कृति मंत्रालय
  • शहरी विकास और गरीबी उन्‍मूलन मंत्रालय
  • युवा मामले और खेल मंत्रालय
  • राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग
  • योजना आयोग

राष्‍ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) का उन भूमि-प्‍लॉटों पर कोई न्यायिक-अधिकार नहीं होगा जिसका मालिकाना हक निजी व्‍यक्‍तियों अथवा कम्‍पनियों अथवा ट्रस्‍टों के हाथ हो अथवा जिन भूमि-प्‍लॉटों का मालिकाना हक/स्‍वामित्‍व राज्‍य सरकार अथवा नगरों अथवा जिलों के पास हो । इसका उन प्लॉटों पर कोई मालिकाना हक नहीं होगा जिनका उपयोग/प्रयोग सेना, न्‍यायालय, कैदी, रेलवे, बस अड्डों, XII कक्षा तक के सरकारी स्‍कूलों और कर-वसूली अधिकारियों द्वारा किया जा रहा हो।

श्रेणी: प्रजा अधीन