वह भी प्रति व्यक्ति न की प्रति परिवार । और इस तरह नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम) क़ानून-ड्राफ्ट गरीबी कम कर देगा, आय बढ़ाएगा और सामानों की मांग बढेगी | इस प्रकार, सामानों की मांग बढ़ने से उधोग-धंधे बढ़ेंगे और फिर रोजगार बढ़ेगा। स्थानीय उधोग बढ़ने से इंजिनियरिंग कौशल में सुधार होगा और इससे हथियार बनाने के काम में भी सुधार होगा और जिससे गरीब हिन्दू क्रिश्चन-धर्म या नक्सलवाद या इन दोनों की ओर कम ही जाएगा। इस कानून के पारित होने के एक वर्ष के भीतर ही यदि तीसरा बच्चा पैदा होता है तो उसके माता-पिता को 33 प्रतिशत कम किराया मिलेगा। (जिनका पहले से ही तीसरा बच्चा है उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा) इस तरह यह कानून जनसंख्या पर भी नियंत्रण करेगा।
(5.3) नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम) के क़ानून-ड्राफ्ट की ज्यादा जानकारी |
मुख्य अधिकारी पर नागरिकों का नियंत्रण/कंट्रोल:-
- बदलने की प्रक्रिया/तरीका यह होगा-
- कोई भी नागरिक संसद सदस्य के चुनाव के जमा रकम के बराबर पैसे का भुगतान करके अपने आप को राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उम्मीदवार/प्रत्याशी के रूप में रजिस्टर/दर्ज करवा सकता है।
- भारत का कोई भी नागरिक तलाटी के कार्यालय/आफिस जाकर तीन रूपए का शुल्क/फीस जमा करा सकता है और अधिक से अधिक पांच लोगों को राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) पद के लिए अनुमोदित कर सकता है। तलाटी उसे पावती जारी करेगा जिसमें उसके वोटर आई कार्ड / मतदाता पहचान–पत्र तथा उन व्यक्तियों, जिनको उसने अनुमोदित किया गया है, आदि का उल्लेख होगा ।
- तलाटी नागरिकों की पसन्द/प्राथमिकता को उसके वोटर आई कार्ड के साथ सरकारी वेबसाईट पर डाल देगा।
- कोई नागरिक अपना अनुमोदन/स्वीकृति किसी भी दिन, किसी भी समय रद्द/ कैंसिल कर सकता है।
- प्राधानमंत्री का सचिव हरेक उम्मीदवार के अनुमोदन/स्वीकृति की संख्या की गिनती को प्रकाशित करेगा।
- यदि किसी उम्मीदवार को सभी दर्ज/रजिस्टर्ड मतदाताओं के 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं (केवल वे मतदाता ही नहीं जिन्होंने अपना अनुमोदन/स्वीकृति फाइल किया है बल्कि सभी दर्ज मतदाता) का अनुमोदन/स्वीकृति मिल जाता है तो प्रधानमंत्री मौजूदा/वर्तमान राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को हटा देंगे और उस उम्मीदवार को राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के रूप में नियुक्त कर देंगे।
- यदि किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा का अनुमोदन/स्वीकृति मिला है और इसे वर्तमान राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) से 2 प्रतिशत ज्यादा अनुमोदन/स्वीकृति मिल गया है तो प्रधानमंत्री सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति वाले इस व्यक्ति को उस पद के लिए नियुक्त कर देंगे।
- इस तरह, राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) पर प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल यह सुनिश्चित कर देगा कि राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) काफी कम भ्रष्ट होंगे और किराये का पैसा नागरिकों को दिया करेंगे।
- राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) उन प्लॉटों का आवंटन करेंगे जिन्हें भारत के नागरिकों की संपत्ति घोषित किया गया है । वे ऐसा एक कानून बनाकर या राष्ट्रीय जूरी के निर्णय के माध्यम से करेंगे जो राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) को जमीन का आवंटन करने/ देने के लिए विशेष तौर से प्राधिकृत करेगा/यह काम सौंपेगा।
किराया की उगाही/किराया जमा करना
4. नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम) – सरकारी अधिसूचना(आदेश) की एक धारा में उल्लेख है/लिखा है कि ‘ भारत नागरिक यह निर्णय करते हैं और यह घोषणा करते हैं कि आई आई एम ए का प्लॉट, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद का प्लॉट, सभी आई आई एम के प्लॉट, और जे एन यू के प्लॉट भारत के सभी नागरिकों का संयुक्त/ज्वाइन्ट और बराबर मालिकाना हक की संपत्ति होगी ।
ये प्लॉट राज्य अथवा भारत राज्य अथवा भारत संघ अथवा किसी भी निजी/ सरकारी निकाय/व्यक्ति की नहीं होगी बल्कि ये प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्ति होगी । साथ ही, किसी भी निजी/प्राइवेट कम्पनी अथवा ट्रस्ट के मालिकाना हक के अधीन न आने वाला सभी यू जी सी द्वारा वित्तपोषित/फंडेड विश्वविद्यालयों और कॉलेजों/ महाविद्यालयों के सभी प्लॉट भारत के नागरिकों की संपत्ति घोषित की जाती है। और केन्द्रीय सरकार और सरकारी निकायों के सभी प्लॉट भी एतद्द्वारा भारत के नागरिकों की संपत्ति घोषित की जाती है ।
5. एक अन्य खंड/कलम में लिखा है : निम्नलिखित मंत्रालयों/विभागों के सभी प्लॉट भी राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के तहत आएंगे:-
- पर्यटन मंत्रालय
- एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स के मालिकाना हक वाले हवाईअड्डे और सभी भवन
- सभी आई आई एम, यू जी सी के पैसे से चलने वाले सभी कॉलेज और विश्वविधालय (विज्ञान और इंजिनियरिंग को छोड़कर)
- उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय
- सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- लघु उधोग और कृषि व ग्रामीण उद्योग मंत्रालय
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
- कपड़ा/वस्त्र मंत्रालय
- पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय
- शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय
- युवा मामले और खेल मंत्रालय
- योजना आयोग
6. आई आई टी, आई आई एससी आदि के बारे में : एक अलग सरकारी आदेश, जिसकी मांग हम करते हैं उसमें उल्लेख/लिखा होगा:- सभी आई आई टी, एन आई टी और आई आई एससी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) के अन्तर्गत आएंगे और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी आर डी ओ) के निदेशक/डायरेक्टर इन कॉलजों के मुख्य अधिकारी होंगे और वे इन कॉलेजों मे दैनिक कार्यकलाप सुचारू रूप से चलाने के लिए उप प्रमुखों की नियुक्ति करेंगे। विज्ञान और इंजिनियरिंग पढ़ाने वाले कॉलज विज्ञान मंत्रालय के अधीन होंगे और ये राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के अधीन नहीं होंगे । हालॉंकि इन कॉलेजों के पास जो अतिरिक्त जमीनें हैं वो राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) के तहत आएँगी ।
7. उपयोग में न आ रही जमीन के बारे में : राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) जमीन को उपयुक्त प्लॉटों के आकार में इस तरह बांटेगा जिस तरह वह इसे किराया प्राप्ति के लिए सबसे ज्यादा लाभप्रद समझता है। राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (एन एल आर ओ) हरेक प्लॉट के लिए बोली लगवाएगा। नीलामी के लिए शर्तें इस प्रकार होंगी:-