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7. (राज्य चुनाव आयोग(देश में चुनाव कराने वाली सरकारी संस्था ) को निर्देश ) यदि पार्षद इस्तीफा देता है या निकाला जाता है, तो राज्य चुनाव आयोग नया चुनाव करवायेगी , कायदे के अनुसार | अगले चुनाव में , जो पार्षद निकाला गया है, वो चुनाव लड़ सकता है |
8. ( जनता की आवाज़-1(सी वी – 1) ) (तहसीलदार)
यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह तहसीलदार के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पन्ने का शुल्क/फीस लेकर मुख्यमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।
9. ( जनता की आवाज़-2(सी वी – 2) ) (तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल ) )
यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्लॉज/खण्ड में प्रस्तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को मुख्यमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।
(6.16) उन लोगों के लिए जो प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री महापौर पर राइट टू रिकॉल / प्रजा अधीन राजा का विरोध करते हैं। |
उनसे मैं अनुरोध करूंगा कि वे अपनी उन प्रक्रियाओं के प्रारूप हमें भेजें जिनके द्वारा नागरिकगण प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों को हटा सकते हैं, यदि वे समझते हैं कि उनके ड्रॉफ्ट मेरे क़ानून-ड्राफ्ट से बेहतर हैं । अगर उनके क़ानून-ड्राफ्ट बेहतर हुए तो मैं अपने क़ानून-ड्राफ्ट /प्रारूप को रद्द कर दूंगा। और उनके क़ानून-ड्राफ्ट को स्वीकार कर लूंगा। और यदि कोई यह मानता है कि हम आम लोगों के पास प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों को हटाने का कोई तरीका नहीं होना चाहिए तो मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि जब मैं प्रधानमंत्री रिकॉल प्रक्रिया, मुख्यमंत्री रिकॉल प्रक्रिया, मेयर रिकॉल प्रक्रिया के एफिडेविट प्रस्तुत करूं तो जनता की आवाज(सूचना का अधिकार – 2) पर हस्ताक्षर होने के बाद वे उस पर हां दर्ज नहीं करें। अन्त में निर्णय नागरिकों के हां के द्वारा ही होगा, मेरे द्वारा नहीं।
(6.17) प्रजा अधीन राजा / राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूप / क़ानून-ड्राफ्ट का प्रभाव |
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जजों / न्यायाधीशों आदि पर प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) जनता को मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री के विरूद्ध बहुत शक्ति देता है। अभी तक हम लोगों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री वैसे मिले हैं जिनका व्यापक जनाधार रहा है लेकिन उनपर व्यापक दबाव नहीं रहा है। मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री को बदलने की यह प्रक्रिया मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री पर व्यापक दबाव पैदा करता है और आम नागरिकों के प्रति जवाबदारी पैदा करता है । अभी तक अधिकांश मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को यह पता है कि वे पांच/5 साल के बाद ही हटाए जा सकते हैं । वे नागरिकों को ऐसा समझते हैं कि नागरिक हर हाल में उनका साथ देंगे ही। इस प्रक्रिया से उन्हें हटाया भी जा सकता है और नहीं भी, लेकिन हटाए जाने का खतरा यह सुनिश्चित/तय करेगा कि वे आज के मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री से ज्यादा अच्छा व्यवहार करेंगे क्योंकि ये प्रक्रिया आने से उनके सर पर लटकती तलवार जैसी होगी । 99 % पदाधिकारी ये प्रक्रिया नागरिकों को मिलने के बाद से अच्छा व्यवहार करेंगे और बाकी 1% को नागरिक बदल देंगे | इन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए नागरिकों को नागरिकों और `सेना के लिए खनिज रॉयल्टी`(एम आर सी एम) समूह के उम्मीदवारों को हम सांसद और विधायक को वोट करने की जरूरत नहीं है । वे वर्तमान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों पर दबाव डाल सकते हैं कि वे पहली `प्रजा-अधीन राजा समूह` की मांग-`जनता की आवाज़-पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली ` सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर भारतीय राजपत्र में डाल कर लागू करें और तब `जनता की आवाज़` सरकारी आदेश का उपयोग करके हम ये प्रक्रियाओं को लागू करने का इरादा हम रखते हैं।
`नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम)` समूह के हमलोगों ने ऐसे ही तरीकों/प्रक्रियाओं का प्रस्ताव किया है जिसका प्रयोग करके नागरिक निम्नलिखित पदाधिकारियों को बदलने में सक्षम होंगे।
वे पद जिनपर प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) समूह ने प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) का प्रस्ताव किया है , इसकी मांग रखी है। 28 अप्रैल, 2010 की स्थिति के अनुसार (* का अर्थ है – नए पद) |
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1 |
प्रधानमंत्री | मुख्यमंत्री |
महापौर
जिला सरपंच तहसील सरपंच ग्राम सरपंच |
2 |
उच्चतम न्यायालय के मुख्य जज | मुख्य उच्च न्यायालय जज | जिला न्यायालय प्रमुख जज |
3 |
उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ जज | उच्च न्यायालय के चार जज | चार वरिष्ठ जिला जज |
4 |
भारतीय जूरी प्रशासक (*) | राज्य जूरी प्रशासक (*) | जिला जूरी प्रशासक(*) |
5 |
राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (*) | राज्य भूमि किराया अधिकारी (*) | |
6 |
सांसद | विधायक |
पार्षद
जिला पंचायत सदस्य तहसील पंचायत सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य |
7 |
गवर्नर,भारतीय रिजर्व बैंक | राज्य मुख्य लेखाकार | जिला मुख्य लेखाकार |
8 |
अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक | अध्यक्ष, राज्य सरकार बैंक | |
9 |
1)सालिसिटर जेनरल ऑफ इंडिया : (भारत की सरकार की तरफ से अदालतों में स्वयं या सहायक द्वारा हाजिर होने वाला वकील ; सरकारी न्यायिक एजेंट) (महा न्यायाभिकर्ता);
2) भारत का महान्यायवादी (भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार) |
1)सालिसिटर जेनरल ऑफ स्टेट/
2)राज्य महान्यायवादी |
1)जिला मुख्य दण्डाधिकारी (जनता का फर्यादी)
2)जिला सीविल अधिवक्ता/वकील(न्यायालय आदि में नागरिकों के पक्ष का समर्थन करनेवाला) |
10 |
अध्यक्ष, भारतीय चिकित्सा परिषद् (इलाज सभा) | अध्यक्ष, राज्य चिकित्सा परिषद् (इलाज सभा) | |
11 |
गृह मंत्री, भारत
निदेशक, सी बी आई |
गृह मंत्री, राज्य
निदेशक, सी आई डी |
जिला पुलिस आयुक्त |
12 |
वित्त मंत्री, भारत | वित्त मंत्री, राज्य | |
13 |
शिक्षामंत्री, भारत
राष्ट्रीय पाठ्यपुस्तक अधिकारी |
शिक्षामंत्री, राज्य
राज्य पाठ्यपुस्तक अधिकारी |
जिला शिक्षा अधिकारी |
14 |
भारत स्वास्थ्य मंत्री |
राज्य स्वास्थ्य मंत्री
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