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अध्याय 6 – आर.आर.जी (प्रजा अधीन समूह) समूह की तीसरी मांग – प्रजा अधीन प्रधान मंत्री, मुख्‍यमंत्री का ड्रॉफ्ट

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सैक्शन-सी.वी (जनता की आवाज़)

सी वी – 1

जिला कलेक्टर

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्‍तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्‍लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पन्ने का शुल्‍क/फीस लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

सी वी – 2

तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल)

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्‍लॉज/खण्‍ड में प्रस्‍तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्‍क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।

(6.10) तब क्‍या होगा जब मुख्‍यमंत्री, विधायक नागरिकों की बात न मानें?

कोई व्‍यक्‍ति पूछ सकता है- तब क्‍या होगा जब मुख्‍यमंत्री और विधायकगण उपर प्रस्‍तावित सरकारी अधिसूचना(आदेश) के कलम/खंड  7, कलम/खंड  8 का पालन नहीं करेंगे।

       देखिए, यदि मतदाताओं के एक बहुत बड़े प्रतिशत भाग ने किसी व्‍यक्‍ति को स्पष्ट  रजिस्‍ट्रेशन द्वारा अनुमोदित किया है तो यह मुख्यमंत्री और विधयकों के लिए तब राजनीतिक (और वास्‍तविक) जीवन का अंत होगा जब वे अनुमोदित व्‍यक्‍ति को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्‍त करने से इनकार कर देते हैं । हम लोग अपनी चर्चा को राजनीतिक रूप से वास्‍तविक परिदृश्‍यों तक सीमित रखेंगे और सांसदों और विधायकों का मतदाताओं के इतने बड़े प्रतिशत की स्पष्ट रूप से साबित, लिखित राजनैतिक मांग को नजरअंदाज करना अस्‍वभाविक स्‍थिति है ।

 

(6.11) राइट टू रिकॉल / प्रजा अधीन नगर महापौर का क़ानून-ड्रॉफ्ट / प्रारूप

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निम्नलिखित के लिए प्रक्रिया

प्रक्रिया/अनुदेश

1

नागरिक शब्‍द का मतलब/अर्थ रजिस्टर्ड वोटर/मतदाता है।

सरकारी अधिसूचना(आदेश) तब प्रभावी माना जाएगा जब —- लाख से अधिक नागरिकों ने इसमें अपना `हाँ` दर्ज करवा दिया हो।

2

नगर आयुक्‍त/कमिश्नर (एम सी)(Municipal Comissioner)

30 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी नागरिक जो महापौर बनना चाहता हो वह नगर आयुक्‍त (एम सी)(Municipal comissioner) के समक्ष/कार्यालय जा सकता है। नगर आयुक्‍त (एम सी) विधायक के चुनाव के लिए जमा की जाने वाली वाली धनराशि के बराबर शुल्‍क लेकर उसे एक सीरियल नम्‍बर जारी करेगा।

3

नागरिक/नगर केन्‍द्र (सीविक सेन्‍टर) क्‍लर्क

यदि उस जिले का कोई भी नागरिक चाहे तो वह नगर केन्‍द्र(Civic Center)  में जाकर 3 रूपए का भुगतान करके अधिक से अधिक 5 व्‍यक्‍तियों को महापौर के पद के लिए अनुमोदित कर सकता है। नगर केन्‍द्र/सीविक सेन्‍टर क्‍लर्क उसके अनुमोदन/स्वीकृति को कम्‍प्‍युटर में डाल देगा और उसे उसके मतदाता पहचान-पत्र, दिनांक और समय, और जिन व्‍यक्‍तियों के नाम उसने अनुमोदित किए है, उनके नाम, के साथ बिना कोई शुल्‍क लिए रसीद देगा। यदि कोई नागरिक अपने अनुमोदन/स्वीकृति रद्द करने के लिए आता है तो वह क्‍लर्क उसके  एक या अधिक अनुमोदनों को बिना कोई शुल्‍क लिए बदल देगा।

4

नागरिक/नगर केन्‍द्र (सीविक सेन्‍टर) क्‍लर्क

वह नगर केन्‍द्र/सीविक सेन्‍टर क्‍लर्क नागरिकों की पसंद/प्राथमिकता को नगर की वेबसाइट पर उनके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र और उसकी प्राथमिकताओं के साथ डाल देगा।

5

नगर आयुक्‍त (एम सी)

प्रत्‍येक सोमवार को नगर आयुक्‍त (एम सी) हरेक उम्‍मीदवार के अनुमोदन/स्वीकृति-गिनती/संख्या को प्रकाशित करेगा। .

6

महापौर

पहला महापौर अपनी अनुमोदन/स्वीकृति – गिनती को निम्‍नलिखित दो से उच्चतर मान सकता है

  • नागरिकों की संख्‍या जिन्‍होंने उसका अनुमोदन/स्वीकृति किया है

  •  समर्थन करने वाले  कारपोरेटरों/पार्षदों द्वारा प्राप्‍त किए गए मतों का योग

7

महापौर

यदि किसी व्‍यक्‍ति को मौजूदा महापौर के मुकाबले (सभी रजिस्‍टर्ड मतदाताओं के) 2 प्रतिशत ज्‍यादा अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त है तो वर्तमान महापौर इस्‍तीफा दे सकता है और पार्षदों से अनुरोध कर सकता है  कि वे  सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को महापौर नियुक्‍त कर दें।

8

पार्षद

पार्षदगण कलम/खंड 7 में उल्‍लिखित व्‍यक्‍ति/सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को नया महापौर नियुक्‍त कर सकते हैं

9

जिला कलेक्‍टर

यदि कोई नागरिक इस कानून में कोई बदलाव चाहता है तो वह जिलाधिकारी/डी सी के कार्यालय में जाकर एक एफिडेविट जमा करा सकता है और डी सी या उसका क्लर्क उस एफिडेविट को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पेज का शुल्‍क लेकर मुख्‍यमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

10

तलाटी (या

पटवारी)

यदि कोई नागरिक इस कानून या इसकी किसी धारा के विरूद्ध अपना विरोध दर्ज कराना चाहे अथवा वह उपर के कलम/खंड  में प्रस्‍तुत किसी एफिडेविट पर हां – नहीं दर्ज कराना चाहे तो वह अपने वोटर आई कार्ड के साथ तलाटी के कार्यालय में आकर 3 रूपए का शुल्‍क देगा। तलाटी हां-नहीं दर्ज कर लेगा और उसे एक रसीद/पावती देगा। यह हां – नहीं मुख्‍यमंत्री की वेबसाईट पर डाला जाएगा।

सैक्शन- सी.वी.(जनता की आवाज़)

सी वी – 1

जिला कलेक्टर

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्‍तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्‍लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पन्ने का शुल्‍क/फीस लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

सी वी – 2

तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्‍लॉज/खण्‍ड में प्रस्‍तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्‍क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।

 

(6.12) प्रजा अधीन-सांसद क़ानून-ड्राफ्ट (भ्रष्ट सांसद को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार)

 

1. (1.1) शब्द `नागरिक` का मतलब रजिस्ट्रीकृत मतदाता है |

(1.2) शब्द “कर सकता है “ का मतलब कोई भी नैतिक-कानूनी बंधन नहीं है | इस का मतलब “ कर सकता है “ या “करने की आवश्यकता / जरूरत नहीं है “ है |

श्रेणी: प्रजा अधीन