होम > प्रजा अधीन > अध्याय 6 – आर.आर.जी (प्रजा अधीन समूह) समूह की तीसरी मांग – प्रजा अधीन प्रधान मंत्री, मुख्‍यमंत्री का ड्रॉफ्ट

अध्याय 6 – आर.आर.जी (प्रजा अधीन समूह) समूह की तीसरी मांग – प्रजा अधीन प्रधान मंत्री, मुख्‍यमंत्री का ड्रॉफ्ट

dummy
पी.डी.एफ. डाउनलोड करेंGet a PDF version of this webpageपी.डी.एफ. डाउनलोड करें
 

(6.6) प्रधानमंत्री को बदलने (राइट टू रिकॉल प्रधानमंत्री) का प्रारूप / क़ानून-ड्राफ्ट

#

निम्नलिखित के लिए प्रक्रिया

प्रक्रिया/अनुदेश

1

नागरिक शब्‍द का मतलब/अर्थ रजिस्टर्ड वोटर/मतदाता है।

ये सरकारी अधिसूचना(आदेश) तब प्रभावी माना जाएगा जब 37 करोड़ नागरिकों ने इसमें अपना `हाँ` दर्ज करवा दिया हो।

2

जिला कलक्टर

30 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी नागरिक जो प्रधानमंत्री बनना चाहता हो वह मंत्रिमंडल सचिव के समक्ष/ कार्यालय जा सकता है। मंत्रिमंडल सचिव सांसद के चुनाव के लिए जमा की जाने वाली वाली धनराशि के बराबर शुल्‍क लेकर उसे एक सीरियल नम्‍बर जारी करेगा।

3

तलाटी (अथवा तलाटी का क्‍लर्क)

भारत का कोई भी नागरिक तलाटी/ पटवारी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का भुगतान करके अधिक से अधिक 5 व्‍यक्‍तियों को प्रधानमंत्री के पद के लिए अनुमोदित कर सकता है। तलाटी उसके अनुमोदन/स्वीकृति को कम्‍प्‍युटर में डाल देगा और उसे उसके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र, दिनांक और समय, और जिन व्‍यक्‍तियों के नाम उसने अनुमोदित किए है, उनके नाम, के साथ रसीद देगा। (गरीबी रेखा से नीचे) बी पी एल कार्डधारकों के लिए शुल्‍क/फीस 1 रूपया होगी।   यदि कोई नागरिक अपने अनुमोदन/स्वीकृति रद्द करने के लिए आता है तो तलाटी उसके  एक या अधिक अनुमोदनों को बिना कोई शुल्‍क लिए बदल देगा।

4

तलाटी

वह तलाटी नागरिकों की पसंद/प्राथमिकता को प्रधानमन्त्री के वेबसाइट पर उनके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र और उसकी प्राथमिकताओं के साथ डाल देगा।

5

मंत्रिमंडल सचिव

प्रत्‍येक सोमवार को मंत्रिमंडल सचिव हरेक उम्‍मीदवार के अनुमोदन/स्वीकृति-गिनती को प्रकाशित करेगा। .

6

प्रधानमंत्री

पहला प्रधानमंत्री अपनी अनुमोदन/स्वीकृति–गिनती को निम्‍नलिखित दो से उच्चतर मान सकता है

  • नागरिकों की संख्‍या, जिन्‍होंने उसका अनुमोदन/स्वीकृति किया है

  • प्रधानमंत्री का समर्थन करने वाले  लोकसभा के सांसदों द्वारा प्राप्‍त किए गए कुल मतों का योग

7

प्रधानमंत्री

यदि किसी व्‍यक्‍ति को मौजूदा प्रधानमंत्री के मुकाबले 2 प्रतिशत ज्‍यादा अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त है तो वर्तमान प्रधानमंत्री इस्‍तीफा दे सकता है  और सांसदों से कह सकता है  कि वे  सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को नया प्रधानमंत्री नियुक्‍त कर दें।

8

लोकसभा के सांसद

सांसदगण कलम/खंड  7 में उल्‍लिखित व्‍यक्‍ति/सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त व्‍यक्‍ति को नया प्रधानमंत्री नियुक्‍त कर सकते हैं

9

जिला कलेक्‍टर

यदि कोई नागरिक इस कानून में कोई बदलाव चाहता है तो वह जिलाधिकारी/डी सी के कार्यालय में जाकर एक एफिडेविट जमा करा सकता है और डी सी या उसका क्लर्क उस एफिडेविट को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पेज का शुल्‍क लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

10

तलाटी (या

पटवारी)

यदि कोई नागरिक इस कानून या इसकी किसी धारा के विरूद्ध अपना विरोध दर्ज कराना चाहे अथवा वह उपर के कलम/खंड  में प्रस्‍तुत किसी एफिडेविट पर हां – नहीं दर्ज कराना चाहे तो वह अपने वोटर आई कार्ड के साथ तलाटी के कार्यालय में आकर 3 रूपए का शुल्‍क देगा। तलाटी हां-नहीं दर्ज कर लेगा और उसे एक रसीद/पावती देगा। यह हां – नहीं प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाला जाएगा।

सैक्शन- सी.वी. (जनता की आवाज़)

सी वी – 1

जिला कलेक्टर

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्‍तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्‍लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पन्ने का शुल्‍क/फीस लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

सी वी – 2

तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल )

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्‍लॉज/खण्‍ड में प्रस्‍तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्‍क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।

प्रश्न- एक छोटे गांव का वासी को राष्ट्रिय स्तर के आधार वाले राजनैतिक व्यक्ति जैसे प्रधानमन्त्री के बारे में जानकारी कैसे मिलेगी और उसका चुनाव कैसे लेगा ?

ये जायज प्रश्न हो सकता है कि गांव के भोले-भाले वासी , एक राष्ट्रिय स्तर के पद जैसे प्रधानमंत्री के लिए सही जानकारी कैसे मिलेगी और वो निर्णय और चुनाव कैसे करेगा?

आज जो भी जानकारी गांव के वासी को ,अपने से दूर के क्षेत्र/जगह की मिलती है, वो समाचार-पत्र , टी.वी. या अन्य मीडिया द्वारा मिलती है | अब मीडिया द्वारा किसी दूर-दराज के इलाके की जानकारी विश्वसनीय अधिकतर नहीं होती है क्योंकि मीडिया बिकी हुई है, जो उसको पैसे देता है, उसी के अनुसार समाचार देती है | लेकिन `जनता की आवाज़-पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)` और उसके द्वारा `प्रजा अधीन-प्रधानमंत्री` आ जाने के बाद कोई भी व्यक्ति हलफनामे/एफिडेविट में कोई भी व्यक्ति के बारे में जानकारी / समाचार दे सकता है और यदि वो लाखों लोग, जिनकी वोटर कार्ड ,अंगुली की छाप द्वारा पटवारी दफ्तर में जाकर जांच हुई हो, ने समर्थन किया हो तो , उस समाचार का गांव का आदमी भी विश्वास कर सकता है और इस व्यवस्था के आने से बड़े आराम से ये खबर गांव के आदमी तक पहुँच जायेगी | दूसरे शब्दों में ये प्रक्रियाएं एक `विकल्प मीडिया` भी हैं , जो सही , जाँची हुई और तेजी से समाचार देंगे |

 

 

(6.7) क्या होगा यदि प्रधानमंत्री और सांसद जनता का कहा नहीं मानें?

कोई व्‍यक्‍ति पूछ सकता है- तब क्‍या होगा जब प्रधानमंत्री और सांसद उपर प्रस्‍तावित सरकारी अधिसूचना(आदेश) के कलम/खंड 7, कलम/खंड 8 का पालन न करेंगे।

देखिए, यदि मतदाताओं के एक बहुत बड़े प्रतिशत भाग ने किसी व्‍यक्‍ति को स्पष्ट  रजिस्‍ट्रेशन द्वारा अनुमोदित किया है तो यह प्रधानमंत्री और सांसद के लिए तब राजनीतिक (और वास्‍तविक) जीवन का अंत होगा जब वे अनुमोदित व्‍यक्‍ति को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्‍त करने से इनकार कर देते हैं । हम लोग अपनी चर्चा को राजनीतिक रूप से वास्‍तविक परिदृश्‍यों तक सीमित रखेंगे और सांसदों का मतदाताओं के इतने बड़े प्रतिशत की स्पष्ट रूप से साबित, लिखित राजनैतिक मांग को नजरअंदाज करना अस्‍वभाविक स्‍थिति है।

श्रेणी: प्रजा अधीन