(घ) मान लीजिए एक चुनाव-क्षेत्र में 15 लाख मतदाता हैं | मान लीजिए 9,00,00 ( 9 लाख ) ने वोट किये | मान लीजिए जितने वाले उम्मीदवार को 8 लाख वोट मिले | अब यदि वैकल्पिक मतदाता को अनुमोदन/स्वीकृति मिले जो ( सभी मतदाताओं की संख्या के 50% हैं ) यानी 7,50,000 ( 7.5 लाख ) और वर्त्तमान सांसद के अभी अनुमोदन/स्वीकृति से 1 % ज्यादा हैं , तो नया उम्मीदवार अगला सांसद बन सकता है |
(च) अनुमोदन / पसंद / स्वीकृति दर्ज करना बैंक के लेन-देन से ज्यादा सुरक्षित है :
व्यक्ति को ना सिर्फ अनुमोदन/स्वीकृति देने के लिए तलाटी के दफ्तर जाना है , उसको एस.एम.एस से इसकी जानकारी भी मिलती, क्रेडिट-कार्ड के इस्तेमाल के जैसे और मशीन उसका फोटो और अंगुली का छाप ले लेगी | ये जरूर है, कि पहले दिन से ये सभी सुविधाएं नहीं होंगी, लेकिन कोई भी कलेक्टर इन सबको 3-6 महीनों में लागू कर सकता है या फिर नागरिक उसको निकालने की मांग कर सकते हैं | फोटो, अंगुली की छाप और एस.एम.एस की जानकारी के साथ , ये सिस्टम बैंक के लेन-देन से ज्यादा सुरक्षित है | यदि इसको कोई हैक कर ( तोड़ ) सकता है, तो उसके लिए कोई बैंक हैक करना ( तोडना ) अधिक उपयोगी रहेगा |
(6.13) केन्द्रीय / राज्य सरकारी-आदेश ड्राफ्ट प्रजा अधीन-विधायक के लिए (भ्रष्ट विधायक को नागरिकों द्वारा बदलने का अधिकार ) |
1. (1.1) शब्द `नागरिक` का मतलब रजिस्ट्रीकृत मतदाता है |
(1.2) शब्द “कर सकता है “ का मतलब कोई भी नैतिक-कानूनी बंधन नहीं है | इस का मतलब “ कर सकता है “ या “करने की आवश्यकता / जरूरत नहीं है “ है |
2. (जिला कलेक्टर को निर्देश/आर्डर ) प्रधानमंत्री जिला कलेक्टर को निर्देश देते हैं, कि यदि भारत का नागरिक जिला कलेक्टर के दफ्तर आता है और उम्मीदवार बनना चाहता है आने वाले विधायक के चुनाव में, तब जिला कलेक्टर , विधायक-चुनाव के जमा-राशि जितना शुल्क/फीस लेगा और उस व्यक्ति को `उम्मीदवार-आने वाले चुनाव में ` घोषित करेगा , विधायक के चुनाव के लिए | जिला कलेक्टर एक सीरियल नंबर/क्रम संख्या देगा और उसका नाम प्रधान मंत्री के वेबसाइट पर डालेगा |
3. ( तलाटी ,पटवारी या (उसके क्लर्क) को निर्देश )
(3.1) प्रधानमंत्री पटवारी (या तलाटी या गाँव का अधिकारी ) को निर्देश देगा कि नागरिक यदि खुद पटवारी के दफ्तर आता है, रु. 3 शुल्क/फीस देता है, और कम से कम पांच व्यक्तियों को अनुमोदन/स्वीकृति देता है विधायक के पद के लिए, तो पटवारी उसके स्वीकृति/पसंद/अनुमोदन कंप्यूटर में डालेगा और उसको एक रसीद देगा, जिसमें लिखा होगा ,उसकी वोटर आई.डी संख्या, तारीख/समय और जिन व्यक्तियों को उसने पसंद किया है |
(3.2) यदि पटवारी के पास कंप्यूटर आदि नहीं है, तब जिला कलेक्टर इस कार्य को तहसीलदार के दफ्तर को देगा , जब तक कि पटवारी को कंप्यूटर, आदि नहीं मिलता इस कार्य को करने के लिए |
(3.3) जिला कलेक्टर एक ऐसा सिस्टम बना सकता है जो एस.एम.एस जानकारी देगा नागरिक को `क्रेडिट कार्ड लेन-देन` के समान होगा |
(3.4) जिला कलेक्टर उपकरण/मशीन पटवारी को देगा, जो फोटो और अंगुली की छाप लेगा और रसीद देगा नागरिक के अंगुली की छाप और फोटो के साथ |
(3.5) प्रधानमंत्री का सचिव जरूरी सॉफ्टवेर(कंप्यूटर का अंदरूनी सामान) देगा पटवारी और जिला कलेक्टर, पटवारी को जरूरी मशीन देगा |
4.(तलाटी/पटवारी को निर्देश ) पटवारी नागरिकों के अनुमोदन/पसंद प्रधानमंत्री के वेबसाइट पर रखेगा , नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर और उन व्यक्तियों के नाम , जिनको उसने अनुमोदन/पसंद किया है |
5. (तलाटी/पटवारी को निर्देश ) यदि वोटर अपने अनुमोदन रद्द करने आता है, तो तलाटी एक या अधिक अनुमोदन / पसंद को बिना कोई शुल्क/फीस लिए रद्द कर देगा |
6. (विधायक को निर्देश) यदि कोई दूसरा/वैकल्पिक उम्मीदवार को अनुमोदन/स्वीकृति मिल जाती हैं जो इन में से कम है –
(6.1) वर्त्तमान विधायक के वोटों की गिनती से (सभी मतदाताओं के ) 20% अनुमोदन/स्वीकृति से अधिक है
या
(6.2) उस चुनाव-क्षेत्र के सभी मतदाताओं के 50% से ज्यादा अनुमोदन/स्वीकृति हों , और साथ ही में ,वर्त्तमान विधायक के प्राप्त वोटों से 1% अनुमोदन/स्वीकृति ज्यादा हों |
तो,वर्त्तमान विधायक अपना इस्तीफा 7 दिन में दे सकता है या उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं है |
7. ( विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश ) यदि वर्त्तमान विधायक 7 दिनों में इस्तीफा नहीं देता है, तो लोकसभा अध्यक्ष प्रस्ताव बुला सकता है संसद में , उस विधायक को निकालने के लिए या ऐसा करना उसके लिए नहीं जरूरी है | विधानसभा अध्यक्ष का फैसला आखरी/अंतिम होगा |
8.( विधायक को निर्देश ) दूसरे विधायक , उस विधायक को निकालने के लिए प्रस्ताव स्वीकृत कर सकते हैं या उन्हें ऐसा करने के लिए कोई जरूरत नहीं है |
9. (चुनाव आयोग(देश में चुनाव कराने वाली सरकारी संस्था ) को निर्देश ) यदि विधायक इस्तीफा देता है या निकाला जाता है, तो चुनाव आयोग नया चुनाव करवायेगी , कायदे के अनुसार | अगले चुनाव में , जो विधायक निकाला गया है, वो चुनाव लड़ सकता है |
10. धारा-6 के प्रयोजन के लिए , मतदाताओं के अनुमोदन/स्वीकृति जिन्होनें चुनाव के अपना नाम दर्ज/रेजिस्टर किया है , वे नहीं गिने जाएँगे | हर चुनाव-क्षेत्र की मतदातों की सही संख्या चुनाव आयोग द्वारा दी/प्रकाशित की जायेगी और चुनाव-आयोग का फैसला आखरी होगा |
11. ( जनता की आवाज़-1(सी वी – 1) ) (जिला कलेक्टर)
यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह जिला कलेक्टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पन्ने का शुल्क/फीस लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।
12. ( जनता की आवाज़-2(सी वी – 2) ) (तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल ) )
यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्लॉज/खण्ड में प्रस्तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।