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(6.8) कृपया प्रजा अधीन प्रधान मंत्री (भ्रष्ट प्रधानमन्त्री को बदलने) के कानून, जिसका प्रस्ताव मैंने किया है, उसके अंतिम दो खंड पर ध्यान दें |
कृपया उस प्रस्तावित क़ानून-ड्राफ्ट /प्रारूप के अंतिम दो कलम/खंड पर ध्यान दीजिए । ये दो कलम/खंड `जनता की आवाज` (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) के अलावा कुछ नहीं है । मेरे प्रत्येक क़ानून-ड्राफ्ट में दो पंक्तियों को दोहराया गया है। यह दोहराव क्यों है? क्योंकि मैं बार-बार फिर से और हजारों बार फिरसे दोहरान चाहता हूँ कि हम भारत के आम जनों को अधिकार है भारत सरकार के पुस्तकों पर अपना मतभेद दर्ज करने के लिए और इसीलिए हमारे पास अपने मतभेद दर्ज करने के लिए प्रक्रिया होनी चाहिए |सांकेतिक मूल्यों को एक ओर छोड़िए, इस दोहराव का राजनैतिक महत्व भी है। यह हो सकता है कि एक `प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल ` (आर.टी.आर) कार्यकर्ता को `प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल ` (आर.टी.आर) विरोधी बुद्धिजीवियों से लड़ाई लड़नी पड़े। तब `प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल ` (आर.टी.आर) कार्यकर्ता उसे इस कानून का वैसा क़ानून-ड्राफ्ट उपलब्ध कराने की चुनौती दे सकता है जो वह चाहता है और तब उनसे 6.9 और 6.10 की लाइने(आखरी दो लाइनें) जोड़ने को कह सकता है। यदि विरोधी पक्ष अंतिम दो लाइनों को जोड़े जाने का विरोध करता है तो उसपर आम आदमी का विरोधी होने का आरोप लगाया जा सकता है। और यदि वह इन दो पंक्तियों के जोड़े जाने को स्वीकार करता है तब परिणामस्वरूप उसका प्रस्तावित कानून इस जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली को लागू करेगा जिसका उपयोग करके मेरे द्वारा प्रस्तावित सभी कानूनों को जनता की हां का उपयोग करके लाया जा सकता है।
दो लाइनों का यह जोड़ दर्शाता है कि जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली के लिए मांग केवल कोई दोहराया गया सकारात्मक संकल्पना ही नहीं है बल्कि जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली एक ऐसा कानून है जिसे किसी भी अन्य कानून में इसके अपने प्रभाव को कम किए बगैर जोड़ा जा सकता है। और इन दो पंक्तियो का जोड़ा जाना किसी भी अलोकतांत्रिक कानून को बाहर का रास्ता दिखलाने के लिए पर्याप्त है । क्योंकि यदि किसी अलोकतांत्रिक कानून में ये दो पंक्तियां शामिल हैं तो इसे कुछ ही दिनों या कुछ ही सप्ताह के में नागरिकों द्वारा नकार दिया जाएगा।
ये अंतिम दो लाइनें ये भी बताती है कि जनता की आवाज (सूचना का अधिकार – 2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली किसी भी प्रकार के जहर के लिए विषनाशक की तरह है । एक अच्छा विषनाशक क्या है ? एक शक्तिशाली विषनाशक को यदि द्रव से भरे गिलास में डाला जाता है तो यह कोई हानि नहीं पहुँचायेगा तथा गिलास में उपस्थित किसी भी प्रकार के जहर को खत्म कर देगा । जनता की आवाज (सूचना का अधिकार – 2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली की ये दो धाराएँ/खंड किसी भी कानून के साथ जुड़ सकती हैं तथा इनके अंदर ऐसी क्षमता है कि यदि कानून अच्छा है तो ये खतरा पैदा नहीं करती पर यदि कानून खराब है तो इसकी धाराएँ ये सुनिश्चित करती हैं कि नागरिक इन कानूनों को खत्म कर सकें । इसलिए जनता की आवाज (सूचना का अधिकार – 2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली की इन धाराओं को मैं शक्तिशाली/उपयुक्त विषनाशक कहता हूँ ।
(6.9) राइट टू रिकॉल / प्रजा अधीन-मुख्यमंत्री का क़ानून-ड्रॉफ्ट |
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निम्नलिखित के लिए प्रक्रिया |
प्रक्रिया/अनुदेश |
1 | – |
नागरिक शब्द का मतलब/अर्थ रजिस्टर्ड वोटर/मतदाता है।
सरकारी अधिसूचना(आदेश) तब प्रभावी माना जाएगा जब —- करोड़ से अधिक नागरिकों ने इसमें अपना `हाँ` दर्ज करवा दिया हो। |
2 | जिला कलक्टर | 30 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी नागरिक जो मुख्यमंत्री बनना चाहता हो वह जिला कलक्टर के समक्ष/कार्यालय जा सकता है। जिला कलक्टर विधायक के चुनाव के लिए जमा की जाने वाली वाली धनराशि के बराबर शुल्क लेकर उसे एक सीरियल नम्बर जारी करेगा। |
3 | तलाटी (अथवा तलाटी का क्लर्क) | भारत का कोई भी नागरिक तलाटी/ पटवारी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का भुगतान करके अधिक से अधिक 5 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री के पद के लिए अनुमोदित कर सकता है। तलाटी उसके अनुमोदन/स्वीकृति को कम्प्युटर में डाल देगा और उसे उसके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र, दिनांक और समय, और जिन व्यक्तियों के नाम उसने अनुमोदित किए है, उनके नाम, के साथ बिना कोई शुल्क लिए रसीद देगा। |
4 | तलाटी | वह तलाटी नागरिकों की पसंद/प्राथमिकता को मुख्यमंत्री के वेबसाइट पर उनके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र और उसकी प्राथमिकताओं के साथ डाल देगा। |
5 | मंत्रिमंडल सचिव | प्रत्येक सोमवार को मंत्रिमंडल सचिव हरेक उम्मीदवार की अनुमोदन/स्वीकृति-गिनती को प्रकाशित करेगा। . |
6 | मुख्यमंत्री |
पहला मुख्यमंत्री अपनी अनुमोदन/स्वीकृति – गिनती को निम्नलिखित दो से उच्चतर मान सकता है –
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7 | मुख्यमंत्री | यदि किसी व्यक्ति को मौजूदा मुख्यमंत्री के मुकाबले (सभी रजिस्टर्ड मतदाताओं के) 2 प्रतिशत ज्यादा अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त है तो वर्तमान मुख्यमंत्री इस्तीफा दे सकता है और विधायकों से कह सकता है कि वे सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त व्यक्ति को नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर दें। |
8 | विधायकगण | विधायकगण कलम/खंड 7 में उल्लिखित व्यक्ति/सबसे अधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त व्यक्ति को नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। |
9 | जिला कलेक्टर | यदि कोई नागरिक इस कानून में कोई बदलाव चाहता है तो वह जिलाधिकारी/डी सी के कार्यालय में जाकर एक एफिडेविट जमा करा सकता है और डी सी या उसका क्लर्क उस एफिडेविट को 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पेज का शुल्क लेकर मुख्यमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा। |
10 |
तलाटी (या पटवारी) |
यदि कोई नागरिक इस कानून या इसकी किसी धारा के विरूद्ध अपना विरोध दर्ज कराना चाहे अथवा वह उपर के कलम/खंड में प्रस्तुत किसी एफिडेविट पर हां – नहीं दर्ज कराना चाहे तो वह अपने वोटर आई कार्ड के साथ तलाटी के कार्यालय में आकर 3 रूपए का शुल्क देगा। तलाटी हां-नहीं दर्ज कर लेगा और उसे एक रसीद/पावती देगा। यह हां – नहीं मुख्यमंत्री की वेबसाईट पर डाला जाएगा।
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