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अध्याय 6 – आर.आर.जी (प्रजा अधीन समूह) समूह की तीसरी मांग – प्रजा अधीन प्रधान मंत्री, मुख्‍यमंत्री का ड्रॉफ्ट

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जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी

15

अध्‍यक्ष, यूजीसी (बड़े कालेज के लिए विशेष दान अरने वाली समिति)

विश्‍वविद्यालय कुलपति

प्रधानाचार्य, वार्ड स्कूल

16

कृषि मंत्री, भारत

कृषि राज्‍य मंत्री

17

भारतीय नागरिक (सीविल सपलाई ) आपूर्ति मंत्री

राज्‍य नागरिक (सीविल सप्पलाई) आपूर्ति मंत्री

जिला आपूर्ति अधिकारी

18

भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार (CAGI) (भारत-सरकार के हिसाब-किताब को रखने व जाँच करने वाले)

राज्‍य मुख्‍य लेखा-परीक्षक

जिला मुख्‍य लेखा-परीक्षक

19

1)नगर आयुक्‍त /कमिश्नर

2)मुख्‍य अधिकारी

20

राष्‍ट्रीय बिजली/उर्जा मंत्री

राज्‍य बिजली/उर्जा मंत्री

जिला बिजली-सपलाई(विद्युत –आपूर्ति) अधिकारी

21

1)अध्‍यक्ष, केन्‍द्रीय प्रत्‍यक्ष(सीधा/खुला) कर(टैक्स) बोर्ड

2)अध्‍यक्ष, केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष (छुपा हुआ) कर बोर्ड

राज्‍य टैक्स वसूली(कर संग्रहण) अधिकारी

जिला कराधान(टैक्स इकठ्ठा करने वाला ) अधिकारी

22

रेल मंत्री

राज्‍य परिवहन मंत्री

नगर परिवहन अधिकारी

23

दूरसंचार नियामक(टेलीफ़ोन प्रबंध करने वाला)

24

केन्‍द्रीय बिजली/विद्युत नियामक (टेलीफ़ोन प्रबंध करने वाला)

राज्‍य विद्युत नियामक

25

केन्‍द्रीय संचार मंत्री

राज्‍य संचार मंत्री (*)

जिला संचार केबल अधिकारी (*)

26

जिला जलापूर्ति अधिकारी (*)

27

केन्‍द्रीय चुनाव आयुक्‍त/कमिश्नर

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त

28

राष्‍ट्रीय पेट्रोलियम मंत्री

राज्‍य पेट्रोलियम मंत्री

29

राष्‍ट्रीय कोयला मंत्री

राष्‍ट्रीय खनिज मंत्री

राज्‍य कोयला मंत्री

राज्‍य खनिज मंत्री

30

अध्‍यक्ष, भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (पुरानी,इतिहास की चीजों/वस्तुओं की जांच)

अध्‍यक्ष, राज्‍य पुरातत्‍व सर्वेक्षण

31

अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय इतिहास परिषद्(सभा)

अध्‍यक्ष, राज्‍य इतिहास परिषद्

32

अध्‍यक्ष, लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी) (भारत के नागरिक सेवा के नौकरी के लिए परीक्षा का प्रबंध करने के लिए जनसमूह/समिति)

अध्‍यक्ष, राज्‍य लोक सेवा आयोग

33

अध्‍यक्ष, केन्‍द्रीय  भर्ती बोर्ड

अध्‍यक्ष, राज्‍य  भर्ती बोर्ड

जिला भर्ती बोर्ड अध्‍यक्ष

34

अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय महिला आयोग(सरकारी संस्था/कमीशन)  (महिला मतदातागण इन्‍हें बदल/हटा सकती हैं)

अध्‍यक्ष, राज्‍य महिला आयोग

अध्‍यक्ष, जिला महिला आयोग

35

अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय दलित अत्याचार रोकथाम सरकारी संस्था (उत्‍पीड़न निवारण आयोग) (दलित मतदातागण इन्‍हें बदल/हटा सकते हैं)

अध्‍यक्ष, राज्‍य दलित उत्‍पीड़न निवारण आयोग

अध्‍यक्ष, जिला दलित उत्‍पीड़न निवारण आयोग

36

राष्‍ट्रीय पूर्त आयुक्‍त (जरूरतमंद लोगों के लिए सरकारी संस्था )

राज्‍य पूर्त आयुक्‍त

37

अध्‍यक्ष राष्‍ट्रीय बार/वकील समुदाय परिषद्(वकीलों की संचालन/प्रबंध करने वाली संस्था)

राज्‍य बार/वकील समुदाय परिषद् अध्‍यक्ष

जिला बार/वकील समुदाय परिषद् अध्‍यक्ष

38

राष्‍ट्रीय लोकपाल

राज्‍य लोक आयुक्‍त

जिला लोक आयुक्‍त

39

राष्‍ट्रीय सूचना कमिश्नर/आयुक्‍त

राज्‍य सूचना आयुक्‍त

जिला सूचना आयुक्‍त

40

——–

राज्‍य अपमिश्रण नियंत्रक अधिकारी

जिला अपमिश्रण नियंत्रक अधिकारी

41

संपादक, राष्‍ट्रीय समाचारपत्र

संपादक, राज्‍य समाचारपत्र

संपादक, जिला समाचारपत्र

42

संपादक, राष्‍ट्रीय महिला समाचारपत्र (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है)

संपादक, राज्‍य महिला समाचारपत्र  (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है)

संपादक, जिला महिला समाचारपत्र (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है)

43

अध्‍यक्ष, दूरदर्शन

अध्‍यक्ष, राज्‍य दूरदर्शन

अध्‍यक्ष, जिला चैनल

44

अध्‍यक्ष, आकाशवाणी

अध्‍यक्ष, राज्‍य रेडियो चैनल

अध्‍यक्ष, जिला रेडियो चैनल

45

अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय पहचान पत्र (आई डी) प्रणाली

अध्‍यक्ष, राज्‍य पहचान पत्र (आई डी) प्रणाली

46

अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय जमीन-रिकॉर्ड सिस्टम (भूमि अभिलेख प्रणाली)

अध्‍यक्ष, राज्‍य भूमि अभिलेख प्रणाली

अध्‍यक्ष, जिला भूमि अभिलेख प्रणाली

47

अध्‍यक्ष, लोक सभा

अध्‍यक्ष, राज्‍य सभा

अध्‍यक्ष, विधान सभा

अध्‍यक्ष, विधान परिषद्

अध्‍यक्ष, जिला पंचायत

अध्‍यक्ष तहसील पंचायत

48

अध्‍यक्ष, तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग

अध्‍यक्ष, हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड

अध्‍यक्ष, राज्‍य पेट्रोल निगम

यह सूची 7 मई, 2010 की तिथि के अनुसार है। यह सूची केवल बढ़ती ही है, घटती नहीं ।

 

 

(6.18) बदलने / हटाने की ये प्रक्रियाएं / तरीके भ्रष्‍टाचार को कैसे कम करती हैं ?

एक प्रश्‍न जिसका सामना मैं अकसर करता हूँ  – वर्तमान सभी अधिकारी भ्रष्‍ट हैं और इसलिए बदलकर लाए गए अधिकारी भी इतने ही भ्रष्‍ट होंगे। इसलिए बदलने/हटाने की कार्रवाई भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद को कैसे कम करेगी? मैं इस प्रक्रिया को विस्‍तार से जिला शिक्षा अधिकारी के उदाहरण का प्रयोग करके बताउंगा।

सर्वप्रथम, मैंने बहुमत के मतदान द्वारा जेल में डालने और बहुमत के मतदान द्वारा फांसी पर चढ़ाने जैसे प्रारूपों/ड्राफ्टों का प्रस्‍ताव किया है । ये प्रारूप केवल उन मंत्रियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस), जजों पर लागू होंगे जिन्‍होंने इस प्रक्रिया का शत-प्रतिशत नैतिक और शत-प्रतिशत संवैधानिक होना स्‍वीकार किया है। इन प्रारूपों के सभी खण्‍ड/कलम शत-प्रतिशत सांवैधानिक और शत-प्रतिशत नैतिक हैं। इन प्रारूपों का उपयोग करके नागरिकगण उन भ्रष्‍ट मंत्रियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) अधिकारियों, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) अधिकारियों, जजों/न्‍यायाधीशों को जेल भिजवा सकते हैं अथवा फांसी पर भी चढ़वा सकते है जिन्‍होंने इस प्रारूप को नैतिक घोषित किया है । और उन मंत्रियों, जजों आदि का क्‍या होगा जो यह समझते हैं कि बहुमत के मतों द्वारा फांसी शत-प्रतिशत संवैधानिक से कम है और/अथवा शत-प्रतिशत नैतिक से कम है। देखिए, प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्‍ट को बदलने का अधिकार) नागरिकों को यह विकल्‍प देता है कि वे उन सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) अधिकारियों, मंत्रियों, जजों को  हटा दें जो यह समझते है कि बहुमत के मत द्वारा फांसी अनैतिक है। इसलिए अब  प्रशासन में वैसे अधिकारीगण होंगे जिन्‍हें बहुमत के मत द्वारा फांसी दी जा सकती है। फांसी के खतरे को देखते हुए ये अधिकारी बहुत ज्‍यादा घूस लेने का साहस नहीं करेंगे। अब बहुमत के मतों द्वारा मृत्युदंड/फांसी देने की इस प्रक्रिया का केवल कहने/प्रचार मात्र का अर्थ/महत्व रह जाएगा क्योंकि प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्‍ट को बदलने का अधिकार) ही भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए पर्याप्‍त होगा तथा नागरिकों को कभी भी बहुमत द्वारा मृत्युदंड सुनाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी । मैंने यह अगले पैराग्राफ/अनुछेद में विस्‍तार से बताया है कि किस तरह केवल प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्‍ट को बदलने का अधिकार)  ही काफी है ।

किसी जिले में स्थित स्कूलों के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर विचार करें । मैंने राईट टू रिकॉल समूह के सदस्‍य के रूप में राईट टू रिकॉल – जिला शिक्षा अधिकारी का प्रस्ताव किया है – यह 10 कलम/खण्‍ड की प्रक्रिया होगी जिसके द्वारा जिले के माता-पिता/अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी को उसके पद से हटा सकते हैं । किस प्रकार प्रजा अधीन -जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी में सुधार लाएगा? पहले तो, सिर्फ निष्कासन/हटाए जाने का डर उसे भ्रष्टाचार कम करने के लिए बाध्य कर देगा । परन्तु ये ज्यादा काम नहीं करेगा। आख़िरकार हम एक ऐसा जिला शिक्षा अधिकारी चाहते हैं जिसकी भ्रष्टाचार में रूचि ही न हो न कि केवल ऐसा जिला शिक्षा अधिकारी जो केवल हटाये जाने के भय से भ्रष्टाचार कम करे । किस प्रकार प्रजा अधीन- जिला शिक्षा अधिकारी छह महीने के अंदर ही ऐसे सकड़ों जिला शिक्षा अधिकारी दे सकता है जो भ्रष्टाचार में बिलकुल ही रूचि नहीं रखते हों?  मैं विस्तार से वर्णन करूँगा कि किस प्रकार प्रजा अधीन -जिला शिक्षा अधिकारी कानून इस कार्य को पूरा करेगा ।

श्रेणी: प्रजा अधीन