होम > प्रजा अधीन > अध्याय 23 – भारतीय रिजर्व बैंक में सुधार करने और महंगाई / मुद्रास्‍फीति कम करने के लिए राइट टू रिकॉल ग्रुप / प्रजा अधीन राजा समूह के प्रस्‍ताव

अध्याय 23 – भारतीय रिजर्व बैंक में सुधार करने और महंगाई / मुद्रास्‍फीति कम करने के लिए राइट टू रिकॉल ग्रुप / प्रजा अधीन राजा समूह के प्रस्‍ताव

dummy
पी.डी.एफ. डाउनलोड करेंGet a PDF version of this webpageपी.डी.एफ. डाउनलोड करें
4

तलाटी

वह तलाटी नागरिकों की पसंद/अनुमोदन/स्वीकृति को जिले के वेबसाइट पर उनके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र और उसकी पसंद के साथ डाल देगा।

5

तलाटी

यदि कोई नागरिक अपने अनुमोदन/स्वीकृति रद्द करने के लिए आता है तो तलाटी उसके  एक या अधिक अनुमोदनों को बिना कोई शुल्‍क लिए बदल देगा।.

6

मंत्रिमंडल सचिव

प्रत्‍येक महीने की पांचवी तारीख को मंत्रिमंडल सचिव प्रत्‍येक उम्‍मीदवार की अनुमोदन/स्वीकृति-गिनती पिछले महीने की अंतिम तिथि की स्‍थिति के अनुसार प्रकाशित करेगा।

7

प्रधानमंत्री

यदि किसी उम्‍मीदवार को किसी जिले में सभी दर्ज/रजिस्‍टर्ड मतदाताओं के 51 प्रतिशत से ज्‍यादा नागरिक-मतदाताओं (केवल वे मतदाता ही नहीं जिन्‍होंने अपना अनुमोदन/स्वीकृति फाइल किया है बल्‍कि सभी दर्ज मतदाता) का अनुमोदन/स्वीकृति मिल जाता है तो प्रधानमंत्री मौजूदा/वर्तमान भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को हटा सकते हैं या उन्‍हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है और उस सर्वाधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त उस उम्‍मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्‍त कर  सकते हैं या उन्‍हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री का निर्णय अंतिम होगा।

8

जिला कलेक्‍टर

यदि कोई नागरिक इस कानून में कोई बदलाव चाहता है तो वह जिलाधिकारी/डी सी के कार्यालय में जाकर एक एफिडेविट जमा करा सकता है और डी सी या उसका क्लर्क उस एफिडेविट को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पेज का शुल्‍क लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

9

तलाटी (या

पटवारी)

यदि कोई नागरिक इस कानून या इसकी किसी धारा के विरूद्ध अपना विरोध दर्ज कराना चाहे अथवा वह उपर के खंड में प्रस्‍तुत किसी एफिडेविट पर हां – नहीं दर्ज कराना चाहे तो वह अपने वोटर आई कार्ड के साथ तलाटी के कार्यालय में आकर 3 रूपए का शुल्‍क देगा। तलाटी हां-नहीं दर्ज कर लेगा और उसे एक रसीद/पावती देगा। यह हां – नहीं प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाला जाएगा।

10

सी.वी -1 (जनता की आवाज़-1)             जिला कलेक्‍टर

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून में बदलाव/परिवर्तन चाहता हो तो वह जिला कलेक्‍टर के कार्यालय में जाकर एक ऐफिडेविट/शपथपत्र प्रस्‍तुत कर सकता है और जिला कलेक्टर या उसका क्‍लर्क इस ऐफिडेविट/हलफनामा को 20 रूपए प्रति पृष्‍ठ/पन्ने का शुल्‍क/फीस लेकर प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल देगा।

11

सी.वी -2 (जनता की आवाज़-2)       तलाटी (अथवा पटवारी/लेखपाल )

यदि कोई गरीब, दलित, महिला, वरिष्‍ठ नागरिक या कोई भी नागरिक इस कानून अथवा इसकी किसी धारा पर अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो अथवा उपर के क्‍लॉज/खण्‍ड में प्रस्‍तुत किसी भी ऐफिडेविट/शपथपत्र पर हां/नहीं दर्ज कराना चाहता हो तो वह अपना मतदाता पहचानपत्र/वोटर आई डी लेकर तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का शुल्‍क/फीस जमा कराएगा। तलाटी हां/नहीं दर्ज कर लेगा और उसे इसकी पावती/रसीद देगा। इस हां/नहीं को प्रधानमंत्री की वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।

     
प्रस्‍तावित कानून का सार इस प्रकार है –

1.      भारत का कोई भी नागरिक सांसद के चुनाव के लिए जमा की जाने वाली वाली धनराशि के बराबर शुल्‍क जिला कलेक्टर के पास जमा कराकर खुद/स्‍वयं को भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) के गवर्नर के उम्‍मीदवार के रूप में पंजीकृत/रजिस्‍टर करवा सकता है।

2.      भारत का कोई भी नागरिक तलाटी के कार्यालय में जाकर 3 रूपए का भुगतान करके अधिक से अधिक 5 व्‍यक्‍तियों को भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) के गवर्नर के पद के लिए अनुमोदित कर सकता है। तलाटी उसे उसके वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र और जिन व्‍यक्‍तियों के नाम उसने अनुमोदित किए है, उनके नाम, के साथ रसीद देगा।

3.      कोई नागरिक अपना अनुमोदन/स्वीकृति किसी भी दिन रद्द/कैंसिल भी करवा सकता है।

4.      तलाटी नागरिकों की प्राथमिकता को जिले की वेबसाइट पर उनके/नागरिकों के वोटर आईडी/मतदाता पहचान-पत्र संख्‍या और उसकी प्राथमिकता/पसंद के साथ डाल देगा।

5.      यदि किसी उम्‍मीदवार को सभी दर्ज/रजिस्‍टर्ड मतदाताओं के 50 प्रतिशत से ज्‍यादा मतदाताओं (केवल वे मतदाता ही नहीं जिन्‍होंने अपना अनुमोदन/स्वीकृति फाइल किया है बल्‍कि सभी दर्ज मतदाता) का अनुमोदन/स्वीकृति मिल जाता है तो प्रधानमंत्री मौजूदा/वर्तमान भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) के गवर्नर को हटा देंगे और उस सर्वाधिक अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्‍त उस उम्‍मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) के गवर्नर के रूप में नियुक्‍त कर देंगे / रखेंगे ।

इसके अलावा, नागरिकों को प्रजा अधीन–भारतीय स्‍टेट बैंक के अध्‍यक्ष (कानून) भी लागू करवाना चाहिए ताकि भारतीय स्‍टेट बैंक भी बहुतायत/बेहिसाब रूपए न बनाये। प्रजा अधीन – भारतीय स्‍टेट बैंक के अध्‍यक्ष कानून का प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट भी प्रजा अधीन–भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के समान ही है।

 

(23.10) (रूपए) जमा करने और कर्ज़ / ऋण देने की प्रणालियों / सिस्टम में बदलाव लाना

मैं राइट टू रिकॉल ग्रुप/ प्रजा अधीन राजा समूह के सदस्‍य के रूप में नोट/करेंसी प्रणाली/सिस्टम में निम्‍नलिखित बदलाव/परिवर्तन का प्रस्‍ताव करता हूँ –

  1. उन प्रक्रियाओं को लागू करें जिसके सहारे नागरिकगण भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारतीय स्‍टेट बैंक के अध्‍यक्ष को बदल/हटा सकें।

  2. सभी बैंको का विलय भारतीय स्‍टेट बैंक में किया जाए

  3. सभी सरकारी बैंकों को निधि के हस्‍तांतरण/फंड ट्रान्‍सफर और भंडारण के काम करने तक ही सीमित रखें

  4. ऋण/कर्ज़ देने में सरकारी बैंकों की भूमिका में कटौती करें। सरकारी बैंक गारंटी-रहित कर्ज़ केवल नागरिकों को ही देंगे, कम्‍पनियों को नहीं। और प्रति व्‍यक्‍ति 2,00,000 रूपए से कम का कर्ज़ देंगे और 8 प्रतिशत के ब्‍याज पर उन व्‍यक्‍तियों को ही देंगे जो इसके पात्र/योग्‍य होंगे।

  5. सरकारी बैंक केवल कम्‍पनियों को ऋण/कर्ज़, किन्हीं व्‍यक्‍तियों को गारंटर बनाकर ही देंगे। उदाहरण के लिए, यदि कोई कम्‍पनी मान लीजिए, 200 करोड़ रूपए का कर्ज़/ऋण चाहती है तो उसे 10,000 बालिग/वयस्‍क व्‍यक्‍तियों को सामने लाना होगा जिनमें से हरेक व्‍यक्‍ति 2,00,000 रूपए की गारंटी देने की इच्‍छा रखता हो।

  6. (किसी बड़े संस्था की)बड़ी आर्थिक सहायता/ बेल आउट के लिए सभी नागरिक-मतदाताओं के 51 प्रतिशत से ज्‍यादा लोगों के अनुमोदन/स्वीकृति की जरूरत होगी।

  7. सरकारी बैंक केवल बचत खातों को ही सहयोग देंगे जिसमें व्‍यक्‍तियों को वर्ष में न्‍यूनतम आवश्‍यक रकम/बैलेंस रखने पर 6 प्रतिशत का ब्‍याज मिलेगा। वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 15,00,000 रूपए से कम की राशि वर्ष में शेष रकम/बैलेंस के रूप में रखने पर 8 प्रतिशत का ब्‍याज मिलेगा। और 15,00,000 रूपए से अधिक पर 4 प्रतिशत ब्‍याज मिलेगा। इसके अलावा, महीने भर में न्‍यूनतम शेष राशि पर 3 प्रतिशत का ब्‍याज मिलेगा।

श्रेणी: प्रजा अधीन