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अध्याय 22 – पुलिस में सुधार लाने के लिए राइट टू रिकॉल ग्रुप / प्रजा अधीन राजा समूह का प्रस्ताव

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 पुलिस में सुधार लाने के लिए राइट टू रिकॉल ग्रुप / प्रजा अधीन राजा समूह का प्रस्ताव

 

(22.1) पुलिस में सुधार के लिए प्रस्‍तावित परिवर्तन / बदलाव

मैं राइट टू रिकॉल ग्रुप/प्रजा अधीन राजा समूह के सदस्‍य के रूप में पुलिस में निम्‍नलिखित प्रशासनिक सुधार का प्रस्‍ताव करता हूँ :-

  1. वह प्रक्रिया/विधि लागू करें जिससे हम आम लोग जिला पुलिस आयुक्‍त/कमिश्‍नर को हटा/बदल सकें। इस प्रक्रिया का विस्‍तार/विवरण और इसके लिए आवश्‍यक सरकारी अधिसूचना(आदेश) का प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट अगले भाग/हिस्‍से में दिया गया है।

  2. पुलिसवालों पर जूरी प्रणाली/व्‍यवस्‍था(सिस्टम) : किसी पुलिसवाले को हटाने या उसपर जुर्माना लगाने का अधिकार नागरिकों को देना।

  3. भूमि/जमीन पर सम्‍पत्ति-कर लगाकर ,पुलिसवालों की संख्‍या तीन गुना बढ़ाना।

  4. भूमि/जमीन पर सम्‍पत्ति-कर लगाकर ,पुलिसवालों का वेतन दो गुना करना।

  5. अपराधियों का रिकॉर्ड रखने और अपराधियों पर नजर रखने के काम में सुधार लाने के लिए राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली/व्‍यवस्‍था(सिस्टम)।

  6. सभी पुलिस स्‍टेशनों और सभी आपराधिक रिकॉर्डों का कम्‍प्‍यूटरीकरण।

  7. कांस्‍टेबल से लेकर उप-महानिरीक्षक/डीआईजी तक सभी पुलिसवालों और उनके निकट रिश्‍तेदारों की सम्‍पत्ति का खुलासा/घोषणा इंटरनेट पर देना।

अब मैं इन परिवर्तनों को लाने का प्रस्‍ताव कैसे करूंगा? मैं नागरिकों को सुझाव दूंगा कि उन्‍हें `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) कानून पर हस्‍ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री को बाध्‍य/विवश/मजबूर कर देना चाहिए और उसके बाद करोड़ों नागरिकों के हां का उपयोग/प्रयोग करके हमें मुख्‍यमंत्रियों और प्रधानमंत्री को बाध्‍य कर देना चाहिए कि वे ऊपर उल्‍लिखित सभी कानूनों को जारी/लागू कर दें।

 

(22.2) प्रस्तावित प्रजा अधीन – जिला पुलिस कमिश्नर

पहले पाठ में मैंने विस्‍तार से यह बताया कि क्‍यों अमेरिकी पुलिस में भ्रष्‍टाचार कम है, और सबसे प्रमुख कारण यह है कि अमेरिकी नागरिकों के पास वह प्रक्रिया/विधि है जिसके द्वारा वे जिला पुलिस प्रमुख को हटा सकते हैं।

मैं 200 से अधिक पदों के लिए प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्‍ट को बदलने का अधिकार) का प्रस्‍ताव किया है। जिन प्रक्रियाओं का मैंने प्रस्‍ताव किया है, उन सभी में खुले मतदान का प्रयोग किया जाता है। लेकिन जिला पुलिस कमिश्नर/आयुक्‍त के लिए मैंने इन प्रक्रियाओं के अलावा एक और प्रक्रिया का भी प्रस्‍ताव किया है जिसमें गोपनीय मतदान का प्रयोग किया जाता है। मैंने जिला पुलिस प्रमुख को बदलने/हटाने के प्रस्‍ताव के लिए निम्‍नलिखित प्रक्रिया का प्रस्‍ताव किया है जो मेरे द्वारा बताए गए सह-मतदान (के तरीके) पर आधारित है :-

  1. मुख्‍यमंत्री 4 वर्षों की अवधि के लिए जिला पुलिस कमिश्नर/आयुक्‍त की नियुक्‍ति करेंगे(नौकरी पर रखेंगे) जैसा कि वे आज किया करते हैं।

  2. जब कभी भी किसी जिले में मतदान होगा, चाहे वह सांसद अथवा विधायक अथवा पंचायत सदस्‍य अथवा प्रधानमंत्री अथवा मुख्‍यमंत्री अथवा जिला महापौर का ही चुनाव क्‍यों न हो, तो कोई भी व्‍यक्‍ति जिसने सरकार में प्रथम श्रेणी के अधिकारी के रूप में काम किया हो, अथवा सेना में जुनिओर कमीशन अफसर(जेसीओ) के पद पर काम किया हो अथवा [—-योग्यता/गुणों की सूची पर खरा उतरता हो—] , वह यदि जिला पुलिस प्रमुख बनना चाहता हो तो वह सांसद के लिए जमा की जाने वाली राशि के बराबर धनराशि/रकम जमा करवाकर अपने आप को उम्‍मीदवार के रूप में खड़ा कर सकता है।

  3. यदि किसी उम्‍मीदवार ने सभी मतदाताओं, न कि केवल मतदान करने वालों का, के मतों का 50 प्रतिशत से ज्‍यादा मत प्राप्त किया हो, तब वह उम्‍मीदवार 4 वर्षों के लिए नया जिला पुलिस प्रमुख बन सकता है।

  4. राज्‍य के सभी नागरिक मतदाताओं के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों के अनुमोदन/स्वीकृति से, मुख्‍यमंत्री, जिला पुलिस प्रमुख(डी सी पी) को 4 वर्षों के लिए निलंबित/सस्‍पेंड कर सकते है और अपनी पसंद के किसी व्‍यक्‍ति को जिला पुलिस प्रमुख नियुक्‍त कर सकते हैं।

  5. भारत के सभी नागरिक-मतदाताओं के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों के अनुमोदन/स्वीकृति से प्रधानमंत्री किसी राज्‍य के सभी जिला प्रमुखों को सस्‍पेंड कर सकते हैं और अपनी पसंद के व्‍यक्‍तियों को उस राज्‍य में जिला पुलिस प्रमुख नियुक्‍त कर सकते हैं।

उपर्युक्‍त प्रक्रिया से जिला पुलिस प्रमुख के कार्यालय में भ्रष्‍टाचार कम होगा और इससे पुलिस प्रमुख को यह सुनिश्‍चित करने का भी समय मिलेगा कि और कोई घूस तो नहीं ले रहा है अथवा अक्षम/बेकार ,घटिया और मनमाने ढ़ंग से तो काम नहीं कर रहा है।

प्रजा अधीन-पुलिस कमिश्नर(भ्रष्ट पुलिस-कमिश्नर को बदलने का नागरिकों का अधिकार) सरकारी-अधिसूचना(आदेश) का पूरा ड्राफ्ट

 

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निम्‍नलिखित के लिए प्रक्रिया

प्रक्रिया/अनुदेश

1

—-

मुख्‍यमंत्री सरकारी अधिसूचना(आदेश) पर हस्‍ताक्षर करेंगे और यह केवल तभी लागू होगा जब सभी दर्ज मतदाताओं के 51 प्रतिशत से ज्‍यादा ने `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली/सिस्टम (कानून) का उपयोग करके इस सरकारी अधिसूचना(आदेश) की मांग करने वाले एफिडेविट पर हां दर्ज करा दिया हो।

2

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त/इलेक्शन-कमिश्नर

मुख्‍य मंत्री और नागरिक , राज्‍य चुनाव आयुक्‍त से जिला पुलिस प्रमुख का सह-मतदान करवाने का अनुरोध/प्रार्थना करेंगे, जब कभी भी किसी जिले में जिला पंचायत, तहसील पंचायत, ग्राम पंचायत अथवा नगर निगम अथवा जिला भर में जिला स्‍तर का कोई भी आम चुनाव चल रहा हो।

3

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त

30 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी भारतीय नागरिक जिसने 5 वर्षों से अधिक समय तक सेना में काम किया हो, पुलिस में एक भी दिन, सरकारी कर्मचारी के रूप में 10 वर्षों तक अथवा उसने राज्‍य लोक सेवा आयोग या संघ लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा पास की हो, अथवा सिर्फ विधायक या सांसद या पार्षद या जिला पंचायत के सदस्‍य का चुनाव जीता हो, वह जिला पुलिस प्रमुख के उम्‍मीदवार के रूप में अपने को दर्ज करवा सकेगा |

4

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त

राज्‍य चुनाव आयुक्‍त जिला पुलिस प्रमुख के चुनाव के लिए एक मतदान पेटी रख/रखवा देगा।

5

नागरिक

कोई भी नागरिक–मतदाता उम्‍मीदवारों में से किसी को भी वोट दे सकता है।

6

मुख्‍यमंत्री

यदि कोई उम्‍मीदवार सभी दर्ज नागरिक-मतदाताओं (सभी, न कि केवल उनका जिन्‍होंने वोट दिया है) के 50 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का मत/वोट प्राप्‍त कर लेता है तो मुख्‍यमंत्री त्‍यागपत्र/इस्‍तीफा दे सकते हैं अथवा सबसे अधिक मत प्राप्‍त करने वाले उस व्‍यक्‍ति को उस जिले में अगले 4 वर्ष के लिए नया जिला पुलिस प्रमुख नियुक्‍त कर सकते हैं

7

मुख्‍यमंत्री

मुख्‍यमंत्री एक जिले में अधिक से अधिक एक व्‍यक्‍ति को जिला पुलिस प्रमुख बना सकते हैं।

श्रेणी: प्रजा अधीन