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अध्याय 15 – प्रिय कार्यकर्ता, क्‍या आपकी कार्रवाई पर्याप्‍त और क्‍लोन पॉजिटिव है ?

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इसलिए मैं सभी कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने कार्यकर्ता  नेता द्वारा प्रस्‍तावित कार्यों का विश्‍लेषण करें। यदि सभी कार्य क्‍लोन निगेटिव और अपर्याप्‍त हैं तो यह तय बात है कि चाहे कितने भी कार्यकर्ता इस कार्य से जुड़ जाऐं, भ्रष्‍टाचार कभी भी कम नहीं होगा। क्‍या कार्यकर्ता नेता का लक्ष्‍य कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ता का समय बरबाद करने वाले तरीकों और साधनों को अपनाना है? यही एक प्रश्‍न है जिसे हर कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ता को हर कार्यकर्ता नेता से पूछना है जो अपर्याप्‍त और क्‍लोन निगेटिव कार्यवाइयों में उलझे हुए हैं। और मेरे विचार से प्रत्‍येक कनिष्ठ/छोटे /जूनियर कार्यकर्ताओं को अपने नेता से पर्याप्‍त और क्लोन पॉजिटिव कार्यावाईयों पर काम करने के लिए कहना चाहिए और यदि कार्यकर्ता नेता किसी एक भी पर्याप्त और क्‍लोन पॉजिटिव कार्यवाई पर काम करने से मना कर देता है तो कनिष्ठ/छोटे  कार्यकर्ताओं को मेरा सलाह होगी कि वे उस नेता को छोड़ दें और किसी ऐसे नेता की तलाश करें जो पर्याप्‍त और क्‍लोन पॉजिटिव कार्यवाइयों पर काम करने के लिए इच्‍छुक है।

 

(15.8) दो प्रश्‍न जो छोटे / जूनियर कार्यकर्ता को अपने कार्यकर्ता नेता से अवश्‍य पूछना चाहिए

नीचे दो प्रश्‍न दिए गए हैं और मैं हरेक कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ता से अनुरोध करता हूँ कि उन्‍हें अपने और हर कार्यकर्ता नेता से ये प्रश्‍न अवश्‍य पूछना चाहिए-

पहला प्रश्‍न

मान लीजिए आप, कार्यकर्ता  नेता के पास 20 लाख कार्यकर्ता हैं जो आपकी सलाह के अनुसार काम करने के इच्‍छुक हैं और इनमें से हरेक कुछ समय और पैसा भी देने का इच्‍छुक है। यह इस प्रकार है –

  1. सभी 20,00,0000 कार्यकर्ता आपके दिशानिर्देशों के अनुसार हर सप्‍ताह 1 घंटा समय देंगे

    1. लगभग 50,000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 5 घंटे समय देंगे

    2. केवल 5000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 25 घंटे समय देंगे

    3. केवल 500 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 50 घंटे समय देंगे

और कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ता कार्यकर्ता नेता को एक भी पैसा नहीं भेजेंगे लेकिन आपकी दिशानिर्देशों के अनुसार वे पर्चियों /पम्‍फलेट्स आदि पर पैसे निम्‍नलिखित प्रकार से खर्च करेंगे –

  1. सभी 20,00,0000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 150 रूपए खर्च करने के इच्‍छुक हैं

  2. लगभग 50,000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 500 रूपए खर्च करेंगे

  3. लगभग 5000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 3000 रूपए खर्च करेंगे

  4. लगभग 500 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 10,000 रूपए खर्च करेंगे

अब आपकी (आप = कार्यकर्ता  नेता की) सूची में कौन सी कार्यसूची हैं जो आप इन 20 लाख कार्यकर्ताओं को देंगे?

दूसरा प्रश्‍न

मान लीजिए आप कार्यकर्ता  नेता के पास 20 हजार कार्यकर्ता हैं जो आपकी सलाह के अनुसार काम करने के इच्‍छुक हैं और इनमें से हरेक कुछ समय और पैसा भी देने का इच्‍छुक है। यह इस प्रकार है –

  1. सभी 20,000 कार्यकर्ता आपके दिशानिर्देशों के अनुसार हर सप्‍ताह 1 घंटा समय देंगे

  2. लगभग 50 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 25 घंटे समय देंगे

  3. लगभग 5-10 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 5 घंटे समय देंगे

  4. केवल 2-3 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 50 घंटे समय देंगे

और कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ता कार्यकर्ता नेता को एक भी पैसा नहीं भेजेंगे लेकिन आपकी दिशानिर्देशों के अनुसार वे पर्चियों /पम्‍फलेट्स आदि पर पैसे निम्‍नलिखित प्रकार से खर्च करेंगे –

1.    सभी 20,000 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 150 रूपए खर्च करने के इच्‍छुक हैं

  1. लगभग 50 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 500 रूपए खर्च करेंगे

  2. लगभग 5-10 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 3000 रूपए खर्च करेंगे

4.    लगभग 2-3 कार्यकर्ता हर सप्‍ताह 10,000 रूपए खर्च करेंगे

अब आपकी (आप = कार्यकर्ता  नेता की) सूची में कौन सी कार्यसूची है जो आप इन 20 हजार कार्यकर्ताओं को देंगे?

दूसरा प्रश्‍न मध्‍यम स्‍तर पर और पहला प्रश्‍न बड़े स्‍तर पर है। कार्यकर्ता  नेता द्वारा तैयार की गई सूची के आधार पर मैं कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ताओं से अनुरोध करूंगा कि वे निर्णय करें कि क्‍या कार्यकर्ता नेता भारत के कानून के प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट में सुधार करके गरीबी, भ्रष्‍टाचार कम करना चाहता है या उसको इसमें कोई भी रूचि नहीं है |

लगभग 2500 वर्षों पहले प्‍लूटो ने हमें बताया कि राजनीति में किसी व्‍यक्‍ति को पूछे गए प्रश्‍नों का उत्‍तर अवश्‍य देना चाहिए। इसलिए मैं कनिष्ठ/छोटे कार्यकर्ताओं से कहता हूँ कि वे अपने कार्यकर्ता नेता से ऊपर लिखित प्रश्‍नों को पूछें। अब मेरे उत्‍तर क्या हैं? मैं कनिष्ठ/छोटे  कार्यकर्ताओं से क्‍या करने के लिए कह रहा हूँ? मैने इस पुस्‍तक के पाठ 13 में उन कार्यकलापों की सूची दी है जो कार्यकलाप मैं करने के लिए कहता हूँ। वे सभी काम क्‍लोन पॉजिटिव और पर्याप्त हैं ।

अब हम उन कुछ उत्‍तरों का विश्‍लेषण करते हैं जो विभिन्‍न कार्यकर्ता  नेता दे सकते हैं।

 

(15.9) “भ्रष्‍टाचार कम करने की कोई जरूरत नहीं”  बनाम “भ्रष्‍टाचार कम करना बहुत जरूरी है”  कार्य

एक कार्यकर्ता या तो भ्रष्‍टाचार का समर्थक होता है या तो भ्रष्‍टाचार का विरोधी। जितने भी कनिष्‍ठ/छोटे कार्यकर्ताओं से मैं मिला हूँ, वे सभी भ्रष्‍टाचार के विरोधी हैं। लेकिन ज्‍यादातर कार्यकर्ता नेता जिन पर मैने गौर किया, वे भ्रष्‍टाचार के समर्थक थे। आम तौर पर, जितने भी कार्यकर्ता नेता जिनके पास 80 जी और 35 ए सी पर आधारित धर्मार्थ संगठन हैं, वे इस बात पर जोर देते हैं कि पुलिस, न्‍यायालय, आयकर विभाग आदि से भ्रष्‍टाचार कम करने के प्रयासों की जरूरत नहीं है। उनके ऐसा कहने के पीछे एक कारण यह हो सकता है कि उन्‍हें खतरा झेलने से नफरत/घृणा होती है। यदि कोई व्‍यक्‍ति न्‍यायाधीशों, मंत्रियों आदि में भ्रष्‍टाचार कम करना चाहता है तो समय और प्रयासों की बात तो छोड़ ही दीजिए, खतरा एक बड़ा कारक/ मुद्दा होता है। उत्‍पीड़न/कष्ट होने का भी खतरा होता है। ये उत्‍पीड़न जांचों, दण्‍ड़ लगाने, सम्‍पत्ति कुर्की/जब्‍त करने, झूठे पुलिस मुकद्दमें आदि के रूप में हो सकते हैं। सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाने वाले कदमों में से एक है – झूठा पुलिस मुकद्दमा। यदि अंग्रेज आज के पुलिसवालों/मंत्रियों जैसा कार्य कर रहे होते तो वे भगत सिंह के खिलाफ झूठे बलात्‍कार का मुकद्दमा दायर कर देते और भगत सिंह को बदनाम करने के लिए किसी महिला कार्यकर्ता को पैसे देकर काम पर रख लेते; न कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा लगाकर उन्‍हें हीरो/नायक बनाते। और यदि कोई व्‍यक्‍ति पुलिस के मुकद्दमों से हार नहीं मानता या हतोत्‍साहित नहीं होता तो मारने, उत्‍पीड़ित करने, बन्‍दी बनाने और यहां तक कि जान से मारने का भी काम हो सकता था। और यहां तक कि भ्रष्‍ट पुलिसवाले, जज, मंत्री और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) के अधिकारी भ्रष्‍टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्‍यों को हानि पहुंचाने जैसा काम भी कर सकते थे। इस प्रकार के डर के कारण, ज्‍यादातर कार्यकर्ता नेता शिक्षा  व अस्‍पताल आदि तक ही सीमित रहने पर जोर देते हैं और उन कानूनों का समर्थन करने से मना कर देते हैं जिनसे भ्रष्‍टाचार कम हो सकता है। कुछ कार्यकर्ता नेता पुलिस कांस्‍टेबल/पुलिस इंस्‍पेक्‍टर जैसे छोटे पद की भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहते हैं। लेकिन ज्‍यादातर कार्यकर्ता नेता प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्रियों, वरिष्‍ठ मंत्रियों, वरिष्‍ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) के अधिकारी, वरिष्‍ठ भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) के अधिकारी आदि के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ने के प्रस्‍तावों का विरोध करते हैं। और उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों तथा उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों के भ्रष्‍टाचार और भाई – भतीजावाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के प्रस्‍तावों का तो 90 प्रतिशत से ज्‍यादा कार्यकर्ता नेता जोरदार विरोध करते हैं।

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