वैसे तो हिंदुत्व के मुकाबले र्इसार्इयत कहीं भी ताकतवर नहीं हैं । लेकिन , बेहतर ड्राफ्ट के कारण अमेरिका , इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशो में कोर्ट(न्याय) और पुलिस में भ्रष्टाचार बेहद कम है । इसलिये वहाँ जनता कम समय में ज्यादा कार्य करने में सक्षम हैं । इसलिये वहाँ के लोग ज्यादा सुविधा-जनक सामान और हथियार निर्माण में सक्षम हैं । वे दूसरे देशो की सेनाओ को हराने में और कमजोर देशो के अफसर और नेताओ को अपने अधिकार में लेने में सक्षम हैं और अपने कमीशन अभिकर्ता (एजेंट्स) को कमजोर देशों के न्याय-व्यवस्था में, प्रशाशनिक सेवा में, पुलिस सेवा में तथा मंत्रालय व्यवस्था मेंस्थापित करने में पूर्णतया सक्षम होते हैं । जहाँ भी बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिक जाते है वहाँ मिशनरियों को दूसरे धर्मों की विफलता और जबरन धर्मान्तरण के लिये उकसाते है और सहयोग करते है ।
आखिर बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिक मिशनरीयो को क्यो सहयोग करते है ? क्योकि बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो को अमेरिकी सेना से मदद चाहिये और अमेरिकी सेना को चर्चो से नर्इ भर्तीया मिलती है । चर्च अमेरिकी युवाओ को सेना में जाने के लिये प्रेरित करते है और इस तरह वह अमेरिकी सेना को सबसे ज्यादा भर्तिया देता है । अब मिशनरी परोक्ष (इनडाइरेक्टली) रुप से बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिको को सहयोग दे रहे थे इसलिये उनकी इच्छाएँ पूरी करना जरुरी हैं ।
इसीलिये धर्मान्तरण की व्यवस्था को ख़त्म करने के लिए हमें न्याय व्यवस्था यानी कोर्ट और पुलिस व्यवस्था को सुधारना होगा ताकि वहाँ अन्याय ना हो और देश तेजी से तरक्की करे ।
59.8. सारांश
बिना किसी खून खराबे के और बिना बल प्रयोग के जबरन धर्मान्तरण को रोका जा सकता है , लेकिन इसके लिये कोर्इ शॉर्टकट नहीं दीखता । दूसरे शब्दों में कार्यकर्ताओ को मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री पर दबाव डालने में रुची लेनी ही होगी जिससे राजपत्र में ऐसे कानूनो को छपवाया जा सके जो उन समस्याओ को खत्म करे जो जबरन धर्मान्तरण का कारण बन रहीं हैं । शॉर्टकट , जैसे कुछ कानून बनाकर जबरन धर्मान्तरण पर रोक लगाना या उन लोगो को जेल में डाल देना जो जबरन धर्मान्तरण करवा रहे हैं या ऐसे लोगो को खड़ा करना जो जबरन धर्मान्तरण को रोके , इन सब तरीकों से उल्टी प्रतिक्रिया होने की संभावना अधिक रहती है । यह मिशनरी और बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिक बेहद ताकतवर हैं और अस्पताल , स्कूल या फैक्टरीयो की सुविधा और उत्पादकता में भी वह हमसे काफी आगे है । उनकी उत्पादकता के लिये उनके पास राजपत्र में छपे कानून है । इसलिये हमारे पास एक ही समाधान है कि हम बेहतर ड्राफ्ट-कानूनो को राजपत्र में छपवाये । इसके अलावा कोर्इ शॉर्टकट नहीं है ।
59.9. दो सीमार्इ युद्ध की सम्भावना को रोकने के लिये आप क्या कर सकते है ?
कृपया , आप प्रधानमंत्रीऔर लोकसभा स्पीकर को एस.एम.एस. से यह आदेश भेजे कि आपने संसद में पेश बिल पर अपना हाँ/ना एस.एम.एस के द्वारा भेजा है , उसे संसद की वेबसार्इट पर डाले और पुस्तक http://rahulmehta.com/301.h.htm का 13 वाँ अध्याय भी अवश्य पढ़े । उसमे कर्इ भाग(चरण) है , जिसमे आप सप्ताह के 6 घंटे बिता सकते है और टी.सी.पी को राजपत्र में छपवाकर भारत में लाने में मदद कर सकते हैं । इसके चरणो (भागो) में पर्चे बाँट सकते है , और अखबारो में विज्ञापन देकर और चुनाव करके भाजपा और काँन्ग्रेस के भ्रष्ट नेताओ , अन्ना और अरविन्द केजरीवाल की खराब नीयत के बारे में जनता को जानकारी दे सकते है जो कि टी.सी.पी का विरोध करते है ।
एक बार टी.सी.पी राजपत्र में छप जाये , फिर कार्यकर्ताओ के लिये ऐसे ड्राफ्ट को लाना आसान को जायेगा जिनसे जबरन धर्मान्तरण को बिना किसी बल या दबाव के कानूनन रोका जा सकता हैं । क्योकि टी.सी.पी के माध्यम से जब कार्यकर्ताओ के पास जनता के समर्थन का प्रमाण(प्रूफ) होगा तो प्रधानमंत्री को राजपत्र छापने के लिये मनाना आसान हो जायेगा और इस तरह हमारे भारत में जबरन धर्मान्तरण को रोका जा सकता है ।
लेखक – श्री राहुल चिमनभार्इ मेहता