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अध्याय 59 – जबरन धर्मान्तरण पर रोक के लिए राईट टू रिकाल ग्रुप के समाधान-ड्राफ्ट

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जबरन या दबाव-पूर्वक धर्मान्तरण पर रोक लगाने के लिए राईट टू रिकाल ग्रुप के द्वारा समाधान-ड्राफ्ट


 

59.1.      हथियार निर्माण और सेना को मजबूत बनाना-

ये कदम धर्मान्तरण को रोकने के लिये एक अत्यधिक् जरुरी कदम है.

कर्इ लोग जो भारत में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना चाहते हैं , आमतौर पर सुझाव देते है कि जबरन धर्मान्तरण के खिलाफ कानून बनाया जाये और ऐसा करने वालो को जेल में डाल दिया जाये । परन्तु यह कानून बनाने  या पुलिस बल के उपयोग  का रास्ता तब बेकार या असफल हो जायेगा जब :-

1.     जब यदि कभी अमेरिकी फौज स्वयं भारत में उतरती हैं ।

2.     यदि भारतीय नेता ही स्वदेशी हथियारो के निर्माण को बाधित करते हैं या उसे कम करते हैं , तो हमारी भारत की सेना  चीन तथा                 पाकिस्तान से सुरक्षा हेतु हथियारो के लिये बहुराष्ट्रीय कम्पनीयों पर ही निर्भर रहेंगी ।

3.      यदि देश के राजनीतिज्ञ ही ऐसी अर्थव्यवस्था बनाते हैं जो बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो पर निर्भर रहेगी ।

मैं इन तीन उपरोक्त बिन्दुओ को विस्तृत करता हूँ :-

1.        जब यदि अमेरिकी फौज भारत में उतरेगी :-

इराक जैसे कुछ देशो ने इस्लाम से र्इसार्इयत में जबरन धर्मान्तरण को रोकने के लिये कानून बनाये , अलग-अलग पोलिसी (नीतियाँ ) बनार्इ और पुलिस के इस्तेमाल से उन लोगो को जेल में भी डाल दिया गया जो मुसलमानों को जबरन ईसाई बना रहे थे । लेकिन उनकी  कोशिश तब नाकामयाब हो गर्इ जब अमेरिकी फौज ने इराक की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया  और उसके बाद इराक में प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से 15 प्रतिशत आबादी को र्इसार्इयत में बदल दिया गया ।

इसलिये यदि प्रशासनिक कार्यकर्ता और उनके नेता जबरन धर्मपरिवर्तन के खिलाफ कानून बनाते हैं , लेकिन वह बड़े स्तर पर देश में स्वदेशी हथियारो के निर्माण को समर्थन और बढ़ावा नहीं देते हैं तो देर-सवेर अमेरिकी फौज भारत में घुस कर बड़े पैमाने पर जबरन धर्मपरिवर्तन का कार्य करेंगी । पर यदि कार्यकर्ता ऐसे प्रशासनिक ढ़ाँचे को बढ़ावा देते हैं जो कि स्वदेशी हथियार निर्माण को बढ़ावा देता है , तो जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ किसी कानून की जरुरत नहीं रहेंगी और यह बिना कोर्इ कानून बनाये खत्म हो जायेगी । क्योकि जो प्रशासन स्वदेशी हथियारो को बढ़ावा देगा वह देश की अर्थव्यवस्था को भी ऊपर उठायेगा , न्याय व्यवस्था को सुधारेगा, विज्ञान/गणित की शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी और धार्मिक अन्धविश्वास में काफी कमी आ जाएगी । इस तरह जबरन धर्मपरिवर्तन की समस्या स्वत: खत्म हो जायेगी ।

2.        यदि भारतीय सेना हथियारो के लिये अमेरिका पर निर्भर हो जायेगी :-

मान ले कि भारत मे अमेरिकी सेना नहीं आयेगी । लेकिन यदि कार्यकर्ता किसी ऐसे प्रशासनिक व्यवस्था का निर्माण करते हैं जो कि छोटे उद्योगपतियों को समर्थन नहीं दें तो सीधे ही स्वदेशी हथियारो के निर्माण में भी कमी आ जाएगी, और भारतीय सेना को चीन पाकिस्तान से सुरक्षा हेतु हथियारो के लिये बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिको पर निर्भर रहना पड़ेगा । इसलिये बहुराष्ट्रीय कम्पनीयों के मालिक सरकार को मजबूर करेंगे की वह जबरन धर्मान्तरण के अनुकूल कानून पारित करें, अन्यथा (नहीं तो) सेना को वह हथियार पहूँचाना बंद कर देंगे ।

ऐसे में सरकार को धर्मान्तरण के अनुकूल कानून और नीतियाँ बनानी पड़ेगी । बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो द्वारा खरीदा हुआ मिडिया, हमारे नेताओ को महान नेता बतायेंगे , पर असल में नेताओ के सामने जबरन धर्मान्तरण को बढ़ावा देने के लिये कानून बनाने के अलावा कोर्इ और रास्ता ही नहीं बचेगा ।

3.        यदि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो पर निर्भर करें :-

अब , यदि कार्यकर्ता ऐसे प्रशाशन को खड़ा करते हैं जो छोटे-बड़े स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा ना दे , तो स्वदेशी उद्योगों ठप होकर बंद होने लगेंगे और बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो को भारत देश में ज्यादा से ज्यादा घुसने की जगह मिलेगी । जैसे ही हमारे देश के ज्यादातर खनिज के खान और उद्योग इन बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के हाथों में चले जायेंगे , वैसे ही ये बहुदेशी कम्पनियाँ हमारे सरकार की नीतियो में दखल करने लगेंगी । फिर देश में बलपूर्वक धर्म-परिवर्तन के लिये नीतियां बनवाने लगेंगी ।

तो यदि देशभक्त कार्यकर्ता ऐसे प्रशाशन को समर्थन देता है, जो कि स्वदेशी हथियार निर्माण और स्वदेशी तकनीक को समर्थन और बढ़ावा नहीं देता तो देर-सवेर यह पश्चिमी बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो के मालिक सेना के द्वारा , हथियारो के व्यापार , या फिर उधागो को खड़ा करके भारत में हमारी ही सरकार की नीतियो में दखल देंगे , और इस तरह जबरन धर्मान्तरण को बढ़ावा मिलेगा । लेकिन , यदि कार्यकर्ता चाहते है कि जबरन धर्म परिवर्तन की समस्या खत्म हो , तो कुछ कानून बनाने से , प्रतिबंध से या नारेबाज़ी से कोर्इ खास फायदा नहीं होगा । इसलिये जरुरी हैं कि वह प्रधानमंत्री तथा मुख़्य-मंत्रियों पर ऐसा दबाव बनाये कि वह राजपत्र में ऐसे ड्राफ्ट डाले जो कि छाटे-बड़े सारे स्वदेशी उधोगपतियो के साथ न्याय करे और स्वदेशी हथियारों के निर्माण को बढ़ावा दें ।

 

59.2.      कैसे शिक्षा व्यवस्था में एक गलत राजपत्र जबरन धर्मानतरण को बढ़ावा देता हैं  ?

यदि कार्यकर्ता देश में विज्ञान तथा गणित की अच्छी शिक्षा व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं देंगे , तो नेता और कलेक्टर आदि मिलकर ऐसे ड्राफ्ट्स बना देंगे जो कि अच्छी गणित तथा विज्ञान की शिक्षा को बेहद महँगा बना देंगे । अमीर वर्ग को इससे  कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर गरीब वर्ग के लिये अच्छी शिक्षा लगभग असम्भव हो जायेगी । ऐसे हालात में , मिशनरी लोग आगे आकर कम खर्चे में बेहतर शिक्षा देंगे और पर्दे के पीछे से जबरन धर्मान्तरण बढ़ेगा ।

उदाहरण के लिए- आज मंत्रीयो ने परिक्षाओ के प्रश्न-पत्र काफी आसान बना दिये हैं , और  अध्यापको को ये आदेश दे दिया कि छात्रो को फेल ना करे और अब तो वह दसवीं बोर्ड भी हटा रहे हैं । इन सब से शिक्षा का स्तर गिर जायेगा । हाल ही 10 फरवरी, 2012 में नेताओ ने आर्इ.आर्इ.टी – जे.र्इ.र्इ को भी खत्म कर दिया जिसके कारण आँठवी से बारहवी कक्षा के छात्रो ने गणित/विज्ञान पढ़ने के लिये समय बेहद कम कर दिया हैं । इस तरह देश में गणित/विज्ञान की शिक्षा और इंजीनियरिंग के स्तर में काफी गिरावट आयी हैं । अब क्योकि सरकारी स्कूलो की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल बेकार हैं , तो गरीब लोगो ने बच्चो को मिशनरी स्कूलो में भेजना  शुरू कर दिया  है ।