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अध्याय 40 – चुनाव / निर्वाचन सुधारों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

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5     मुख्‍य चुनाव में मतदाता 4 बार स्‍टैम्‍प/मुहर लगाएंगे। प्रत्‍येक लाइन/पंक्‍ति में एक जगह अपनी पसंद के किसी भी कॉलम/स्‍तंभ में मोहर लगाएंगे। इस प्रकार, वह 8 उम्‍मीदवारों में से 4 पसंद/प्राथमिकताएं बताएगा/देगा।

6     मतदान पेटी में चौड़ा सुराख होगा ताकि मतदान- पत्र को उपरी/उंचाई की तरफ से केवल एक बार मोड़ना पड़े।

40.12.3     क्‍या कोई देश `तुरंत निर्णायक मतदान (आई. आर. वी.)’ प्रयोग करता है?

हां, आयरलैण्‍ड पिछले 70 वर्षों से अपना राष्‍ट्रपति चुनने के लिए ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ का उपयोग करता आ रहा है। मतों की संख्‍या 30 लाख है जो कि हमारे संसदीय क्षेत्र का दोगुना है यद्धपि आयरलैण्‍ड छोटा देश है लेकिन तब हमारे पास गिनती करने वाले स्‍टॉफ/कर्मचारी ज्‍यादा हैं । आयरलैण्‍ड के अलावा, ऑस्ट्रेलिया और अनेक अन्‍य देशों में दशकों से ‘तुरंत निर्णायक मतदान (आई. आर. वी.)’ का प्रयोग दशकों/सदियों से होता आ रहा है।

40.12.4       ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ में मतगणना और परिणाम

उपर बताए गए ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ में मतगणना के 7 दौर होते हैं –

  • पहले दौर में पहली पसंद/प्राथमिकता के आधार पर आठ ढ़ेर होंगे।

  • दूसरे दौर में, सबसे कम वोट प्राप्‍त करने वाला उम्‍मीदवार हारा हुआ माना जाएगा। और कोई भी उम्‍मीदवार, जिसे मतदान किए गए वोटों का 1 प्रतिशत से भी कम मत मिला है, उसे भी हारा हुआ माना जाएगा। इसलिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा 7 उम्‍मीदवार होंगे और उनके मतों को उन मतपत्रों पर दिए गए द्वितीय/दूसरी पसंद/प्राथमिकता के आधार पर फिर से बांटा जाएगा।

  • तीसरे दौर में जिस उम्‍मीदवार को सबसे कम वोट मिलेंगे, वह हारा हुआ माना जाएगा। इसलिए अब ज्‍यादा से ज्‍यादा 6 उम्‍मीदवार बचेंगे। और उनके मतों को फिर से बांटा जाएगा। यह मतदान पत्र की द्वितीय/दूसरी पसंद/प्राथमिकता अथवा तीसरी पसंद/प्राथमिकता के आधार पर होगा।

  • और इस प्रकार की कार्रवाई/प्रक्रिया चलती रहेगी जब तक केवल दो ढ़ेर बचेंगे। और जिस उम्‍मीदवार को सबसे ज्‍यादा मत मिलेगा उसे विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

  • किसी भी समय/बिन्‍दु पर यदि किसी व्‍यक्‍ति/उम्‍मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिल जाते हैं ,तो विजेता का निर्णय वहीं हो जाएगा। उसके बाद 7 दौर तक मतगणना चलती रहेगी लेकिन परिणाम प्रभावित नहीं होगा।

  • अंतिम दौर में, जिस व्‍यक्‍ति/उम्‍मीदवार को सर्वाधिक मत/वोट मिलेंगे उसे जीता हुआ/विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

40.12.5          मतगणना के बारे में प्रशासनिक जानकारी

  • मान लीजिए ,औसत से (बीच का) , एक लोकसभा क्षेत्र में 15,00,000 मतदाता और 1500 मतदान केन्‍द्र हैं। इसलिए कुल 1500 मतदान पेटियां होंगी।

  • तब कलेक्‍टर के पास लगभग 7 कमरे होंगे। प्रत्‍येक कलेक्‍टर को लगभग 200-250 मतदान केन्‍द्रों की जिम्‍मेदारी मिलेगी। प्रत्‍येक कमरे में 10-15 टेबल होंगे।इस तरह कुल लगभग 75 टेबल और 1500 मतदान पेटियां हैं ,तो हर एक टेबल को 20 मतदान पेटियां मिलेंगी | इसलिए सात दौरों में से प्रत्‍येक दौर में 20 उप-दौर की मतगणना होगी।

  • प्रत्‍येक उप-दौर में प्रत्‍येक टेबल पर एक मतदान पेटी होगी। इससे 8 ढ़ेर बनेंगे । मतगणना के बाद मतपत्रों को ढ़ेर में मिला/जोड़ दिया जाएगा।

40.12.6         अधिकांश/अधिकतर मामलों में वास्‍तविक/असली गिनती

मान लीजिए, यदि मतदाताओं की संख्‍या 15,00,000 है तो औसतन अधिकांश मतदाता केवल 2-4 पसंद/प्राथमिकता देंगे, मान लीजिए औसतन 3 पसंद/प्राथमिकता होंगी। ऐसे मामले में एक मतदान में ढ़ेर ज्‍यादा से ज्‍यादा 2 बार पलटा जाएगा। इसलिए अधिकतर मामलों में वास्‍तविक मतदान की गिनती 7 गुना 15,00,000 बार नहीं होगी, लेकिन 15,00,000 से दोगुने से ज्‍यादा नहीं होगी।

40.12.7     ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’/ अधिक पसंद अनुसार मतदान के लाभ

‘तुरंत निर्णायक मतदान (आई. आर. वी.)’ पर क्‍लोन प्रभाव का कोई असर/प्रभाव नहीं है और इसलिए ‘तुरंत निर्णायक मतदान (आई. आर. वी.)’ में फर्जी उम्‍मीदवार खड़े नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए हमारे विरोधी ऐसे उम्‍मीदवार को प्रायोजित करने वाले हमारा समय बरबाद नहीं कर पाएंगे। साथ ही, ‘तुरंत निर्णायक मतदान (आई. आर. वी.)’ मतदाता को अच्छे उम्‍मीदवार को वोट देने में समर्थ/सक्षम बनाता है। इस प्रक्रिया/तरीके द्वारा चुनाव न जीतने की अधिक सम्भावना लगने वाले उम्मीदवार ,लेकिन सबसे अच्‍छे उम्‍मीदवार को पहली पसंद/प्राथमिकता दी जा सकती है। और तब जीतने की अधिक संभावना लगने वाले उम्‍मीदवार को चौथी या अन्य पसंद/प्राथमिकता/स्‍थान पर वोट दिया जा सकता है। इस प्रकार मतदाता सुरक्षित महसूस करते हैं। और चुनाव न जीतने की अधिक संभावना लगने वाले, सबसे अच्छा उम्‍मीदवार सबकी नजर में आकर महत्‍वपूर्ण हो जाता है। और` न जीतने की अधिक संभावना लगने वाले उम्‍मीदवार भी वास्‍तव में जीत सकता है !! ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ का एक और महत्‍वपूर्ण, अच्छी बात यह है कि नए उम्‍मीदवार की मीडिया मालिकों पर आसरा/निर्भरता कम होती है। और चुनाव के परिणाम को असर/प्रभावित करने में मीडिया मालिकों की ताकत भी कम हो जाती है। इसलिए ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ चुनाव की मीडिया मालिकों पर आसरा/निर्भरता कम कर देता है।

 

(40.13) राज्‍य सभा में चुनाव और समानुपातिक (सामान तुलना में) उम्मीदवारी / प्रतिनिधित्‍व

राज्‍य सभा के सांसदों का चुनाव भी नागरिकों द्वारा किया जाना चाहिए न कि विधायकों के द्वारा। विधायकों के द्वारा चुनाव से वास्‍तव में सीटों की बोली लगाई जाती है। यह कोई नई बात नहीं है – अमेरिका में भी जब सीनेटरों का चुनाव विधायकों द्वारा किया जाता था, तब सीटों की बिक्री आम बात थी। और यही कारण है कि नागरिकों ने सीनेटरों को एक ऐसा कानून लागू करने पर मजबूर/बाध्‍य कर दिया जिससे नागरिक को सीधे सीनेटर चुनने का अधिकार मिलता है न कि विधायक चुनने का।

और हमें राज्‍यों में समानुपातिक(समान तुलना में) मतदान का प्रयोग करके राज्‍य सभा के सांसदों का चुनाव करना चाहिए। प्रत्‍येक पार्टी /दल और स्‍वतंत्र उम्‍मीदवार समूह अपना-अपना (क्रमबद्ध) सूची दे सकता है। एक नागरिक एक वोट देगा और उम्‍मीदवारों की कोई भी 5 सूचियों पर ‘तुरंत निर्णायक मतदान(आई. आर. वी.)’ के तरीके से पसंद/प्राथमिकताएं दर्ज करेगा। और उम्मीदवारों की संख्या जो चुने जाएँगे, किसी सूची को मिलने वाले वोटों की संख्‍या पर निर्भर करेगी। जितने वोट किसी सूची को मिले होंगे, उसी तुलना/अनुपात में उस सूची में से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार चुने जाएँगे |  इससे राज्‍य सभा में समानुपातिक प्रतिनिधित्‍व(समान तुलना में उम्मीदवारी) हो जाएगा।

 

(40.14) पार्टी में अंदरूनी चुनाव / आंतरिक लोकतंत्र

पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए मैं निम्‍नलिखित कानून का प्रस्‍ताव करता हूँ –

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