इसलिए आई.डी सिस्टम ने अवैध लोगों को निष्कासित करने के लिए अमेरिका को जरूरी योग्यता प्रदान दी है, लेकिन वे इसे अपने हितों के लिए उपयोग नहीं करते हैं | जबकि भारत में, हमारे पास साबित करने के लिए अब तक कोई रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था नहीं है कि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक है या नहीं | इसलिए हम महीनों या यहाँ तक कि वर्षों की अवधि में, अवैध लोगों को निष्कासित करने की स्थिति में नहीं हैं | अब तक के रिकॉर्ड इतने अधूरे हैं कि केवल 10% आबादी की नागरिकता पूरी तरह से स्थापित की जा सकती है | इसके अलावा, बांग्लादेशी प्रवासी हमारी सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा है | इसलिए न केवल भारतीय बुद्धिजीवी झूठ बोल रहे हैं बल्कि वे आई.डी सिस्टम के विरोध में भारतीय हितों के खिलाफ भी काम कर रहे हैं | हम भारत के सभी गैर-80 जी-कार्यकर्ताओं से अनुरोध करते हैं कि इन बुद्धिजीवियों का विरोध करें और नागरिकों के सामने यह साबित करें कि ये बुद्धिजीवी लोग भारत विरोधी हैं |
अध्याय 31 – राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम) लागू करने पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
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श्रेणी: प्रजा अधीन