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अध्याय 31 – राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम) लागू करने पर `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्‍ताव

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8. रक्त संबंधियों के राष्ट्रीय आई.डी. नंबर के साथ किसी व्यक्ति के राष्ट्रीय आई.डी नंबर को जोड़ना : बाद में, हमें यथासंभव रक्त संबंधियों की राष्ट्रीय आई.डी. नंबर को जोड़ना चाहिए और इसका क्रॉस संदर्भ भी रखना चाहिए | क्रॉस संदर्भ का अर्थ है – यदि `ए` के डाटा में `ए` के रक्त भाई के रूप में `बी` सूचीबद्ध है, तो इसके विपरीत भी होना चाहिए | यह भारत में अवैध बांग्लादेशियों की निगरानी करने में और उपयोगी होगा | कैसे ? अधिक जानकारी के लिए कृपया अध्याय-33 देखें |

9. एक नागरिक भुगतान कर एक छोटा आई.डी कार्ड और एक लंबा प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है | छोटे कार्ड में नाम, आई.डी संख्या, जन्म तिथि और फोटो जैसे बहुत कम विवरण होंगे | लंबे प्रमाण पत्र में कई विवरण जैसे कि पासपोर्ट या राशन कार्ड पर नाम और जन्म की विभिन्न तिथियां, और विस्तृत रक्त प्रोफाइल, विस्तृत डी.एन.ए-प्रोफाइल आदि शामिल होगा |

10. राष्ट्रीय आई.डी सिस्टम कर्मचारियों पर जूरी की जाँच : कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री को राजपत्र में जूरी आधारित प्रक्रिया को राजपत्र में छपवाने के लिए मजबूर करना चाहिए ताकि राष्ट्रीय आई.डी सिस्टम के कर्मचारियों आवश्यकतानुसार निष्काषित किया जा सके |

11. कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी से राष्ट्रीय आई.डी नंबर के अंत में `जांच योग अंक` जोड़ने के लिए कहना चाहिए |

12. बाद में, क्रमरहित (रैंडम) तरीके से चुने गए तीन अलग-अलग प्रयोगशालाओं से रक्त समूह के विवरणों को जोड़ें |

 

(31.4) राष्ट्रीय आई.डी नंबर सिस्टम में सुधार करने के लिए प्रस्तावित राजपत्र अधिसूचना का मसौदा (मौजूदा आधार प्रणाली रद्द होने के बाद – भाग 31.2 देखें)

 31.4.1 :  राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी को बदलने (राईट टू रिकॉल) के अधिकार के लिए राजपत्र सूचना

#.  के लिए प्रक्रिया
प्रक्रिया / निर्देश

1. – केवल इस अनुभाग में नागरिक का मतलब मतदाता से है |

2. जिलाधिकारी (कलेक्टर), प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री एक राष्ट्रीय आई.डी. सेक्रेटरी नियुक्त करेंगे | उसे एक आई.एस.एस या आई.ई.एस (भारतीय स्टेस्टिकल या इकोनॉमिकल सर्विसेज) अधिकारी होना चाहिए |

यदि भारत का कोई भी नागरिक राष्ट्रीय आई.डी. सेक्रेटरी के पद को धारण करना चाहता है  और जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होता है, तो जिलाधिकारी सांसद चुनाव के लिए जमा राशि जितना शुल्क जमा करने के बाद राष्ट्रीय आई.डी. सेक्रेटरी के लिए उसकी उम्मीदवारी को स्वीकार करेंगे |

3. तलाटी (जिसे पटवारी, लेखपाल या ग्राम अधिकारी भी कहा जाता है), (या तलाटी का क्लर्क)

यदि कोई नागरिक तलाटी के कार्यालय में आता है और 3 रूपये के शुल्क का भुगतान करता है, और राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी के लिए अधिकतम पांच लोगों को स्वीकृति देता है, तो तलाटी कंप्यूटर में उसके स्वीकृति को दर्ज करेगा और उसे उसके मतदाता-आई.डी संख्या, तिथि / समय और उसने जिन व्यतियों को स्वीकृति दी थी उसके नाम के साथ रसीद प्रदान करेगा | बाद में, प्रधानमंत्री इस प्रणाली को ए.टी.एम पर स्थापित कर सकते है और एस.एम.एस के माध्यम से भी इसका उपयोग किया जा सकता सकता है |

4. तलाटी

तलाटी नागरिक की मतदाता-आई.डी संख्या और उनकी स्वीकृति के साथ प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर नागरिकों की प्राथमिकताओं को रखेंगे |

5. तलाटी

यदि कोई नागरिक अपने अनुमोदन को रद्द करने के लिए आता है, तो तलाटी बिना किसी शुल्क के उसके एक या अधिक अनुमोदन को रद्द कर देगा |

6. प्रधानमंत्री

यदि किसी उम्मीदवार को भारत में 15 करोड़ से अधिक नागरिक-मतदाताओं की स्वीकृति प्राप्त होती है, तो प्रधानमंत्री मौजूदा राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी को निष्कासित कर सकते हैं या उन्हें ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है | और उच्चतम स्वीकृति प्राप्त करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रीय पहचान सेक्रेटरी के रूप में नियुक्ति कर सकते हैं या उन्हें ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है | इस संबंध में प्रधानमंत्री का निर्णय अंतिम होगा |

7. जिलाधिकारी (कलेक्टर)

यदि कोई नागरिक इस कानून में बदलाव चाहता है, तो वह जिलाधिकारी के कार्यालय में या जिलाधिकारी के पास एक हलफनामा जमा कर सकता है और उसका क्लर्क प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर 20 / – रुपये का शुल्क लेकर एफिडेविट को वेबसाईट पर डालेंगे | यदि किसी उम्मीदवार के पास मौजूदा राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी की तुलना में 1 करोड़ अधिक स्वीकृतियाँ है, तो प्रधानमंत्री उन्हें राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी नियुक्त कर सकते हैं |

8. तलाटी (या पटवारी)

यदि कोई नागरिक इस कानून-मसौदे या किसी भी सेक्शन के बारे में अपना विरोध दर्ज करना चाहता है या उपरोक्त खंड में जमा किए गए किसी एफिडेविट में हाँ-नहीं पंजीकृत करना चाहता है, और वह मतदाता-आई.डी के साथ तलाटी के कार्यालय में आता है और 3 रुपये का भुगतान करता है, तो तलाटी हाँ-नहीं को कंप्यूटर में दर्ज करेगा और उसे रसीद देगा | प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर मतदाता-आई.डी नंबर के साथ हाँ-नो को पोस्ट किया जाएगा |

31.4.2 :  राजपत्र सूचना 2 : राष्ट्रीय आई.डी सिस्टम और इसके सेक्रेट्री के कार्य

#.  के लिए प्रक्रिया
प्रक्रिया / निर्देश

1. राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेट्री
राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेट्री प्रत्येक जिला के लिए जिला आई.डी अधिकारी (डी.आई.ओ) और प्रत्येक राज्य के लिए राज्य आई.डी अधिकारी (एस.आई.ओ) की नियुक्ति करेंगे | एक डी.आई.ओ राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी द्वारा निर्धारित किए गए एक या एक से अधिक जिलों में काम कर सकता है | आवश्यकतानुसार डी.आई.ओ ताहसील स्तर पर कार्यालय खोल सकता है |

2. राष्ट्रीय पहचान सचिव, एस.आई.ओ, डी.आई.ओ

राष्ट्रीय पहचान सेक्रेटरी प्रतिनियुक्ति पर सरकारी कर्मचारियों का उपयोग कर सकते हैं या आई.आई.टी-जे.ई.ई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया चयन परीक्षा, सी.ए.टी या किसी मौजूदा परीक्षा में खुले प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती कर सकते हैं, जैसा कि वह उचित समझते है |

3. राष्ट्रीय आई.डी सचिव

राष्ट्रीय आई.डी सेक्रेटरी प्रधानमंत्री या संसद या दोनों से आई.डी और संबंधित सूचनाओं का निर्माण करने और उनका रखरखाव करने के लिए आवश्यक धनराशि की मांग कर सकते हैं |

4. सभी नागरिक

कोई भी नागरिक डी.आई.ओ कार्यालय, या डी.आई.ओ द्वारा खोला गया तहसील स्तर कार्यालय का दौरा कर सकता है, और डी.एन.ए छाप और मौजूदा आई.डी की फोटो कॉपी जमा कर सकता है और राष्ट्रीय आई.डी नंबर के लिए आवेदन कर सकता है | डी.आई.ओ या डी.आई.ओ द्वारा नियुक्त अधिकारी डी.एन.ए छाप लेंगे और सिस्टम में आई.डी सूचना दर्ज करेंगे, और उसका आवेदक नागरिक द्वारा सत्यापित करवाएंगे | यदि नागरिक के पास कोई आई.डी नहीं है, तो डी.आई.ओ उसके कथनानुसार उसका नाम दर्ज करेंगे, उसका पासपोर्ट आकार का चित्र और उसका डी.एन.ए छाप लेकर उसे एक आई.डी जारी करेगा |

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