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5. छूट
- अकेले व्यक्ति के लिए छूट की सीमा 25 वर्ग मीटर जमीन और 50 वर्ग मीटर निर्माण क्षेत्र होगी जबकि यह (छूट) परिवार के लिए [25 + 20 × (परिवार के सदस्यों की संख्या – 1)] वर्ग मीटर जमीन होगी और [50 + 40 × (परिवार के सदस्यों की संख्या -1)] वर्ग मीटर निर्माण क्षेत्र होगी।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट सामान्य सीमा की दोगुनी होगी।
6. सम्पत्ति का वर्गीकरण – `व्यक्तिगत`, `अर्ध-व्यक्तिगत` और `गैर-व्यक्तिगत`
- सम्पत्ति कर के प्रयोजन/उद्देश्य से, सम्पत्ति का मालिक अपनी सम्पत्ति को `व्यक्तिगत`, `अर्ध-व्यक्तिगत` और `गैर-व्यक्तिगत` के रूप में परिभाषित कर सकता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी मूल्यांकन योजना उसके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल/लाभप्रद हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति `अकेला` है तो सम्पत्तियों का एक समूह उसके लिए व्यक्तिगत हो सकता है यदि –
- सम्पत्ति का कोई और संयुक्त-मालिक/सह-मालिक न हो
- यदि संपत्तियों के निर्माण क्षेत्रफल (का जोड़/योग) 50 वर्ग मीटर से कम हो
- यदि संपत्तियों के भूमि क्षेत्रफल का जोड़/योग 25 वर्ग मीटर से कम हो
7. यदि कोई व्यक्ति परिवार का मुखिया है तो सम्पत्तियों का एक समूह उसके लिए व्यक्तिगत हो सकता है यदि –
- सम्पत्तियों के सभी मालिक उसके परिवार के भी सदस्य हों, और कोई भी परिवार से बाहर न हो
- परिवार के हरेक/प्रत्येक सदस्य का (सम्पत्ति) मालिक होने की जरूरत नहीं है
- सम्पत्तियों के भूमि क्षेत्रफल का जोड़/योग [25 + 20 × (परिवार के सदस्यों की संख्या – 1)] वर्ग मीटर से कम हो
- निर्माण क्षेत्रफल का योग [50 + 40 × (परिवार के सदस्यों की संख्या -1)] वर्ग मीटर से कम हो
8. किसी अकेले व्यक्ति के पास अधिक से अधिक एक अर्ध-व्यक्तिगत सम्पत्ति हो सकती है (उदहारण-यदि कोई संपत्ति 25 वर्ग मीटर से अधिक हो तो, और उसे अर्ध-व्यक्तिगत संपत्ति घोषित किया है तो 25 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल, कर का हिसाब उससे लगेगा) यदि वह निम्नलिखित अपेक्षाएं/शर्तें पूरी करता है –
- अकेले व्यक्ति ने किसी भी सम्पत्ति को व्यक्तिगत सम्पत्ति न बताया हो
- वह सम्पत्ति का एकमात्र/अकेला मालिक हो
9. किसी परिवार के पास अधिक से अधिक एक अर्ध-व्यक्तिगत सम्पत्ति हो सकती है यदि वह परिवार निम्नलिखित अपेक्षाएं/शर्तें पूरी करता है –
- सम्पत्तियों के सभी मालिक उसके परिवार के भी सदस्य हों, और कोई भी परिवार से बाहर न हो
- उस परिवार ने किसी भी सम्पत्ति को व्यक्तिगत सम्पत्ति न बताया हो
10. संपत्ति में व्यक्तिगत हिस्सा छूट की सीमा भाग क्षेत्रफल (छूट की सीमा/क्षेत्र-फल) होगा और गैर-व्यक्तिगत हिस्सा (1- व्यक्तिगत हिस्सा) होगा।
11. मालिक या मुखिया किसी भी साल/वर्ष संपत्ति का दर्जा (व्यक्तिगत , गैर-व्यक्तिगत या अर्ध-व्यक्तिगत ) को बदल सकता है तीन महीने का नोटिस देकर ।
12. संपत्तियों के मूल्यों/दाम का पंजीकरण
- संपत्ति कर के प्रयोजन/उद्देश्य के लिए, प्रत्येक संपत्ति के दो मूल्य होंगे – मानक मूल्य और सर्किल दर (जंत्री) मूल्य।
- किसी संपत्ति का मानक मूल्य (खरीद के समय का सर्किल दर मूल्य और प्रत्येक वर्ष किए गए बदलाव/निर्माण का योग/जोड़) होगा। बदलाव वही होंगे जो मालिक द्वारा बताए गए हैं। मालिक को किए गए बदलाव का कोई भी प्रमाण नहीं देना होगा लेकिन उसे किए गए बदलाव के मूल्य का खुलासा आयकर के विवरण/ब्यौरे में भी करना होगा।
- किसी संपत्ति के सर्किल दर मूल्य का निर्धारण भूमि और के भवन-निर्माण के यूनिट/एकक दरों पर आधारित होगा।
- व्यक्तिगत संपत्तियों के रूप में बताई गई संपत्तियों पर टैक्स प्रति वर्ष, प्रति वर्ग मीटर 10 रूपए होगा।
- गैर-व्यक्तिगत संपत्तियों के लिए, कर की दर 1 प्रतिशत होगी | दोनों प्रकार के मूल्य – मानक मूल्य और सर्किल दर मूल्य में से जो अधिक है उसपर 1 प्रतिशत लगेगा ।
- अर्ध-व्यक्तिगत संपत्तियों के लिए, कर की दर , दोनों प्रकार के मूल्य – मानक मूल्यों और सर्किल दर मूल्य में से जो कम है , उसका 1 प्रतिशत को `गैर-व्यक्ति हिस्सा` से गुणा करने से प्राप्त परिणाम/गुणनफल होगी।
13. कर चुकाने की असमर्थता पर
- यदि कोई व्यक्ति संपत्ति-कर नहीं चुकाता है तो वह टैक्स/कर उस संपत्ति पर बकाया रहेगा और उस पर प्रति वर्ष 18 प्रतिशत का ब्याज लागू होगा।
- यदि संपत्ति व्यक्तिगत या अर्ध-व्यक्तिगत है तो मालिक की मौत हो जाने या संपत्ति के बिक जाने पर कर वसूला जाएगा। संपत्ति की कुर्की/जब्ती नहीं की जाएगी।
- यदि कोई संपत्ति गैर-व्यक्तिगत है तो बकाया राशि संपत्ति के मूल्य का 25 प्रतिशत से ज्यादा हो जाने पर उस संपत्ति की नीलामी कर दी जाएगी।
14. दोहरा भार कम करना
- किसी एक वर्ष में `संपत्ति कर` के रूप में चुकाई गई धनराशि अगले आने वाले वर्ष के आयकर की में से कम कर दी जाएगी।
(25.7) किस प्रकार संपत्ति-कर (संपत्ति-टैक्स) भूमि की जमाखोरी कम करता है और भूमि का दाम घटाता है |
किसी व्यक्ति पर विचार कीजिए जिसने 10 फ्लैटों की जमाखोरी की है। मान लीजिए, हर फ्लैट की कीमत 20 लाख रूपए है। संपत्ति कर कानून के अनुसार, वह 1 या 2 फ्लैटों को (टैक्स देने से) छिपा सकता है लेकिन बाकी/शेष फ्लैटों पर उसे प्रति वर्ष 1.6 करोड़ का 1 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ेगा।
(25.8) संपत्ति-कर (संपत्ति-टैक्स) के लाभ |
संपत्ति कर भूमि की जमाखोरी रोकता है और इस प्रकार भूमि के मूल्य में भी कमी लाता है। इससे उद्योग लगाने वालों के लिए भूमि की लागत कम हो जाती है और इस प्रकार व्यावसाय की संख्या बढ़ती है और (लोगों को) रोजगार भी मिलता है। दूसरे शब्दों में, `संपत्ति कर` (उद्योगों के लिए ) हतोत्साहित/निराश करने वाला नहीं होता। और यदि इससे उद्योग पर कुछ भोझ होता भी है, तो यह आयकर अथवा बिक्री कर अथवा `उत्पाद कर` से काफी कम होता है(यदि ये कर इमानदारी से दिए जाएँ)।