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अध्याय 25 – टैक्‍स / कर प्रणाली पर प्रजा अधीन राजा समूह / राईट टू रिकॉल ग्रुप का प्रस्‍ताव : संपत्ति कर (संपत्ति टैक्स) लागू करें तथा वैट, सेवा कर (सेवा टैक्स), जी.एस.टी. को रद्द करें

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 टैक्‍स / कर प्रणाली पर प्रजा अधीन राजा समूह / राईट टू रिकॉल ग्रुप का प्रस्‍ताव : संपत्ति कर (संपत्ति टैक्स) लागू करें तथा वैट, सेवा कर (सेवा टैक्स), जी.एस.टी. को रद्द करें

 

(25.1) टैक्‍स / कर प्रणाली(सिस्टम) में प्रजा अधीन राजा समूह / राईट टू रिकॉल ग्रुप के प्रस्‍तावित बदलाव का सारांश (छोटे में बात)

प्रजा अधीन राजा समूह/राईट टू रिकॉल ग्रुप के सदस्‍य के रूप में मैं जनता की आवाज का प्रयोग करके टैक्‍स/कर ढ़ांचे में निम्‍नलिखित परिवर्तन/बदलाव लाने का वायदा करता हूँ –

  1. `सम्‍पत्ति कर (संपत्ति टैक्स)` लागू करना : सेना, पुलिस, कोर्ट/न्‍यायालय, सेना के लिए जरूरी विषयों की शिक्षा और सड़कों के लिए `सम्‍पत्ति कर` लागू किया जाएगा। यह टैक्‍स जमीन, निर्माण-क्षेत्रफल पर लागू होगा और बाद में शेयरों और बॉन्‍डों, सोना, चांदी और धातू के बाजार मूल्‍य के आधार पर लगाया जाएगा। इस पाठ में आगे आनेवाले भागों में विस्‍तृत ब्‍यौरे दिए गए हैं।

  2. `विरासत कर (विरासत टैक्स)` लागू करना : सेना, पुलिस, न्‍यायालय, सेना के लिए जरूरी विषयों की शिक्षा के लिए `विरासत कर` लागू किया जाएगा। यह उस व्यक्ति की सारी संपत्‍ति पर लागू होगा जिसकी मृत्‍यु हो चुकी है।

  3. आय-कर (आमदनी पर टैक्स) में छूट : मुख्‍य जोर `संपत्‍ति कर` और `विरासत कर` पर होगा और जैसे-जैसे इन करों से राजस्‍व मिलने लगेगा, आयकर में कमी कर दी जाएगी।

  4. सेज(विशेष आर्थिक क्षेत्र) को मिलने वाले टैक्‍स/कर के सभी लाभ निरस्‍त/समाप्‍त किए जाएंगे।

  5. सभी निर्यात सब्‍सिडी तथा सभी निर्यात संबंधी टैक्‍स/कर छूट को समाप्‍त/खत्‍म किया जाएगा। केवल डॉलर के रूप में प्राप्‍त होने वाली सभी आय पर तब तक छूट मिलेगी जब तक कि ऋण/कर्ज चुका न दिया जाए।

  6. धर्मार्थ (संस्‍थाओं) आदि को दिए गए टैक्‍स/करों में छूट को समाप्‍त किया जाएगा। 80 जी., 35 ए.सी. आदि को समाप्‍त किया जाएगा।

  7. ट्रस्‍ट को प्रति वर्ष प्रति सदस्‍य 20 रूपए का छूट प्राप्‍त होगा। और कोई भी नागरिक ज्‍यादा से ज्‍यादा/अधिकतम पांच ट्रस्‍टों का ही सदस्‍य बन सकेगा।

  8. वाहनों, इंजन, बिजली, आदि जैसे कुछ मुद्दों (जिनका प्रयोग कड़ाई से केवल सड़कों के लिए पैसे लगाने में किया जाएगा) को छोड़कर सभी `उत्‍पाद शुल्‍क` समाप्‍त किए जाएंगे।

  9. वैट, `बिक्री कर (बिक्री टैक्स)`, `सेवा कर (सेवा पर टैक्स)` समाप्‍त किया जाएगा।

  10. ऑक्‍ट्रॉय समाप्‍त कर दिया जाएगा।

  11. लगभग 300 प्रतिशत `सीमा शुल्‍क` (लगाया जाएगा) और जमा किए हुए सीमा शुल्‍क का एक तिहाई हिस्‍सा सीधे नागरिकों को ही मिलेगा/जाएगा।

  12. स्‍टॉम्‍प ड्यूटी (हस्‍तांतरण शुल्‍क) को कम करके 1 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

  13. तम्‍बाकू व शराब पर `स्‍वास्‍थ्‍य कर` लगाया जाएगा और तंबाकू, शराब आदि से होनेवाली बीमारियों के लिए दी जाने वाली चिकित्‍सा सब्‍सिडी/छूट के लिए इनका उपयोग किया जाएगा। तम्‍बाकू, शराब आदि पर लगाए जाने वाले करों का उपयोग किसी भी अन्‍य प्रकार के खर्चे की भरपाई के लिए नहीं किया जाएगा।

  14. हिंदू एकजुट परिवार(हिंदू यूनाईटेड फैमिली) की आयें `कर्ता` के साथ एक समूह में डाली जाएँगे या इनपर `कर्ता` की इच्‍छानुसार कॉरपोरेट दरों से टैक्‍स/कर वसूला जाएगा।

  15. हिंदू एकजुट परिवार(हिंदू यूनाईटेड फैमिली) की संपत्ति पर `संपत्ति कर` की कोई छूट नहीं। हिंदू एकजुट परिवार(हिंदू यूनाईटेड फैमिली) की संपत्ति कर्ता के साथ एक समूह में डाली जायेगी या इस संपत्ति पर उच्चतम दर का कर लगाया जायेगा ,कर्ता की इच्छानुसार।

  16. सम्‍पत्ति के स्‍वामित्‍व और कमाई पर नजर रखने के लिए राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम)।

  17. भुगतानों पर नजर रखने और टैक्‍स/कर की चोरी को कम करने के लिए सर्वजन/वैश्‍विक बैंक प्रणाली(सिस्टम)।

  18. राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) का सुधार/उन्‍नयन करना : किसी व्‍यक्‍ति का राष्‍ट्रीय पहचान-पत्र ही उसकी बैंक-खाता संख्‍या, उसका ई-मेल पता, उसकी मोबाईल संख्‍या और उसकी चालक लाईसेंस संख्‍या भी होगी।

  19. क्रिकेट और सभी खेल निकायों को दी गई टैक्‍स/कर छूट समाप्‍त कर दी जाएगी।

  20. प्रादेशिक भाषाओं या किसी भी अन्‍य आधार पर फिल्‍मों/चलचित्रों को दी गई सभी टैक्‍स/कर छूट समाप्‍त की जाएगी।

 

(25.2) प्रतिगामी / प्रत्यावर्ती (रिग्रेसिव) कर / टैक्‍स क्या है ?

प्रतिगामी/प्रत्‍यावर्ती (रिग्रेसिव) टैक्‍स / कर क्‍या है?

 

किसी भी टैक्‍स/कर में मैं टैक्‍स/कर के निम्‍नलिखित पहलू का विश्‍लषण करता हूँ और टैक्‍स/करों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करता हूँ – समान कर(फ्लैट टैक्स), प्रतिगामी/प्रत्‍यावर्ती कर(रिग्रेसिव टैक्स) और प्रगामी कर(प्रोग्रेसिव टैक्स)।

  • मान लीजिए, किसी सेना, पुलिस आदि को 5000 करोड़ रूपए की जरूरत है।

  • मान लीजिए किसी राष्‍ट्र में 5 करोड़ लोग रहते हैं और उनकी आय कुल मिलाकर 50,000 करोड़ रूपए है।

  • अब मान लीजिए, करों को इस तरह से निर्धारित/संशोधित किया गया है कि प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति को अपनी आय का 10 प्रतिशत भुगतान करना ही पड़ता है। इस प्रकार के कर को समान कर (आय के संबंध में समान) कहा जाता है।

  • यदि करों को इस तरह से निर्धारित किया जाता है कि कोई व्‍यक्‍ति जो कमतर/बहुत कम आय प्राप्‍त कर रहा है, उसे अपनी आय के 10 प्रतिशत से अधिक टैक्‍स/कर देना पड़ रहा है तथा अधिक आय प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्‍ति को अपनी आय के 10 प्रतिशत से कम ही टैक्‍स/कर देना पड़ रहा है  तो इस प्रकार का कर प्रतिगामी/प्रत्‍यावर्ती कर / रेग्रेशिव टैक्‍स (आय के संबंध मेंप्रतिगामी ) कहलाता है।उदहारण- `खाने-पीने` की वस्तुओं, शराब, तम्बाकू, चाय आदि पर कर |

  • यदि करों को इस तरह से निर्धारित किया जाए कि ज्‍यादा आय प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्‍तियों को अपनी आय के 10 प्रतिशत से ज्‍यादा कर के रूप में देना पड़े और कम आय प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्‍ति को अपनी आय के 10 प्रतिशत से कम ही टैक्‍स/कर के रूप में देना पड़े तो ऐसी कर प्रणाली प्रगामी कर (आय के संबंध में प्रगामी) कहलाती है। उदहारण-`आयकर`|

इसी प्रकार मान लीजिए, भारत सरकार को टैक्‍स/करों के रूप में 10,000 करोड़ रूपए की जरूरत है। मान लीजिए, नागरिक-समाज के विभिन्‍न सदस्‍यों के पास जो सम्‍पत्ति है उसका मूल्‍य कुल मिलाकर 10,00,000 करोड़ रूपए के बराबर है। अब फिर, कर लगाने के तीन तरीके हैं-

  • एक तरीका सभी सम्‍पत्ति पर उसके मूल्‍य का 1 प्रतिशत का एक-समान कर लागू करना है। यह `समान कर` (सम्‍पत्ति के स्‍वामित्‍व के संबंध में समान टैक्स) होगा । उदहारण- `संपत्ति-कर`

  • एक और तरीका इस प्रकार से कर लगाना होगा जिसमें वे लोग जिनके पास सम्‍पत्ति कमतर/बहुत कम है, उन्‍हें अपनी सम्‍पत्ति मूल्‍य से उच्‍चतर प्रतिशत कर देना पड़ता है। यह कर `प्रतिगामी कर` (सम्‍पत्ति/धन के संबंध में प्रतिगामी/प्रत्‍यावर्ती टैक्स ) होगा ।

श्रेणी: प्रजा अधीन