किसी जिले में रहने वाला कोई नागरिक अपना पहचान-पत्र प्रस्तुत करके अपने जिले में जूरी प्रशासक के पद के लिए (ज्यादा से ज्यादा) पांच उम्मीदवारों के क्रमांक नंबर बताएगा जिन्हें वो अनुमोदन/स्वीकृति करता है । क्लर्क उनके अनुमोदनों को सिस्टम/कंप्यूटर में डाल देगा और उस नागरिक को पावती/रसीद दे देगा। नागरिक अपनी पसंदों को किसी भी दिन बदल सकता है। क्लर्क तीन रूपए का शुल्क लेगा।
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मुख्यमंत्री
यदि किसी उम्मीदवार को सबसे अधिक नागरिक-मतदाताओं द्वारा और सभी नागरिक-मतदाताओं के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है तो मुख्यमंत्री उसे दो ही दिनों के भीतर उस जिले के नए जूरी प्रशासक के रूप में नियुक्त कर देंगे। यदि किसी उम्मीदवार को सभी नागरिक-मतदाताओं के 25 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है और उसके अनुमोदनों की गिनती वर्तमान जूरी प्रशासक की गिनती से 2 प्रतिशत अधिक हो तो मुख्यमंत्री उसे दो ही दिनों के भीतर नए जूरी प्रशासक के रूप में नियुक्त कर देंगे।
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मुख्यमंत्री
उस राज्य में सभी नागरिक-मतदाताओं के 51 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं के अनुमोदन/स्वीकृति से, मुख्यमंत्री क्लॉज/खण्ड 2 और क्लॉज/खण्ड 3 को रद्द कर सकते हैं और पांच वर्षों के लिए अपनी ओर से जूरी प्रशासक नियुक्त कर सकते हैं।
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प्रधानमंत्री
भारत के सभी नागरिक-मतदाताओं के 51 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के अनुमोदन/स्वीकृति से, प्रधानमंत्री क्लॉज/खण्ड 2, क्लॉज/खण्ड 3 और ऊपर लिखित क्लॉज/खण्ड 4 को पूरे राज्य के लिए या कुछ जिलों के लिए रद्द कर सकते हैं और पांच वर्षों के लिए अपनी ओर से जूरी प्रशासक नियुक्त कर सकते हैं।
सैक्शन – 2 : महा-जूरीमंडल का निर्माण/गठन
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जूरी प्रशासक
मतदाता-सूची का उपयोग करके, जूरी प्रशासक किसी आम बैठक में, क्रमरहित तरीके से / रैंडमली उस जिले की मतदाता-सूची में से 40 नागरिकों का चयन महा-जूरीमंडल के सदस्य के रूप में करेगा, जिसमें से वह साक्षात्कार के बाद किन्हीं 10 नागरिकों को उस सूची से हटा देगा और शेष 30 लोग/नागरिक महा-जूरीमंडल के सदस्य होंगे। यदि जूरीमंडल की नियुक्ति मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री द्वारा क्लॉज/खण्ड 4 अथवा क्लॉज/खण्ड 5 के तहत की गई है तो वे 60 नागरिकों तक को चुन सकते हैं और उनमें से तीस तक को हटाकर महा-जूरीमंडल बना सकते हैं । (स्पष्टीकरण-ये पूर्व चयनित महा-जूरी के लिए नागरिकों की संख्या बढाने का आशय मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री, जो राज्य और राष्ट्र के प्रतिनिधि हैं, के अधिकार बढ़ाना है स्थानीय लोगों के बनिस्पत)
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जूरी प्रशासक
महा-जूरीमंडल के पहले समूह(सेट) में से, जूरी प्रशासक हर 10 दिनों में महा-जूरीमंडल के किन्हीं 10 सदस्यों को सेवानिवृत्ति दे देगा/रिटायर कर देगा और क्रमरहित तरीके से/रैंडमली उस जिले की मतदाता-सूची में से 10 नागरिकों का चयन कर लेगा।
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जूरी प्रशासक
जूरी प्रशासक किसी यांत्रिक उपकरण का प्रयोग नहीं करेगा किसी संख्या को क्रमरहित तरीके से/रैण्डमली चुनने के लिए। वह मुख्यमंत्री द्वारा विस्तार से बताए गए तरीके से प्रक्रिया का प्रयोग करेगा। यदि मुख्यमंत्री ने किसी विशिष्ठ/खास प्रक्रिया के बारे में नहीं बताया तो वह निम्नलिखित तरीके से चयन करेगा। मान लीजिए, जूरी प्रशासक को 1 और चार अंकों वाली किसी संख्या `क ख ग घ“ के बीच की कोई संख्या चुननी है। तब जूरी प्रशासक को हर अंक के लिए चार दौर/राउन्ड में डायस/गोटी/पांसा फेंकनी होगी। किसी राउन्ड में यदि अंक, 0-5 के बीच की संख्या से चुना जाना है तो वह केवल एक ही डायस का प्रयोग करेगा और यदि अंक, 0-9 के बीच की संख्या से चुना जाना है तो वह दो डायसों का प्रयोग करेगा। चुनी गई संख्या उस संख्या से 1 कम होगी जो एक अकेले डायस के फेंके जाने पर आएगी और दो डायसों के फेंके जाने की स्थिति में यह 2 कम होगी। यदि डायसों/गोटियों के फेंके जाने से आयी संख्या उसके जरूरत की सबसे बड़ी संख्या से बड़ी है तो वह डायस को दोबारा/फिर से फेंकेगा— उदाहरण – मान लीजिए, जूरी प्रशासक को किसी किताब में से एक पृष्ठ/पेज का चुनाव करना है जिस किताब में 3693 पृष्ठ हैं। वह जूरी प्रशासक चार राउन्ड चलेगा। पहले दौर/राउन्ड में वह एक ही पांसा का प्रयोग करेगा क्योंकि उसे 0-3 के बीच की एक संख्या का चयन करना है। यदि पांसा 5 या 6 दर्शाता है तो वह पांसा फिर से/ दोबारा फेंकेगा। यदि पांसा 3 दर्शाता है तो चुनी गई संख्या 3-1 = 2 होगी और वह जूरी प्रशासक दूसरे दौर में चला जाएगा। दूसरे दौर में उसे 0-6 के बीच की एक संख्या चुनने की जरूरत होगी। इसलिए वह दो पांसे फेंकेगा। यदि उनका योग 8 से अधिक हो जाता है तो वह दोबारा डायसों/पांसों को फेंकेगा। यदि योग/ जोड़ मान लीजिए, 6 आता है तो चुनी गई दूसरी संख्या 6-2 = 4 होगी। इसी प्रकार मान लीजिए, चार दौरों/राउन्ड्स में पांसा 3, 5, 10 और 2 दर्शाता है तो जूरी प्रशासक (3-1), (5-2), (10-2) और (2-1) अर्थात पृष्ठ संख्या 2381 चुनेगा। जूरी प्रशासक को चाहिए कि वह अलग-अलग नागरिकों को पांसा फेंकने के लिए दे। मान लीजिए, मतदाता-सूची में ख किताबें हैं, और सबसे बड़ी किताब में पृष्ठों/पेजों की संख्या `प` है और सभी पृष्ठों में प्रविष्ठियों की संख्या `त` है तो उपर उल्लिखित तरीके या मुख्यमंत्री द्वारा बताए गए तरीके का प्रयोग करके जूरी प्रशासक 1-ख, 1-प और 1-त के बीच की तीन संख्याओं को क्रमरहित/रैंडम तरीके से चुनेगा। अब मान लीजिए, चुनी गई किताब में उतने अधिक पृष्ठ नहीं हैं अथवा चुने गए पृष्ठ में बहुत ही कम प्रविष्टियां हैं। तो वह 1-ख, 1-प और 1-त के बीच एक संख्या फिर से चुनेगा।
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जूरी प्रशासक
महा–जूरीमंडल प्रत्येक शनिवार या रविवार को मिला करेंगे/बैठक करेंगे। यदि महा-जूरीमंडल के 15 से ज्यादा सदस्य अनुमोदन/स्वीकृति करें तो वे अन्य दिनों में भी मिल सकते हैं। यह संख्या “15 से ज्यादा” उस स्थिति में भी होनी चाहिए जब महा-जूरीमंडल के 30 से भी कम सदस्य मौजूद हों। यदि बैठक होती है तो यह 11 बजे सुबह अवश्य शुरू हो जानी चाहिए और कम से कम 5 बजे शाम तक चलनी चाहिए। महा-जूरीमंडल के सदस्य जिस दिन बैठक में उपस्थति रहेंगे, उस दिन उन्हें 200 रूपए प्रति दिन की दर से वेतन मिलेगा। महा-जूरीमंडल का एक सदस्य एक महीने के अपने कार्यकाल में अधिकतम 2000 रूपए वेतन पा सकता है। जूरी प्रशासक महा-जूरीमंडल के किसी सदस्य के कार्यकाल/अवधि पूरी कर लेने के 2 महीने के बाद उसे चेक जारी करेगा(स्पष्टीकरण-आंकने के लिए समय देने के लिए इतना समय की जरुरत है) । यदि महा-जूरीमंडल का कोई सदस्य जिले से बाहर जाता है तो उसे वहां रहने का हर दिन 400 रूपए की दर से पैसा मिलेगा और यदि वह राज्य से बाहर जाता है तो उसे वहां ठहरने के 800 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें अपने घर और कोर्ट/न्यायालय के बीच की दूरी का 5 रूपए प्रति किलोमीटर की दर से पैसा मिलेगा। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मुद्रास्फीति/महंगाई की दर के अनुसार क्षतिपूर्ति की रकम में परिवर्तन कर सकते हैं। सभी रकम इस कानून में जनवरी, 2008 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए `थोक मूल्य सूचकांक` के अनुसार हैं। और जूरी प्रशासक नवीनतम थोक मूल्य सूचकांक का प्रयोग करके प्रत्येक छह महीनों में धनराशि को बदल सकता है।