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अध्याय 37 – कुछ नागरिक / सिविल व आपराधिक मामलों के संबंध में `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह`के प्रस्‍ताव

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इसलिए व्‍यावसायिक यौनक्रिया को कानूनी रूप/मान्‍यता देने के पक्ष और विपक्ष में मैं किन कानूनों का प्रस्‍ताव करता हूँ?

‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके मैं एक ऐसा कानून लागू करने का प्रस्‍ताव करता हूँ कि जिसमें किसी यौन-श्रमिक होने, यौनश्रमिक के पास जाने अथवा बिचौलिए के रूप में कार्य करने के दोषी किसी व्‍यक्‍ति के संबंध में फैसला केवल जूरी द्वारा किया जाएगा। भारत में 12 क्रमरहित तरीके से चुने गए लोग कभी भी अहिंसक व्यक्तियों को सज़ा नहीं देंगे | और “व्‍यावसायिक यौनक्रिया संबंधी अपराधों के लिए केवल जूरी” (प्रक्रिया होने) के परिणामस्‍वरूप व्‍यावसायिक यौनक्रिया को एक तरह से कानूनी मान्‍यता ही मिल जाएगी। इसके अलावा, जब नागरिकों के पास जिला पुलिस प्रमुख को हटाने/बदलने की प्रक्रिया मौजूद होगी तो जिला पुलिस प्रमुख को यह इशारा मिलेगा कि यौन-श्रमिकों को पकड़ने के उसके कार्य को जनता चाहती है या नहीं। यदि नागरिकगण उससे यह चाहते हैं कि वह यौन-श्रमिक(सेक्‍सवर्कर्स) को पकड़े तो वह ऐसा करेगा, नहीं तो वह उन्‍हें नहीं पकड़ेगा। यह व्‍यावसायिक यौनक्रिया को कानूनी मान्‍यता देने के मसले/मामले को सुलझा देगा।

 

(37.8) अपमिश्रण / मिलावट कम करने के लिए कानून

मिलावट रोकने / कम करने के लिए प्रजा अधीन – जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी कानून आवश्‍यक और पर्याप्‍त है।

श्रेणी: प्रजा अधीन