इसके प्रभाव / परिणाम
सिनेट ने तब ग्राकसन कानूनों को लागू कराने के लिए परामर्श करके प्लेबियन्स को शांत कराने का कार्य किया। अगले दशक में नागरिकों के पंजीकरण में वृद्धि से भूमि आवंटन की बड़ी संख्या का संकेत मिलता है। हालांकि ऐग्रेरियन आयोग को अनेक कठिनाईयों और बाधाओं का सामना करना पड़ा। टिबेरियस का उत्तराधिकारी उसका छोटा भाई गाइयस था जो एक दशक के बाद और भी ज्यादा क्रांतिकारी विधान/कानून लागू करने की कोशिश में टिबेरियस के ही भाग्य का साझेदार बना यानि उसकी तरह का ही भाग्य पाया।
गाईयस ग्राकूस
(विकिपेडिया से, नि:शुल्क इनसाइक्लोपिडिया देखें)
प्रारंभिक जीवन
गाईयस का जन्म 154 ईसा पूर्व में हुआ था, वह टिबेरियस सेम्प्रोनियस ग्राकूस (टिबेरियस ग्राकूस मेजर, जिसकी मौत उसी वर्ष हो गई थी) और कार्नेलिया अफ्रिकाना का बेटा था और टिबेरियस सेम्प्रोनियस ग्राकूस का भाई था। ग्राकची महान खनदान से थे और वह खानदान रोम के राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण परिवारों में से एक था जो कि बहुत ही अमीर और अच्छी पहुंच वाले थे । उसकी मां कार्नेलिया अफ्रिकाना, सीपीयो अफ्रिकनस मेजर की बेटी थी और उसकी बहन सेम्प्रोनिया सीपीयो ऐमिलियानस, जो कि एक और महत्वपूर्ण जनरल था, की पत्नी थी। गाईयस का पालन-पोसन उसकी मां, जो कि उंची नैतिक स्तर और भाग्य वाली थी, के द्वारा हुआ था। सेना में गाईयस का कैरियर/नौकरी न्यूमान्तिया में अपने साले सीपीयो आमेलियानस के स्टाफ में भर्ती सेना अफसर के रूप में शुरू हुआ। अपनी जवानी में ही उसने अपने बड़े भाई टिबेरियस ग्रकूस द्वारा किए गए राजनीतिक उथल-पुथल को ध्यान से देखा था जब उसने ऐग्रेरियन सुधारों के लिए कानून लागू करने की कोशिश की थी। टिबेरियस 133 ईसा पूर्व में कैपिटोल के निकट मारा गया था जब वह अपने चचेरे भाई प्यूब्लियस कोर्नेलियस सीपीयो नासिका के नेतृत्व में राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों से सशस्त्र युद्ध करता हुआ मारा गया था। इस मौत के साथ ही, गाईयस ने ग्राकूस परिवार की सम्पदा को विरासत में मिल गयी | इतिहास यह साबित करता कि उसने अपने भाई के आदर्शों को भी विरासत में मिला था।
अफसरी(क्वास्टरशिप) और पहला नेता का पद(ट्रिब्यूनेट)
गाईयस अपने भाई और ऐपियस क्लॉडियस के साथ ऐग्रेरियन आयोग में रहा था। गाईयस ने अपना राजनैतिक जीवन/कैरियर 126 ईसा पूर्व में सारडिनिया में ल्यूसियस ऑरेलियस ऑरेस्ट के राजनयिक के अफसर(क्वास्टर) के रूप में शुरू किया। रोम में कुछ वर्षों की राजनीतिक शांति के बाद, 123 ईसा पूर्व में, गाईयस, लोगों का नेता(ट्रिब्यून) चुना गया जैसा कि उससे पहले उसके परिवार के हर सदस्य पहले ही चुन लिए गए थे। रूदिवादियों(केजरवेटिवों) ने पहले ही महसूस कर लिया कि उनको उससे कुछ कठिनाईयां हो सकती हैं। गाईनियस के विचार टिबेरियस के ही समान थे, लेकिन उसके पास अपने भाई की गलतियों से सीखने का मौका/समय था। उसके कार्यक्रमों में न केवल ऐग्रेरियन कानून ही शामिल थे, जिसके कारण यह शुरू हुआ कि अमीरों द्वारा गैरकानूनी रूप से अधिग्रहित की गई जमीन गरीबों में बांटी जानी चाहिए, बल्कि ऐसे भी कानून थे जिसने अनाज के मूल्यों को निश्चित कर दिया। उसने भी यह कोशिश की कि किसी व्यक्ति द्वारा सेना में अनिवार्य रूप से की जाने वाली सेवा और अभियान के वर्ष सीमित किए जाएं। अन्य उपायों में वसूली कोर्ट में सुधार ,एक कानून द्वारा ,करना शामिल था। इस कोर्ट में सीनेट के सदस्यों द्वारा धन के गैरकानूनी अनियमितताओं के लिए मुकद्दमा चलाया जाता था और जूरी का गठन केवल सीनटरों द्वारा होता था जिसे दोषी सेनेट के सदस्य और जूरी के सदस्यों में सांठ-गाँठ हो जाती थी । उसके(गाईनियस) कानून ने ये बदलाव लाया कि जूरी-ड्राफ्ट पूल में आम लोगों को शामिल करने की इजाजत दे दी । उसने अनेक इटलीवासियों और संबंद्ध राष्ट्रों को रोम की नागरिकता के देने का भी प्रस्ताव किया। इन सभी कार्रवाईयों ने सीनेटरों को नाराज कर दिया।
दूसरा नेता का पद(ट्रिब्यूनेट) और मौत
122 ईसा पूर्व में, गाईयस ने लोगों के नेता(ट्रिब्यून) के रूप में एक और अवधि के लिए पाया और रोम के निम्नवर्गों के असंख्य/जोरदार समर्थन से सफल भी रहा। इस वर्ष के दौरान, उसने अपने सुधार कार्य करना और सीनेट के बढ़ते विरोध से निपटना जारी रखा। गाईयस ने मार्कस फ्युलवियस फ्लॉकूस को अपने सहयोगी और भागीदार के रूप में रखकर तीसरी बार शासन चलाना चाहा लेकिन वे हार गए और नए कंजरवेटिव/रूढ़िवादी राजदूतों, क्विंटस फाबियस माक्सिमस और ल्यूसियस ओपिमियस द्वारा अपने लागू किए गए सभी कानूनों को हटते देखने के सिवाय और कुछ न कर सके। अपने द्वारा किए गए सभी कार्यों की हानि को रोकने के लिए गाईयस और फ्यूलवियस फ्लाकूस ने हिंसक तरीकों का सहारा लिया। सीनेट ने उन्हें गणतंत्र के दुश्मन के रूप में बदनाम/चित्रित किया और उन्हें आखिरकार भागना पड़ा था। फ्लूवियस फ्लाकूस और उसके बेटों की हत्या कर दी गई लेकिन गाईयस अपने विश्वस्त गुलाम, फिलोक्रेट्स के साथ बच निकलने में कामयाब रहा। बाद में, शायद उसने फिलोक्रैट्स को आदेश दिया कि वह उसे मार डाले। उसके मरने के बाद लगभग 3000 वैसे लोगों को भी मार दिया गया था और सम्पदाएं जब्त कर ली गई थी, जिन लोगों पर उसका समर्थन करने का शक था। प्लुतार्श की लाइव्स ऑफ नोबल ग्रीक्स एण्ड रोमन्स(पुस्तक) के अनुसार, गाईयस ग्राकूस, फिलोक्रैट्स द्वारा मारा गया था, जिसने खुद भी बाद में आत्महत्या कर ली थी। ग्राक्शू के एक शत्रु ने उसके सर को धड़ से अलग कर दिया और सर को सेप्टिम्यूलियस (ओपीमियस का एक ग्राहक) द्वारा ले लिया गया जिसने, ऐसा कहा जाता है कि, खोपड़ी को तोड़कर खोल दिया और इसमें पिघला हुआ शीशा भर दिया जिसे फिर ओपिमियस के पास ले जाया गया। इसे तराजू में तौला गया और यह 17 पाउन्ड का निकला। इसलिए ओपीमियस ने इतने ही वजन का सोना सेप्टीमुलियस को दिया जैसा कि उसने वायदा किया था।
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दूसरे शब्दों में, इन विशिष्ट वर्गों/ऊंचे लोगों और बुद्धिजीवियों ने मानवाधिकारों और आजादी के बारे में बहुत शोर मचाया लेकिन वे सभी जानते थे कि खदान रॉयल्टी और जमीन किराया के बिना उनकी तथाकथित “गुणों/खूबियों” का कोई उपयोग नहीं है। और वे उसी दिन आम आदमी की तरह बन जाएंगे जिस दिन बैंकों , खदानों, भारत सरकार के प्लॉटों आदि तक उनकी पक्षपातपूर्ण पहुंच खत्म हो जाएगी। इसलिए शायद वे `प्रजा अधीन समूह` द्वारा प्रस्तावित प्रथम सरकारी अधिसूचना(आदेश)(चैप्टर 1 देखें) की मांग करने वालों के खिलाफ पूरी हिंसा का सहारा ले सकते हैं क्योंकि उन्हें यह समझ आ जाएगा कि पहला सरकारी आदेश ही दूसरे सरकारी आदेश का रास्ता खोल देगा जो जमीन किराया और खनिज रोयल्टी (आमदनी) से संबंधित है और वो पास हो जायेगा और आम लोगों को उनका ये हक वाला पैसा मिल जायेगा ।