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अध्याय 43 – कच्‍चे तेल को बाहर से मंगाना (आयात), विदेशी कर्ज कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह’ के प्रस्‍ताव

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4.    सर्वजन भविष्‍य निधि(प्रोविडेंट फंड) और पेंशन प्रणाली(सिस्टम) : सभी नागरिकों के लिए भविष्‍य निधि(प्रोविडेंट फंड) और पेंशन प्रणाली(सिस्टम) लागू की जाए। सभी निजी/प्राइवेट भविष्‍य निधि और निजी/प्राईवेट योजनाओं को समाप्‍त/रद्द किया जाए। यह (व्‍यवसाय) शुरू करने वालों/स्‍टार्टअप्स का बोझ कम करेगा।

5.    पर्यावरण संबंधी कानून को अमेरिका में इस कानून की उस वर्ष की स्‍थिति के समान बनाया जाए जिस वर्ष अमेरिका की `सकल(कुल) घरेलू उत्‍पाद(देश के सभी सामान और सेवाओं का बाजार का दाम) ` भारत की `सकल(कुल) घरेलू उत्‍पाद(देश के सभी सामान और सेवाओं का बाजार का दाम) ` के बराबर थी।

6.    कृषि उपज के देश से बाहर भेजना(निर्यात) पर तब तक रोक/प्रतिबंध लगाया जाए जब तक सभी भारतीयों के पास खाने के लिए पर्याप्‍त भोजन न हो।

7.    भारतीय रिजर्व बैंक को डॉलर बेचने से प्राप्‍त आय पर आयकर से तबतक छूट दी जाएगी जब तक विदेशी कर्जा चुका नहीं दिया जाता। उसके बाद, किसी भी देश से माल बहार भेजने वाले (निर्यातक) को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी।

 

(43.7) कच्‍चे तेल की खुदाई करने वाली और तेल शोधक भारतीय कम्‍पनियों के प्रशासन में सुधार करना

भारत की तेल कम्‍पनियां अपने कर्मचारियों को बहुत अधिक वेतन देती है और इसका मानक/आधार भ्रष्‍टाचार है। इसलिए इस समस्‍या के किस प्रकार का समाधान का मैं प्रस्‍ताव करता हूँ? प्रस्‍तावित हल निम्‍नलिखित हैं :-

1.    प्रजा अधीन – पेट्रोलियम मंत्री

2.    प्रजा अधीन – `तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम`(ओ.एन.जी.सी) अध्‍यक्ष

3.    प्रजा अधीन – हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम अध्‍यक्ष

4.    पेट्रोलियम मंत्रालय, `तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम“(ओ.एन.जी.सी), हिन्‍दुस्‍तान पेट्रोलियम और सभी तेल कम्‍पनियों के कर्मचारियों पर जूरी प्रणाली(सिस्टम)  लागू करना। ये उपाय बहुत काफी (अत्‍यन्‍त पर्याप्‍त) हैं।

 

(43.8) बस (परिवहन) प्रणाली (सिस्टम) में सुधार करके कच्‍चे तेल की खपत कम करना

फूटपाथ/पटरी (की दशा) में सुधार करके, नगर बसों की सेवाओं में सुधार करके, राज्‍य बस प्रणाली(सिस्टम)  में सुधार करके, साझा टैक्‍सी सेवा व आटो रिक्‍शा सेवा प्रारंभ करके

तथा ऐसी बस सेवा प्रारंभ करके, जिसमें लोग अपनी साईकल ले जा सकें और ऐसी ही (अन्‍य) सेवाएं प्रदान करके कच्‍चे तेल के उपभोग/खपत को घटाया जा सकता है।

एक बार यदि नागरिक प्रजा अधीन – नगर बस प्रणाली(सिस्टम)  अध्‍यक्ष और प्रजा अधीन – राज्‍य बस प्रणाली(सिस्टम)  अध्‍यक्ष लागू करवा सकें तो बस प्रणाली(सिस्टम)  में

सुधार हो जाएगा, निजी यातायात/परिवहन कम होगी और कच्‍चे तेल के दूसरे देश से मंगाने(आयात) में भी कमी आएगी।

 

(43.9)  कच्‍चे तेल की खपत कम करने के लिए वाहन कर (वाहन-टैक्‍स) , पार्किंग शुल्‍क बढ़ाना

वार्षिक वाहन टैक्‍स की गिनती/गणना जमीन की कीमत और (वाहन द्वारा घेरी जाने वाली जमीन की माप और व्‍यस्‍त घंटों के दौरान प्रति व्‍यक्‍ति उपलब्‍ध स्‍थान का अंतर) के

आधार पर गिनती/गणना करनी चाहिए और पार्किंग की कीमत में भी तदनुसार/इसके अनुसार बदौतरी/वृद्धि की जानी चाहिए क्‍योंकि जब तक कोई व्‍यक्‍ति व्‍यस्‍त समय के दौरान

प्रति व्‍यक्‍ति स्‍थान से कम अथवा उसके बराबर स्‍थान ले रहा हो तब तक कोई भीड़-भाड़ नहीं होगी लेकिन जिस पल कुछ लोग उपलब्‍ध प्रति व्‍यक्‍ति स्‍थान से अधिक स्‍थान लेना शुरू

कर देंगे उसी पल भीड़-भाड़ बढ़ जाएगी। संक्षेप में(छोटे में), जब किसी चीज पर आर्थिक सहायता(रियायत) मिलती है तो उसका बेतहाशा दुरूपयोग होता है और उस चीज की कमी हो

जाती है । वाहन टैक्‍स और पार्किंग शुल्‍क को कुछ बदलाव (समायोजन) के साथ जमीन के बाजार मूल्‍य के साथ जोड़ दिया जाना चाहिए। साथ ही, पार्किंग शुल्‍क और वाहन टैक्‍स का

उपयोग केवल सड़कें और पटरी/फूटपाथ बनाने के लिए किया जाना चाहिए और किसी ऐसे उद्देश्‍य के लिए नहीं किया जाना चाहिए जिसका इससे संबंध न हो। इसके अलावा, वाहन

टैक्‍स का उपयोग सार्वजनिक बस प्रणाली(सिस्टम)  में आर्थिक सहायता(रियायत) देने के लिए किया जाना चाहिए क्‍योंकि सार्वजनिक बस प्रणाली(सिस्टम) , कार का उपयोग करने

वालों के लिए लाभदायक है। ये सभी फैसले/निर्णय नगर/राज्‍य स्‍तर के ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) ’ द्वारा लिया जाना चाहिए।

इसके  बाद  मैं  यात्रा  से  जुड़े  सभी  खर्चों  को  आयकर  में  घटाए  न  जा  सकने  वाले  खर्च  बनाने  का  प्रस्‍ताव  करता  हूँ ।  इसमें  पेट्रोल  खरीदना ,  वाहन  खरीदना  और  वाहन के  मूल्‍यों  में  समय  बीतने  के  साथ  आई  कमी  शामिल  होगा ।

मैं  इन  सभी  कानूनों  को  केवल  ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) ’ का उपयोग करके लागू करने का प्रस्‍ताव  करता हूँ। ये सभी प्रस्‍ताव आने वाले कल के लिए हैं।

जैसे ही कच्‍चे तेल के उत्‍पादन में बदौतरी(वृद्धि) होगी, जैसे ही भारत, भारत से बाहर और अधिक तेल के कूएं खरीदेगा और जैसे ही दूसरे देश माल भेजना(निर्यात) में बदौतरी होगी वैसे ही उपर प्रस्‍तावित प्रस्‍तावों में से कई प्रस्‍ताव हटा लिए जाएंगे अथवा उनमें छूट दी जाएगी। लेकिन अभी के लिए दूसरे देश माल भेजना(निर्यात) बढ़ाना और दूसरे देशों से माल लाना(आयात) कम करना, खासकर कच्‍चे तेल का दूसरे देश से लाना(आयात) कम करना और इसी तरह के अन्‍य/दूसरे कार्य की तत्‍काल जरूरत है।

श्रेणी: प्रजा अधीन