सूची
9. सुपेर्विसर/निरीक्षक के कहे अनुसार सर्वर कम्प्यूटर जनता के लिए उपलब्ध हजारों प्रश्नों की सूची में से 60 प्रश्नों का चयन क्रमरहित तरीके से करेगा।
10. प्रत्येक छात्र को वही 30-60 प्रश्न अलग-अलग क्रमरहित क्रम में दिया जाएगा। इस प्रकार एक दूसरे के अगल-बगल/बराबर में बैठे सभी छात्रों को प्रश्न अलग-अलग क्रम में मिलेगा। सर्वर किसी प्रश्न का उत्तर एक बार दे देने के बाद उसे बदलने की अनुमति नहीं देगा। सर्वर प्रत्येक प्रश्न पर अधिक से अधिक 5 मिनट समय की अनुमति देगा। इससे परीक्षा में नकल बिलकुल नहीं हो सकेगा।
11. जिला शिक्षा अधिकारी किसी महीने की सभी परीक्षाओं/जांचों के लिए पुरस्कार अगले महीने की 10 तारीख से पहले दे देगा।
12. जांच की लागत, जमीन की लागत की गणना को छोड़कर, प्रत्येक जांच के लिए 5 रूपए से कम होगी।(2010 के कीमतों को आधार लेकर लागत को महंगाई के अनुसार सही किया जायेगा )
गणित की परीक्षाओं के लिए पुरस्कार बांटना / देना
13. यदि 95 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने किसी प्रश्न का (सही) उत्तर दिया है अथवा यदि 5 प्रतिशत से कम छात्रों ने किसी प्रश्न को हल किया हो तो जिला शिक्षा अधिकारी उस प्रश्न को गिनती में बिलकुल शामिल नहीं करेगा।
14. जिला शिक्षा अधिकारी किसी दी गई कक्षा के लिए प्रत्येक विषय हेतु आयोजित की जाने वाली जांच/परीक्षा की संख्या (खुद) तय करेगा। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, जिला शिक्षा अधिकारी यह निर्णय लेता है कि प्रत्येक माह गणित के 2, भौतिकीशास्त्र का 1, रसायनशास्त्र का 1, जीव विज्ञान का 1, विधि/कानून के 2 परीक्षा/टेस्ट आदि होंगे।
15. सॉफ्टवेयर परीक्षा के ठीक बाद नम्बर/अंक जारी करेगा।
सात्य प्रणाली(सिस्टम) में गणित के शिक्षक का चयन
16. मेरे द्वारा वर्णित प्रणाली(सिस्टम) में कोई भी व्यक्ति स्वयं को गणित के शिक्षक के रूप में दर्ज करवा सकता है।
17. कोई छात्र गणित के किस शिक्षक की कक्षा में (पढ़ने) जाएगा, इसका निर्णय उस बच्चे के माता-पिता करेंगे। माता-पिता किसी भी महीने शिक्षक बदल सकते हैं।
(30.6) अन्य विषयों के लिए सात्य प्रणाली (सिस्टम) |
मेरे द्वारा बताई गयी प्रणाली(सिस्टम) कई विषयों के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है जैसे :-
- विज्ञान (भौतिकीशास्त्र, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान आदि)
- अंग्रेजी शब्द-ज्ञान, व्याकरण, वाक्य विन्यास, अंग्रेजी से दूसरी/अन्य भाषाओं और दूसरी/अन्य भाषाओं से अंग्रेजी में अनुवाद करना (अंग्रेजी साहित्य नहीं)
- हिन्दी (शब्द-ज्ञान, व्याकरण, वाक्य निर्माण, वाक्यों का अनुवाद करना, साहित्य नहीं)
- अन्य भाषाएं (शब्द-ज्ञान, व्याकरण, वाक्य निर्माण, वाक्यों का अनुवाद करना, साहित्य नहीं)
- सेना का इतिहास, तकनिकी का इतिहास, कानूनों और प्रशासनिक व्यवस्था का इतिहास
- भूगोल, नक्शा बनाना, और स्थानीय/जिला स्तरों पर व्यावहारिक सर्वेक्षण(नक्शा बनने के लिए जानकारी इकठ्ठा करना) करना
(30.7) कानून की शिक्षा देना |
- लगभग 15-20 छात्रों को किसी अदालत के कमरे में कुछ मुकद्दमों के पूरे सत्र के दौरान (उपस्थित) रहने के लिए कहा जाएगा ।
- एक बार जब मुकद्दमा पूरा/समाप्त हो जाता है तो उन्हें निम्नलिखित मुद्दों को शामिल करते हुए चर्चा करने और अपनी राय/मत लिखने के लिए कहा जाएगा (विश्लेषण) :-
- क्या सजा देना (या रिहा करना) जायज/उचित था? क्या सजा का स्वरूप (कैद, जुर्माना आदि) उचित/जायज था?
- इस मुकद्दमें में कौन से कानून पूरी/सटीक रूप से लागू हो रहे थे? क्या ये कानून न्यायपूर्ण हैं?
- सबूत क्या थे? क्या ये सबूत जायज/उचित थे? आदि, आदि।
3. निम्नलिखित के बारे में चर्चा करें और लिखें –
- यदि कानून अनुचित थे तो कौन से कानून लगाए जाने चाहिए थे?
- क्या कानून का पाठ इतना सरल है कि उसे समझा जा सके? क्या आप इससे भी आसान पाठ दे सकते हैं?
- आपकी राय में क्या दण्ड दिया जाना चाहिए था?
- क्या वो अपराध को रोकने के लिए कुछ किया जा सका?
- क्या कुछ ऐसा है जिससे सुनवाई (की प्रक्रिया) और तेज/और आसान बनाई जा सके? आदि, आदि।
4. प्रत्येक मुकद्दमे में नए मुद्दे होंगे। योजना का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षकों/छात्रों पर छोड़ा जाएगा। किसी शिक्षक द्वारा प्रति सप्ताह 1-2 घंटे छात्रों की निगरानी की जाएगी। यह और अधिक रूचि वाला होगा यदि स्कूल इस मुकद्दमे के क्षेत्र/विषय के रिटाइर्ड /सेवानिवृत्त जज अथवा एक सेवानिवृत्त/`काम कर रहे` वकील अथवा किसी तकनीकी विशेषज्ञ को कभी-कभार चर्चा में भाग लेने के लिए बुला सके।
5. छात्रों को मुकद्दमे सहायक कोर्ट के साथ-साथ उच्चतर न्यायालयों/कोर्ट में भी नोट करने के लिए कहा जाएगा।
6. मुकद्दमें का चयन क्रमरहित तरीके से किया जाएगा।
7. इन पाठों में वास्तविक चीजों/मुद्दों (भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अत्याचार आदि), जो प्रशासन और न्यायालयों में होता ही है, पर भी सूचनाएं होंगी।
(30.8) हथियार चलाने / प्रयोग करने की शिक्षा देना |
मैं `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के सदस्य के रूप में प्रस्ताव करता हूँ कि सैन्य प्रशिक्षण सभी बड़ों/वयस्कों और 16 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दिया जाना चाहिए।
(30.9) अंग्रेजी की शिक्षा देना |
`राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` 5 वर्ष से लेकर 80 वर्ष की उम्र के सभी नागरिकों को अंग्रेजी की शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव करता है। कक्षा 1 से लेकर कॉलेज तक के सभी पाठ्यपुस्तकों को द्विभाषी बनाया जाएगा अर्थात सम पृष्ठसंख्याओं वाले पृष्ठों पर स्थानीय भाषाओँ का अंग्रेजी अनुवाद विषम पृष्ठ संख्याओं वाले पृष्ठों पर छपा होगा। यह गणित, विज्ञान, कानून आदि सभी विषयों पर लागू होगा। छात्रों को इन विषयों की परीक्षा स्थानीय भाषाओं में देने की स्वतंत्रता/छूट होगी और साथ ही, वे इन विषयों की द्वितीय वैकल्पिक परीक्षा अंग्रेजी भाषा में लिख सकेंगे। द्वितीय परीक्षाओं के परिणाम/अंक का कोई महत्व नहीं होगा।