सूची
संक्षेप में, किसी पार्टी/दल के सदस्य से उसकी पार्टी छोड़ने के लिए कहना उसके लिए बहुत ही दुखदायी होता है और यह उसके विकल्प में ही नहीं होता है। लेकिन उससे `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट , प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूपों/क़ानून-ड्राफ्ट के लिए प्रचार करने के लिए कहना केवल एक ऐसे काम के लिए कहने के समान है जिसे करने में समय लगेगा लेकिन इससे उसे दुख नहीं पहुंचेगा। ऐसा करना उसके लिए भी आसान होगा। `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट , प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट , नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूपों/क़ानून-ड्राफ्ट को उसकी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में शामिल करने के लिए कहना उसके लिए कठिन तो हो सकता है लेकिन दुखदायी/कष्टदायक नहीं। उससे यह कहकर कि वह अपने नेताओं और साथी सदस्यों से `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूप, प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट , नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूपों/क़ानून-ड्राफ्ट को उनकी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में शामिल करने/जोड़ने के लिए कहे, हम उससे केवल ऐसा करने के लिए कह रहे हैं कि जो भारत के लिए अच्छा है। यह कुछ ऐसा नहीं है कि जिससे राइट टू रिकॉल ग्रुप/प्रजा अधीन राजा समूह को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से थोड़ा भी लाभ होगा। इससे उनकी पार्टी का तब तक कोई नुकसान नहीं होगा जब तक उनकी पार्टी के नेताओं ने भारत विरोधी विशिष्ट/ऊंचे लोगों से कोई सौदा न किया हो।
इसी तरह,सभी गैर-सरकारी संगठनों से उनके घोषणा पत्र में प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) को शामिल करने के लिए कहें |
मैं राइट टू रिकॉल ग्रुप/प्रजा अधीन राजा समूह के सभी समर्थकों से अनुरोध करता हूँ कि वे निम्नलिखित “क्या करें और क्या न करें” के अनुसार काम करें –
- कृपया ज्यादा से ज्यादा पार्टी – सदस्यों और गैर-सरकारी संगठनों से मिलें/सम्पर्क करें
- कृपया उनसे उनकी पार्टी छोड़कर राइट टू रिकॉल ग्रुप/प्रजा अधीन राजा समूह में शामिल हो जाने के लिए न कहें
- कृपया उनसे केवल `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूप, प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूपों/क़ानून-ड्राफ्ट और नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट के लिए प्रचार अभियान चलाने के लिए ही कहें
- कृपया उनसे अवश्य कहें कि वे अपने नेताओं से `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूप, प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूपों/क़ानून-ड्राफ्ट को उनकी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने के लिए कहें |
- कृपया उनसे अवश्य कहें कि वे अपने साथी पार्टी-सदस्यों से बिन्दु संख्या 3-5 पर काम करने के लिए कहें।
(19.5) किसी दल के सदस्यों से मिलने पर बातचीत / चर्चा के लिए सुझाए गए बिन्दु |
14 से 18 वर्ष के बीच के लगभग 1000 नौजवानों पर विचार कीजिए जो भारत में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध/समर्पित हैं। तब इनमें से कई किसी न किसी राजनैतिक दल के सदस्य बन चुके होंगे। कुछ ऐसे भी होंगे जो किसी भी पार्टी / दल के सदस्य नहीं बनते क्योंकि वे सभी दलों को भ्रष्ट मानते हैं। लेकिन उनमें से ज्यादातर कुछ नया कर दिखाना चाहेंगे और उस दल के सदस्य बन जाएंगे जिसे वे भारत में सबसे अच्छा दल मानते हैं।
इस प्रकार राजनैतिक दल वैसे लोगों से मिलने की सबसे अच्छी जगह/मंच है जो गरीबी और भ्रष्टाचार कम करने के लिए हर सप्ताह एक घंटे से ज्यादा का समय देने की इच्छा रखते हैं। किसी राजनैतिक दल के सभी लोग गरीबी और भ्रष्टाचार कम करने के लिए हर सप्ताह एक घंटे का समय देने की इच्छा नहीं रखेंगे। लेकिन मान लीजिए, भारत के आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध/ऊंचे 5 करोड नागरिकों में से 2 प्रतिशत नागरिक, गरीबी और भ्रष्टाचार कम करने के लिए प्रति सप्ताह एक घंटे का समय देने की इच्छा रखने वाले लोग हैं। तब किसी राजनैतिक दल/पार्टी के अन्दर ऐसे लोगों की संख्या कहीं अधिक होगी – लगभग 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत। इस प्रकार एक कार्यकर्ता जो गरीबी कम करने के लिए समर्पित है, उसे एक ही जगह(केंद्रित) पर उसकी बात सुनने वाले लोग मिल जाएंगे।
इस तरह राजनैतिक दल समर्पित लोगों का समूह एक ही स्थान पर उपलब्ध कराते हैं। और चूंकि राजनैतिक दलों के सदस्य वैसे सबसे उपयुक्त/सही लोगों में से होते हैं जो `जनता की आवाज` पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) प्रारूपों/ड्राफ्ट, प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूपों/ड्राफ्ट और नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूपों/ड्राफ्ट को पसंद कर सकते हैं। इसलिए मैं प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) के समर्थकों से अनुरोध करूंगा कि वे राजनैतिक दलों/पार्टियों के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों से मिलें चाहे उन लोगों/सदस्यों ने प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल ( भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) का पूरी तरह से विरोध ही क्यों न किया हो।
(19.6) रिश्वत लेने के लिए हजार अप्रत्यक्ष तरीके जिसमें भ्रष्ट सरकारी अधिकारी पैसे को छूता भी नहीं है और रिश्वत वाइट(कानूनी तरीके से) में लेता है | |
स्वामी रामदेव जी सरकार को बड़ी नोट वापस लेने के लिए दबाव दे रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार रोका जा सके | हम भी बड़ी नोट वापस लेने के पक्ष में हैं जब तक कोई वापस ना लेने का कोई अच्छा कारण दे| क्यों कि उ़ससे नकली करेंन्सी नोट बंध हो जायेगी और आतंकवाद को बढ़ावा मिलना कम हो जायेगा. लेकिन हमें किसी भी नजरिये से ये नहीं लगता की उससे भ्रष्टाचार कम होगा|
क्योंकि काफी ऐसे तरीके उपलब्ध हैं जिसमें पैसे को या बड़ी नोट को छुए बिना भ्रष्टाचार होता है| हम आप सबसे अनुरोध करते हैं कि कृपया आप नीचे दिए गए तरीकों को समझिए |
(1) 95% भ्रष्टाचार से कमाए गए पैसे भ्रष्ट सरकारी अधिकारी तथा राजनेता जमीन, मकान, सोना, ज़वेरात, हीरे, चांदी, ट्रस्टों, गैर सरकारी संगठन में रखते हैं|.
(2) छोटे स्टर पर भ्रष्ट अधिकारी (5%) आपसे सोने, चांदी, विदेशी मुद्रा में घूस मांग सकते हैं जैसे कि