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परिभाषाएं

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(1) भारत का राजपत्र (सरकारी अधिसूचना) (Gazette Notification) –

केन्द्रीय और राज्य सरकारों द्वारा प्रकाशित पुस्तिका जो लगबग हर महीने प्रकाशित की जाती है और मंत्रियों द्वारा जिला कलेक्टर,विभाग सचिव आदि को आदेश होते हैं | ये सब आदेशों/कानूनों को सदन में पारित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये संवैधानिक होते हैं | (पहले अध्याय में भारत का राजपत्र/सरकारी अधिसूचना का नमूना है)

 

(2) `जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)` सरकारी अधिसूचना –

एक तीन लाइन का प्रस्तावित क़ानून-ड्राफ्ट /मसौदा जिसके द्वारा आम नागरिक(जिसका कोई राजनैतिक सम्बन्ध ना हो ) अपनी शिकायत पारदर्शी तरीके से प्रधानमंत्री आदि सार्वजानिक वेबसाइट पर डाल सकता है | `पारदर्शी` का अर्थ है कभी भी ,कहीं भी, किसी के द्वारा देखी जा सके और जांच की जा सके ताकि कोई भी नेता , कोई भी बाबू, कोई भी जज या मीडिया इसे दबा नहीं सके |(अधिक विवरण के लिए अध्याय 1,3 देखें )

 

(3) `प्रजा अधीन-राजा / राईट टू रिकाल सरकारी अधिसूचना –

भ्रष्ट अधिकारी ,नेता,जज को निकालने/बदलने का आम जन का अधिकार/प्रस्तावित प्रक्रिया जैसे प्रजा अधीन प्रधानमंत्री,प्रजा अधीन मुख्यमंत्री , प्रजा-अधीन सुप्रीम कोर्ट जज, प्रजा अधीन पोलिस कमिश्नर आदि | अपने ग्रन्थ, `सत्यार्थ प्रकाश` में स्वामी दयानंद सरवती जी ने कहा है कि `राजा प्रजा-अधीन होना चाहिए नहीं तो राजा मांसाहारी पशु के तरह प्रजा को खा जायेगा`  |

यहाँ `राजा` का अर्थ राजवर्ग है, यानी सरकार/प्रशाशन चलने वाले मंत्री, जज अफसर जैसे लोकपाल आदि और `प्रजा` का अर्थ आम नागरिक हैं , और `अधीन` का अर्थ आम नागरिकों का  सरकार चलने वाले जैसे मंत्री, जज, अफसरों को बदलने/निकालने/सज़ा देने का अधिकार है | और ये श्लोक स्वामी जी ने वेदों से लिए हैं |

जब से हमारे देश में ये अधिकार/प्रक्रियाएँ गायब हुए हैं, तब से देश का पतन होना शुरू हो गया |

ये प्रक्रियाएँ/अधिकार हमारे देश में पहले थे और आज पश्चिम में हैं बहुत से पदों पर, जिससे वहाँ भ्रष्टाचार कम है|

(अधिक विवरण के लिए अध्याय 2,6,7,22 देखें)

 

(4) `नागरिक और सेना के लिए खनिज रोयल्टी (आमदनी)`(एम.आर.सी.एम) सरकारी अधिसूचना-

प्रस्तावित क़ानून-ड्राफ्ट जिसके द्वारा सेना और नागरिकों को देश की सार्वजनिक भूमि का किराया. खनिज रोयल्टी (आमदनी)/आमदनी , 2 जी , 3G व अन्य सार्वजनिक रोयल्टी (आमदनी)/आमदनी  सीधे मिल सके |

सेना को एक तिहाई पैसा मिलेगा और बाकी दो तिहाई पैसे में से नागरिकों को बराबर-बराबर धन बंटेगा और हर महीने मिलेगा | (अधिक विवरण के लिए अध्याय 5 देखें)

 

(5) प्रजा अधीन न्यायतंत्र (जूरी सिस्टम) –

प्रस्तावित सरकारी अधिसूचना जो जब लागू होगा तो 15-20 नागरिक क्रमरहित/अनियमित तरीके से चुने जाएँगे और आपराधियों और भ्रस्त को सज़ा देंगे और फैसला सुनायेंगे जिससे कोर्ट के फैसले न्यायपूर्ण और जल्दी , कुछ ही महीनों में मिलेंगे |(अधिक विवरण के लिए अध्याय 7,21 देखें)

 

(6) प्रतिगामी / अवरोही (रिग्रेसिव) `कर`-

i) जो `कर` अनुपात रूप में घटता है, जब राशि जिसपर `कर` लगाया जाता है बढती है |

ii)जो `कर` व्यक्ति की आय के प्रतिशत के रूप में घटता है जब व्यक्ति की आमदनी बदती है यानी कम आय वाले को अपनी आय का ज्यादा प्रतिशत कर देना पड़ता है बनिस्पत ज्यादा आय के |उदहारण-सभी खाने पीने पर `कर`, उत्पाद शुल्क,VAT आदि |

समान कर-

i) जो `कर` अनुपात रूप में ना तो घटता है न बढता है , जब राशि जिसपर `कर` लगाया जाता है बढती है |

ii) वह `कर` जो कम और अधिक आमदनी वाले व्यक्तियों के लिए अपनी आमदनी के प्रतिशत के रूप में बराबर है |उदहारण –संपत्ति कर,विरासत कर |

(अधिक विवरण के लिए अध्याय 25 देखें)

 

(7) क्लोन 

मतदान के विश्लेषण में , एक उमीदवार जो पहले से मौजूद दूसरे उमीदवार के जैसा हो |

क्लोन-पोसिटिव(सकारात्मक) प्रयास / तरीका –

(1) जब अलग-अलग,एक दूसरे से अनजान व्यक्तियों द्वारा किये गए प्रयास एक दूसरे को काटते नहीं बल्कि उनका योगात्मक प्रभाव होता है |उदहारण- अलग-२ संस्था के लोग एक ही मसौदे के लिए प्रचार/प्रयास करते हैं और एक मसौदे/क़ानून-ड्राफ्ट के अधीन एकजुट हो जाते हैं |

(2) कोई तरीका तब क्लोन पोसिटिव कहा जाता है जब एक दूसरे से अनजान ,ज्‍यादा लोग/समूह जब एक ही प्रकार का काम अलग-अलग करने की कोशिश करते हैं, तब इससे लक्ष्‍य प्राप्त करने के लिए आवश्‍यक समय में कमी आती है।

क्लोन-नेगटिव(नकारात्मक) प्रयास / तरीका –

(1) जब अलग-अलग,एक दूसरे से अनजान व्यक्तियों द्वारा किये गए प्रयास एक दूसरे को काटते हैं |उदहारण- एक नेता या संस्था के अधीन एकजुट होना | (अधिक विवरण के लिए अध्याय 15,16,17 देखें)

(2) कोई तरीका तब क्लोन निगेटिव कहा जाता है जब एक दूसरे से अनजान,ज्‍यादा लोग/समूह ,एक ही प्रकार का काम करने की कोशिश करते हैं,तब इससे लक्ष्‍य प्राप्त करने के लिए आवश्‍यक समय में तो कमी नहीं आती बल्‍कि यह बढ़ जाता है।

 

(8) रूपया (एम-3) – कुल मुद्रा संख्या

रूपया (एम-3) – कुल मुद्रा संख्या = देश में चलन में कुल नोट और सिक्के ,सभी प्रकार के जमा राशि का जोड़ | जिसे हमलोग आम तौर पर रूपया कहते हैं उसे भारतीय रिजर्व बैंक एम – 3 कहता है।

 

(9) गैर-80 जी कार्यकर्ता

वो कार्यकर्ता जो 80-जी आयकर में छूट के खंड/नियम को रद्द करवाना चाहते हैं क्योंकि ये आय के चोरी करने में मदद करती है जिससे सेना,कोर्ट,पुलिस और देश के अन्य विकास के लिए जरुरी धन में कमी आती है |

 

(10) महा जूरी-मंडल

महा जूरी-मंडल जूरी का एक प्रकार है , जो फैसला करता है कि (किसी पर) जूरी-मंडल द्वारा मुकदम्मा चलने के लिए काफी सबूत है कि नहीं |

 

(11) कानून-ड्राफ्ट

क़ानून का हस्तलिखित आरंभिक रूप जो काटछांट संशोधन आदि के लिए तैयार किया जाता है |

श्रेणी: प्रजा अधीन