सूची
- (44.25) भूमि / जमीन से जुड़े अपराध कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.26) हिंसा वाला अपराध को रोकने / कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.27) अंधविश्वास को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.28) बुढ़ापा (वृद्धावस्था) पेंशन प्रणाली (सिस्टम) के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.29) दलितों पर अत्याचार रोकने / कम करने और दलितों की सामाजिक स्थिति में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.30) महिलाओं के विरूद्ध अपराध को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.31) खाने-पीने की चीज की मिलावट कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.32) मुख्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
12. राशन कार्ड की दुकानों के जरिए रियायती/कम दाम(मूल्य) पर देशी गाय का दूध बेचना (प्रति व्यक्ति प्रति दिन लगभग 100 मिलीलीटर देशी गाय का दूध इसकी लागत और 7 प्रतिशत लाभ के योग के बराबर मूल्य पर लाया जाएगा और राशन कार्ड की दुकानों के जरिए 50 प्रतिशत कम कीमत पर बेचा जाएगा।
(44.25) भूमि / जमीन से जुड़े अपराध कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. प्लॉटों और बिल्डरों पर टोरेन्स प्रणाली (सिस्टम) लागू करने से सम्पत्ति से जुड़े अपराध कम हो जाएंगे।
2. यदि मालिक चाहे तो सरकार उसकी सम्पत्ति का जानकारी/विवरण, जगह (की जानकारी) इंटरनेट पर डालेगी/प्रकाशित करेगी। इस प्रकार यदि मालिक धोखे/फर्जी तरीके से बदल दिया जाता है तो कुछ ही मिनटों में उसका पता चल जाएगा।
3. जब एक बार कोई सम्पत्ति प्रकाशित हो जाएगी तो यह अगले 30 वर्षों के लिए “प्रकाशित” ही रहेगी।
(44.26) हिंसा वाला अपराध को रोकने / कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. प्रजा अधीन – पुलिस कमिश्नर और पुलिसकर्मियों पर जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से पुलिस-अपराधी सांठ-गाँठ/मिली-भगत और पुलिसवालों में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा। इससे हिंसक अपराध भी कम होंगे।
2. प्रजा अधीन – जज से जजों में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा और इसलिए हिंसक अपराध भी कम होंगे।
3. जूरी प्रणाली (सिस्टम) से इस बात की संभावना घटेगी कि हिंसक अपराधी छूट जाए और इसलिए हिंसक अपराध भी कम होंगे।
4. प्रत्येक नागरिक को अपने साथ बंदूक रखनी होगी और इससे हिंसक अपराध और भी कम हो जाएंगे।
(44.27) अंधविश्वास को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. जूरी किसी व्यक्ति को जेल की सजा दे सकते हैं जो अंधविश्वास के नाम पर पैसे चुराता/ठगता रहा हो।
2. प्रजा अधीन – जिला शिक्षा अधिकारी से विज्ञान की शिक्षा में सुधार होगा।
(44.28) बुढ़ापा (वृद्धावस्था) पेंशन प्रणाली (सिस्टम) के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट लागू हो जाने पर बुढ़ापा (वृद्धावस्था) पेंशन प्रणाली (सिस्टम) बन जाती है ।
(44.29) दलितों पर अत्याचार रोकने / कम करने और दलितों की सामाजिक स्थिति में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. “जूरी के अनुमोदन से सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्ट” का प्रयोग करने से यह जानना संभव हो जाएगा कि किसी व्यक्ति ने वास्तव में अत्याचार किया है या नहीं। इससे दोषी व्यक्ति के छूट जाने की संभावना घटेगी और सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्ट का सामना करने का डर ,अपराध/अत्याचार रोकने का काम करेगा।
2. ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) ड्राफ्ट से दलितों में व्यापक रूप से फैली हुई/व्याप्त गरीबी दूर होगी और इससे दलितों पर अत्याचार भी कम हो जाएगा।
3. प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) से भ्रष्टाचार कम होगा और भ्रष्टाचार कम होने से सभी गरीबों की गरीबी दूर होगी। इससे गरीब दलितों की स्थिति सुधरेगी, वे मजबूत होंगे और इससे दलितों पर अत्याचार में कमी आएगी।
4. प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) अत्याचार कैसे कम करेगा ? : दलितों पर अत्याचार/उत्पीड़न की अनेक घटनाएं इसलिए होती हैं कि जज और पुलिस प्रमुख बिक जाते हैं। उदाहरण- अनेक मंदिरों में दलितों को घुसने से मना कर दिया जाता है क्योंकि मंदिरों के मालिक यह जानते हैं कि जज और पुलिस प्रमुख उनके खिलाफ जाल नहीं बिछाएंगे और/अथवा उन्हें सज़ा नहीं देंगे। प्रजा अधीन – जज और प्रजा अधीन – पुलिस प्रमुख कानून जजों और पुलिस प्रमुखों को विवश/मजबूर कर देगा कि वे जाल बिछाएं और ऐसे मंदिर मालिकों को सजा भी दें। इससे दलितों के विरूद्ध अत्याचार कम हो जाएगा।
5. अनेक लोग जो दलितों पर अत्याचार करते हैं वे छूट जाते हैं क्योंकि उनका जजों के साथ सांठ-गाँठ/मिली-भगत होती है। जूरी प्रणाली(सिस्टम) इस समस्या को कम कर देती है और इसलिए जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू हो जाने के बाद दलितों पर अत्याचार कम हो जाएगा।
(44.30) महिलाओं के विरूद्ध अपराध को कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. “जूरी के अनुमोदन से सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्ट” का प्रयोग करने से यह जानना संभव हो जाएगा कि किसी व्यक्ति ने असल में महिला पर अत्याचार किया है या नहीं जिसका आरोप उसपर लगाया गया है। इससे दोषी व्यक्ति के छूट जाने की संभावना घटेगी और सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्ट का सामना करने का डर अपराध/अत्याचार रोकने का काम करेगा।
2. मैं प्रस्ताव करता हूँ कि प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) का प्रयोग करके नागरिकों को एक प्रक्रिया लागू करनी/करवानी चाहिए जिससे महिलाएं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को हटा/बर्खास्त कर सकें। इससे अध्यक्ष गरीब और असहाय महिलाओं की समस्या सुलझाने के लिए विवश/मजबूर होंगे। ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट गरीब महिलाओं की गरीबी कम/दूर कर देगा और इस प्रकार सभी गरीब महिलाओं को लाभ होगा।
3. राष्ट्रीय डी.एन.ए. आंकड़ा कोष(डाटाबेस) तैयार करने से पुलिसकर्मी बलात्कारियों को तेजी से पकड़ने में कामयाब/समर्थ होंगे और यह साबित भी कर पाएंगे कि वास्तव में बलात्कार हुआ है।
(44.31) खाने-पीने की चीज की मिलावट कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. प्रजा अधीन – जिला स्वास्थ्य अधिकारी और प्रजा अधीन – जज से अनाज में मिलावट कम हो जाएगा।
2. अनाज में मिलावट करने वालों को सजा देने के लिए जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से मिलावट कम होगी।
(44.32) मुख्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. ‘प्रजा अधीन – ‘मुख्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों(पब्लिक कारखाने) के प्रमुख’ कानून लागू करने से इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा और इनकी कार्य-क्षमता/कुशलता भी बढ़ेगी।
2. इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों(पब्लिक कारखानों) के मजदूरों/कर्मचारियों पर जूरी प्रणाली(सिस्टम) लागू करने से भी भ्रष्टाचार कम होगा और इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों (पब्लिक धंधों) की कार्य-क्षमता में सुधार होगा।