सूची
- (44.7) स्विस और अन्य `छुपे हुए` / गुप्त / भूमिगत बैंकों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप` / `प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.8) स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने और दवा की लागत कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.9) दूरसंचार / टेलीफोन , टीवी लाईनों में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
- (44.10) नक्सलवाद की समस्या दूर करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव
(44.7) स्विस और अन्य `छुपे हुए` / गुप्त / भूमिगत बैंकों पर `राईट टू रिकाल ग्रुप` / `प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
- भारतीय सेना की ताकत बढ़ाकर अमेरिकी स्तर का किया जाएगा।
- जिस व्यक्ति के पास स्विस एकांउन्ट होने की शंका/संभावना होगी उसपर जूरी के अनुमोदन, बहुमत के पूर्व अनुमोदन के बाद सार्वजनिक रूप से नार्को टेस्ट किया जाएगा।
- स्विट्जरलैण्ड के साथ सभी व्यापारिक, पर्यटन और राजनैतिक संबंध समाप्त/रद्द कर दिया जाएगा जब तक कि वह बैंकिंग कानूनों में परिवर्तन नहीं करता।
- स्विटजरलैण्ड के साथ सभी व्यापारिक, पर्यटन और राजनैतिक संबंध समाप्त/रद्द करने के लिए दूसरे देशों से कहा जाएगा, जब तक कि वह बैंकिंग कानूनों में परिवर्तन नहीं करता।
(44.8) स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने और दवा की लागत कम करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
- प्रजा अधीन – केन्द्रीय स्वास्थ्य(तबियत) मंत्री, प्रजा अधीन – राज्य स्वास्थ्य मंत्री , प्रजा अधीन – जिला स्वास्थ्य अधिकारी।
- प्रजा अधीन – भारतीय चिकित्सा परिषद्(इलाज समिति) अध्यक्ष और प्रजा अधीन – राज्य चिकित्सा परिषद् अध्यक्ष।
- कई बार डॉक्टर जानबूझकर महंगी दवाई लिखते हैं जबकि सस्ती दवा बाजार में उपलब्ध होती है। इसका समाधान क्या है, यदि मरीज, जो दवा वह ले जा रहा है उसके बारे में जानना चाहता है तो दवा विक्रेता/फार्मासिस्ट मरीज द्वारा लिए गए दवा की सूची को उसके मोबाईल नम्बर और इ-मेल आई डी के साथ दर्ज कर लेगा ताकि प्रतियोगी कम्पनियां उसे सस्ते मूल्य वाली समान दवाओं की सूची भेज सके।
- अनेक दवा-विक्रेता कम कमीशन पर दवाएं बेचना चाहते हैं लेकिन उसके साथी दवा-विक्रेता ऐसे दवा-विक्रेताओं को रोकने के लिए भाड़े पर अपराधियों को रखते हैं। प्रजा अधीन – पुलिस कमिश्नर कानून से अपराधियों की ताकत कम होगी और तब कम कीमतों पर दवाएं बेचने के इच्छुक दवा विक्रेता कम मूल्यों पर दवा बेचने में सफल होंगे।
- ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके पेटेंट कानून की प्रक्रिया समाप्त की जाए और ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके एक कानून लागू किया जाए कि एम.बी.बी.एस. आठ वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते और डी.एम. दो और वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते, और एम.डी. और 3 वर्षों तक भारत नहीं छोड़ सकते।
- और ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके चिकित्सा में सभी स्व-वित्तपोषित(खुद का आर्थिक प्रबंद करने वाले) कॉलेजों को समाप्त किया जाए।
- जो डॉक्टर भारत में एम.बी.बी.एस. करते हैं उन्हें 8 वर्ष के लिए भारत में ही रहना/कार्य करना पड़ेगा, जो एम.डी. करते हैं उन्हें 2 और वर्षों तक के लिए भारत में ही रहना होगा, जो डाक्टर डी.एम. करते हैं उन्हें 3 और वर्षों तक के लिए भारत में ही रहना होगा।
(44.9) दूरसंचार / टेलीफोन , टीवी लाईनों में सुधार करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
- प्रजा अधीन – ट्राई चेयरमैन, प्रजा अधीन – दूरसंचार मंत्री, प्रजा अधीन – संचार मंत्री, प्रजा अधीन – दूरदर्शन अध्यक्ष कानून लागू करने से टेलिविजन, केबल और दूरसंचार के व्यावसायों में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा।
- मोबाईल फोन में पोर्टेबल नम्बर।
- नागरिकगण प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) की ही तरह की प्रक्रिया अपनाकर केबल बिछाने वाली कम्पनियों को बुला/हटा सकते हैं।
- प्रसारकों को विज्ञापनों को डिजिटल हेडर ( मेटा डेटा) के साथ चिन्हित करना होगा ताकि अभिभावक/माता पिता विज्ञापनों को हटाने के लिए अपने डी.टी.एच. बाक्सों में प्रोग्रामिंग कर सके।
- नागरिकगण किसी चैनल को काली सूची में डाल सकते हैं ताकि इसका आगे प्रसारण न हो सके।
- डी.टी.एच. सेवा देने वाले (प्रदायक) को अपने चैनल-स्पेस(जगह) की नीलामी करनी होगी और सभी चैनलों से कुछ ढुलाई(कैरियर) शुल्क वसूलना होगा।
- प्रसारक को प्रत्येक चैनल अलग अलग बेचना होगा।(क्योंकि ग्राहकों के लिए सुविधाजनक और किफायती/सस्ता है)
- प्रत्येक नागरिक को एक मोबाईल नम्बर और एक नि:शुल्क मोबाईल फोन मिलेगा।
- प्रत्येक नागरिक को एक लैण्डलाईन नम्बर और एक नि:शुल्क लैण्डलाईन फोन मिलेगा।
(44.10) नक्सलवाद की समस्या दूर करने के लिए `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रस्ताव |
1. ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) प्रारूप/ड्राफ्ट से गरीबी कम होगी और इस प्रकार नक्सलवाद की समस्या भी कम हो जाएगी।
2. प्रजा अधीन – जिला पुलिस कमिश्नर ड्राफ्ट/प्रारूप, प्रजा अधीन – गृहमंत्री और प्रजा अधीन – मुख्यमंत्री ड्राफ्ट/प्रारूपों से पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार कम होगा। इससे पुलिस द्वारा किए जाने वाले अत्याचार तथा प्राइवेट/निजी अपराधियों द्वारा भी किए जाने वाले अत्याचार कम हो जाएंगे। तब आदिवासी लोग गांवों और शहरों में अत्याचार का शिकार हुए बिना रह पाएंगे। और तब नक्सलवाद और कम हो जाएगा।
3. प्रजा अधीन – पुलिस प्रमुख प्रारूप/ड्राफ्ट और प्रजा अधीन – गृहमंत्री से पुलिस बल में सुधार होगा और इससे पुलिसकर्मी नक्सल नेताओं को गिरफ्तार करने में समर्थ/सक्षम हो पाएंगे।
4. प्रजा अधीन – जिला राशन(आपूर्ति) अधिकारी से राशन कार्ड प्रणाली(सिस्टम) (अर्थात सार्वजनिक/जन वितरण प्रणाली(सिस्टम)) में सुधार आएगा और इससे भूखमरी कम होगी। इससे भी नक्सल नेताओं को भर्ती करने के लिए जो लोग मिल जा रहे हैं, उनकी संख्या घटेगी।
5. अन्य अधिकारियों पर भी प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) कानून लगाने से संबंधित विभागों में भ्रष्टाचार कम होगा और इससे गरीबी और कम होगी।
6. जूरी प्रणाली(सिस्टम) से उन लोगों को उचित मुआवजा मिलेगा जिनकी जमीनें ले ली जाती हैं और इसमें नक्सलियों को भर्ती के लिए मिलने वाले लोगों की संख्या कम होगी।
7. अन्य प्रस्तावित कानूनों से बेरोजगारी कम होगी (कृपया “बेरोजगारी” पाठ अथवा उप-पाठ देखें) और इससे नक्सलियों को भर्ती के लिए मिलने वाले लोगों की संख्या कम होगी।