सूची
1. कृपया कुछ समय निकालकर जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रस्ताव पढ़ें जिसे मैंने प्रस्तावित किया है
2. कृपया जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली का अनुवाद अपनी मातृभाषा में करें जिस से यह सुनिश्चित हो सके कि आप जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली ज्यादा अच्छी तरह से समझते हैं
3 अगर आप जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली से नफरत करते है तो आप जा सकते हैं, हमारे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है – मेरे सभी प्रस्ताव जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली पर आधारित हैं।
4 जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट अगर आपको पसंद है, तो –
- अगर आप भाजपा के समर्थक हैं तो मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप भाजपा के मुख्यमंत्रियों से जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने को कहें।
- अगर आप कांग्रेस के समर्थक हैं तो मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप कांग्रेस के प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्रियों से जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने को कहें
- अगर आप सीपीएम के समर्थक हैं तो मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप सीपीएम के मुख्यमंत्रियों से जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने को कहें।
- अगर आप बीएसपी के समर्थक हैं तो मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप बीएसपी के मुख्यमंत्रियों से जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने को कहें।
- आप जिस भी पार्टी के समर्थक हैं, मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप उस पार्टी के नेताओं से जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट का समर्थन करने को कहें।
अगर ये सभी जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली पर हस्ताक्षर करने से मना कर दें तो मैं प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्रियों को जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाने का अनुरोध करूंगा और आपसे अनुरोध करूंगा कि आप प्रजा अधीन राज समूह के उम्मीदवार को वोट दें।
(3.5) `जनता की आवाज-पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)` और नौकरियों में आरक्षण |
मैं कुछ वर्षों से इस प्रस्ताव का प्रचार करता रहा हूँ जो लोगों को अधिकार देता है कि वे सरकारी वेबसाइट पर लिख सकें। मैं ऊँची जाति के अनेक युवाओं से एक वैध/जायज प्रश्न सुनता हूँ कि ‘क्या जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली से आरक्षण में वृद्धि नहीं होगी? क्या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जाति इस सरकारी अधिसूचना(आदेश) का इस्तेमाल करके ज्यादा आरक्षण कि मांग नहीं करेंगे? इसका उत्तर है – नहीं।
वास्तव में, इससे आरक्षण कम होगा, क्योंकि दलित जाति के गरीब, अनुसूचित जाति के गरीब और पिछड़ी जाति के गरीब लोग “आर्थिक विकल्प बनाम आरक्षण” कानून का समर्थन करेंगे जिसका प्रस्ताव मैने ‘राजा अधीन प्रजा समूह का आरक्षण के मुद्दे पर विचार/स्टैण्ड’ अध्याय में किया है। इस कानून के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जाति के किसी व्यक्ति के पास यह विकल्प होगा कि वह आरक्षण के बदले 600 रुपये प्रति वर्ष ले सकता है। इसलिए यदि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जाति के 80% व्यक्ति आर्थिक/पैसे की मदद लेते हैं तो कुल आरक्षण 50% से कम होकर 10% रह जाएगा।
इस अध्याय में प्रस्तावित कानून को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जाति के उन 80% से ज्यादा लोगों का समर्थन मिलेगा जो गरीब हैं और 12 कक्षा तक भी नहीं पंहुच सकते और इससे जाति आधारित कुल आरक्षण में कमी आएगी। इसलिए यदि कोई यह चिंता करता है कि जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली से आरक्षण बढ़ेगा, तो वह गलती पर है। इस प्रकार, जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली हमें “आर्थिक विकल्प बनाम आरक्षण” की ओर ले जाएगा जिससे आरक्षण में कमी आएगी।
(3.6) क्यों हम पहले कदम के रूप में `जनता की आवाज-पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)` जैसे छोटे परिवर्तन की मांग कर रहे हैं? |
मेरे अंतिम उद्देश्य आम जनता को खनिज रॉयल्टी दिलाना है, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया दिलाना है, इत्यादि। लेकिन मेरी पहली मांग बहुत छोटी है – हम सर्वसाधारण लोगों को हाँ-ना दर्ज कराने का अधिकार मिले और वह भी ऐसे कि हाँ-ना का कोई कानूनी वजन नहीं है, इसलिए हालांकि हमारे कार्यसूची में अन्य शासनिक बदलाव शामिल हैं तो भी मेरी पहली मांग बहुत छोटी (मामूली) है । मैं नागरिकों से इस मामूली से बदलाव के लिए क्यों कह रहा हूँ ?
क्योंकि यदि हम नागरिक किसी बड़े बदलाव की मांग करेंगे तो हमें मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और बुद्धिजीवियों को वर्षों का समय देना पड़ेगा। यदि सर्वसाधारण बड़े बदलाव की मांग करता है जैसे रोजगार या गरीबी का पूर्ण उन्मूलन अथवा इसी प्रकार के बदलाव, तो इससे नेता को स्वत: ही महीनों और वर्षों का समय लेने का बहाना मिल जाएगा। इन लम्बे वर्षों में मुख्यमंत्री, बुद्धिजीवी कुछ भी नहीं करेंगे और हमारा लम्बा समया बेकार हो जाएगा ।
साथ ही जब कोई नेता किसी छोटे बदलाव से मना करता है तो कार्यकर्ताओं के लिए उसके विरूद्ध आन्दोलन के लिए लोगौं को इकट्ठा करना आसान हो जाएगा। नेताओं से बड़े बदलाव के लिए न कहकर छोटे बदलाव के लिए कहें और जब नेता, बुद्धिजीवी उस छोटे बदलाव को लागू करने से मना करता है तो नि:स्वार्थ कार्यकर्ताओं के लिए आम लोगों और आम लोगों के समर्थकों को इस बात पर संतुष्ट करना संभव हो जाएगा कि नेता,उच्चवर्गीय लोग और बुद्धिजीवी भ्रष्ट हैं।
(3.7) क्या अमीर लोग हमारे नागरिकों को खरीदने में सफल नहीं हो जाएंगे? |
एक प्रश्न जिसका सामना मुझे अक्सर करना पड़ता है – क्या अमीर लोग हमारे नागरिकों को खरीदने में सफल नहीं हो जाएंगे?
इसे एक उदाहरण से समझिए , मान लीजिए मैं एक सरकारी अधिसूचना(आदेश), विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) अधिनियम 2005 को रद्द करने का प्रस्ताव करता हूँ।