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`जनता की आवाज-पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली (सिस्टम)` पर कुछ और बातें |
(3.1) `जनता की आवाज-पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली (सिस्टम)` में बाद में जोड़े गए अंश जो इसे सुरक्षित बनाते हैं |
आगे चलकर, इस प्रस्ताव में निम्नलिखित विशेषताएं/अच्छाइयां जोड़ी जाएंगी जिसके गुण फर्जी मतदान को कम करने और इस तर्क का जवाब देने के लिए काम आएंगे कि इसमें फर्जी मतदान होगा और इसलिए इस प्रक्रिया/तरीके को कभी अस्तित्व में नहीं आने देना चाहिए—
1. नागरिकों की अंगुलियों के निशान (फिंगर प्रिंट्स) कम्प्यूटर में होंगे ताकि कम्प्यूटर अंगुलियों के निशान का उपयोग मतदान करने वाले मतदाता की पहचान के लिए कर सके।
2. पटवारी का कम्प्यूटर एक कैमरे से जुड़ा होगा ताकि वह नागरिकों की तस्वीर और फिंगर-प्रिन्ट को स्कैन कर ले और इसे स्टोर करके हां-नहीं रसीद पर डाल दे। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति बहुत से हां-नहीं दर्ज करेगा तो उसकी पहचान करना और उसे गिरफ्तार करना संभव हो जाएगा।
3. नागरिक को एक पासबुक दिया जाएगा जिसमें उसके द्वारा दर्ज किए गए सभी हां-नहीं की सूची होगी । इसलिए यदि कोई अन्य व्यक्ति फर्जी रूप से स्वयं को वह नागरिक बताकर हां-नहीं दर्ज करता है तो उस नागरि-मतदाता को पता चल जाएगा।
4. प्रत्येक नागरिक को हर महीने एक विवरण-पत्र मिलेगा जिसमें उसके द्वारा पिछले छह महीने में दर्ज किए गए हां-नहीं की सूची होगी । इसलिए यदि किसी फर्जी व्यक्ति ने हां-नहीं दर्ज कराया है तो विवरण से असली मतदाता नागरिक को इसका पता चल जाएगा।
5. यदि कोई नागरिक चाहे तो वह अपना मोबाइल फोन नम्बर दर्ज करा सकता है और जब भी वह हां-नहीं दर्ज करेगा, उसे एक एसएमएस प्राप्त होगा । इस तरह, यदि कोई ढोंगी व्यक्ति उसका छद्म रूप बनाकर हां-नहीं दर्ज कराता है तो उस नागरिक को इस बारे में तुरंत पता चल जाएगा।
6. यदि नागरिक चाहे तो वह अपना ई-मेल पता दर्ज करा सकता है और जब भी वह हां-नहीं दर्ज करेगा , उसे ईमेल संदेश प्राप्त होगा। इस तरह यदि कोई ढोंगी व्यक्ति छद्म रूप से उसका वेश बनाकर हां-नहीं दर्ज कराता है तो उस नागरिक को इस बारे में तुरंत पता चल जाएगा।
जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली – सरकारी अधिसूचना(आदेश) के लिए प्रत्येक शपथपत्र अथवा प्रत्येक प्रस्तावित कानून पर हां-नहीं दर्ज कराने की जरूरत नहीं है और नागरिकों से ऐसी आशा भी नहीं की जाती है और न ही इसका मतलब है कि सांसद, विधायक कोई और कानून नहीं बना सकते – वे ऐसा कर सकते हैं जैसा कि वे अभी करते हैं। जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली – सरकारी अधिसूचना(आदेश) का अर्थ केवल यह है कि यदि कोई नागरिक किसी कानून के संबंध में सरकारी वेबसाइट पर हां-नहीं दर्ज कराना चाहता है तो सरकार उसका रास्ता नहीं रोकेगी और सरकार उसकी हां-नहीं सरकारी वेबसाइट पर दर्ज कर लेगी । अपने सभी लोग यहां के हजारों कानूनों में से सभी कानूनों पर हां-नहीं दर्ज नहीं करेंगे। लेकिन कुछ प्रतिशत लोग लगभग 100-200 कानूनों पर हां-नहीं दर्ज कर सकते हैं और कुछ प्रतिशत लोग डी.वी.ए ,498 ए आदि कानूनों के लिए काफी उंचे जा सकते हैं । यह कुछ प्रतिशत हां अथवा नहीं उस कानून के पक्ष में अथवा विपक्ष में एक शक्तिशाली आन्दोलन तैयार कर सकता है। जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली – सरकारी अधिसूचना(आदेश) केवल एक अतिरिक्त राय का सृजन करता है । नागरिकगण अधिकांश कानूनों के लिए विधायकों, सांसदों पर निर्भर हो सकता है और किन्हीं कानूनों को रद्द करने की मांग कर सकता है लेकिन कई बार ऐसा होता है जब सांसद विधायक सूनने से मना कर देते हैं उदाहरण के लिए नागरिकों की बहुमत चाहती है कि 498 ए और डी वी ए रद्द हो जाए लेकिन सांसद, विधायक इस कानून पर अड़े हैं क्योकि यह कानून पुलिसवालों को बहुत घूस/रिश्वत दिलवाता है और विधायकों, सांसदों को आई पी एस अधिकारियों के जरिए इन घूसों में हिस्सा मिलता है। (3.2) क्या नागरिक हजारों बार केवल हां-नहीं ही दर्ज करवाते रहेंगे?