यदि प्रधानमंत्री आदि हिंसा का सहारा लेते हैं, तो अगले स्तर की कार्यवाईयां प्रारंभ/शुरू कर दी जाएंगी ( कृपया अध्याय 46 “ उधम सिंह योजना “ नाम के पाठ को देखें/पढ़ें)।
सार- यदि दो लाख से तीन लाख कार्यकर्ता अपना महीने का कमसे कम 10 घंटा और अपना स्वयं का कुछ धन खर्च करते हैं ,पैम्फलेट , सी.डी. ,विज्ञापन आदि में ,कोई चंदा नहीं (चंदा देना/लेना इस कार्य के लिय के हम सख्त खिलाफ हैं) तो केवल एक साल में वे कार्यकर्ता सभी भारत के मतदाता-नागरिकों कों सूचित कर सकेंगे इन जनसाधारण-समर्थक क़ानून-ड्राफ्ट के बारे में | और ये सूचना मिलने पर वो इसके लिए मांग करेंगे विशेषकर पारदर्शी शिकायत प्रणाली के लिए और तब कुछ ही महीनों के बाद ये क़ानून भारत में आ जाएँगे|