सूची
- (12.11) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम `कर` लगाने / टैक्सेशन के तरीके में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.12) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम बांग्लादेशियों की घुसपैठ कम के लिए करते हैं
- (12.13) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए करते हैं
- देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में उद्योग प्रारंभ/शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें
- (12.14 ) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सीविल कानूनों में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.15) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन और भारत को फिर से गुलाम बनाने को कम करने के लिए सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
32
33
34
35
36
37
38
39
40
——–
41
42
43
44
45
46
47
अध्यक्ष, राज्य सभा
अध्यक्ष, विधान परिषद्
अध्यक्ष तहसील पंचायत
48
अध्यक्ष, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड
यह सूची 7 मई, 2010 की तिथि के अनुसार है। यह सूची केवल बढ़ती ही है, घटती नहीं।
(12.11) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम `कर` लगाने / टैक्सेशन के तरीके में सुधार लाने के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय पहचान-पत्र /आई डी प्रणाली लागू करें ताकि सम्पत्ति, जमीन का स्वामित्व, आय और लेनदेन का रिकॉर्ड रखा जा सके।
- एक `सम्पत्ति कर` प्रणाली लागू करें जिसमें 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य का 2 प्रतिशत सम्पत्ति कर लागू किया जाए
- उत्पाद शुल्क/आबकारी/एक्साइज, जीएसटी, वैट, बिक्रीकर, सेवाकर, ऑक्ट्राय आदि प्रतिगामी/रिग्रेसिव करों (रिग्रेसिव कर की अधिक जानकारी के लिए अध्याय 25.2 देखें ) को समाप्त करें
- आयकर अधिनियम की धारा 80 जी और धारा 35 ए.सी भी समाप्त करें
- धार्मिक ट्रस्ट को प्रति/हर वर्ष प्रति/हर सदस्य पर 200 रूपए की छूट मिलेगी; धार्मिक ट्रस्टों सहित सभी ट्रस्ट कारपोरेट पर लगाई जाने वाली दर से आयकर, `सम्पत्ति कर` देंगी।
- नागरिक किसी भी आयकर संग्रहण/वसूल करने के साथ-साथ छूट प्राप्ति के कलम /खण्डों की भी समीक्षा कर सकेंगे
- सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) को दिया जाने वाला सभी कर-लाभ समाप्त करें
(12.12) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम बांग्लादेशियों की घुसपैठ कम के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय व्यक्तिगत पहचानपत्र प्रणाली एक वर्ष में ही लागू करें और उसके बाद नागरिक पहचान पत्र प्रणाली(सिस्टम) लागू करें
- ऐसे कानून लागू करें कि नियोक्ता/मालिक को कर्मचारियों के व्यक्तिगत पहचान पत्र कि रिपोर्ट अवश्य करनी पड़े, और उन कर्मचारियों को दण्ड दें जो पहचानपत्र की रिपोर्ट नहीं करते/पहचानपत्र नहीं दिखलाते।
- जूरी आधारित ट्रायब्यूनल लागू करें ताकि गैर कानूनी रहनेवाले बंग्लादेशियों को भारत से अथवा कम से कम पूर्वोत्तर से निष्कासित किया जा सके।
- राष्ट्रीय व्यक्तिगत पहचानपत्र प्रणाली, डीएनए के डाटा और जूरी आधारित ट्रायब्यूनलों का उपयोग करते हुए “वंश वृक्ष” का उपयोग करके बंग्लादेशियों को निष्कासित करें
(12.13) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय स्तर के जनमत संग्रह जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के साथ मिला दें ताकि कश्मीर घाटी में संघर्ष पर नियंत्रण किया जा सके
- धारा 370 समाप्त करें
-
देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में उद्योग प्रारंभ/शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें
(12.14 ) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सीविल कानूनों में सुधार लाने के लिए करते हैं |
1. दुर्व्यवहार की शिकार महिलाओं को तत्काल तलाक/डाइवोर्स, भत्ता/एलिमनी और बच्चे पर हक(अधिकार) मिले
2. तलाकशुदा अथवा (पति से) अलग रह रही महिलाओं को सरकार द्वारा तत्काल किराए का घर मिले
3. 498 ए, डी.वी.ए समाप्त करें
4. सूदखोरों को कारावास/जेल भिजवाने के लिए प्रणाली लागू करें
5. ऋण का भुगतान न करने के विवाद को सुलझाने के लिए प्रणाली लागू करें
6. यदि किराएदार 300,000 रूपए से ज्यादा हर वर्ष कमा रहा हो तो किराया बढ़ाने कि अनुमति दें
(12.15) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन और भारत को फिर से गुलाम बनाने को कम करने के लिए सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र) |
1 “भारतीय नागरिकों के पूर्ण स्वामित्व वाली कम्पनी”(सी डबल्यू आई सी) के कम्पनी अधिनियम में एक संकल्पना लागू करना – यदि सी डबल्यू आई सी के रूप में चार्टर की गई कोई कम्पनी स्थापित की जाती है तब भारत के केवल वैसे गैर-अप्रवासी भारतीय नागरिकों जो किसी दूसरे देश के निवासी नहीं हैं, वे इस कम्पनी में शेयरधारक बन सकते हैं।
2 केवल सी डबल्यू आई सी ही केबल, दूरसंचार, रक्षा, खनन और ऐसे अन्य कार्य नीतिक/नीतिगत व्यवस्था कर सकते हैं।
3 केवल सी डबल्यू आई सी कम्पनियां और भारतीय नागरिक ही जमीन के मालिक हो सकते हैं अथवा जमीन को पांच वर्षों से अधिक की अवधि के लिए लीज /पट्टे पर जमीन और भवन दे सकते हैं ।
4 दोहरी नागरिकता समाप्त करें । जिन लोगों ने भारतीय नागरिकता को लात मार दी है अथवा वे लोग जिनके पूर्वज भारतीय थे, उन्हें भारतीय नागरिकता का फिर से दावा करने के लिए 10 वर्ष की समय – सीमा /छूट दी जानी चाहिए। ऐसा तब से लागू होगा जब उन्होंने प्राप्त किए गए अन्य नागरिकताओं को लात मार दी हो ।
इस 10 वर्ष की विंडो/समय सीमा छूट के बाद भारतीय नागरिकता फिर से प्राप्त करने का लिए हमेशा के लिए बन्द हो जाएगा।