सूची
- (12.1) पहली सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.2) अगली पांच महत्वपूर्ण सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.3) लोकतंत्र के प्रति सम्पूर्ण (ब्लैंकेट) प्रतिबद्धता
- (12.4) कुछ छोटी मांगें
- (12.5) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम गरीबी से होनेवाली मौतों को कम करने और बुजुर्ग / वृद्ध लोगों की सहायता के लिए करते हैं
- (12.6) सेना में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) और कदम जिनकी मांग हम आम नागरिक करते हैं
- (12.7) पुलिस में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम करते हैं
- (12.8) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम न्यायालयों / कोर्ट में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.9) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सामान्य प्रशासन में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.10) प्रजा अधीन राजा / राईट टू रिकॉल के क़ानून-ड्राफ्ट
- (12.11) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम `कर` लगाने / टैक्सेशन के तरीके में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.12) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम बांग्लादेशियों की घुसपैठ कम के लिए करते हैं
- (12.13) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए करते हैं
- देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में उद्योग प्रारंभ/शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें
- (12.14 ) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सीविल कानूनों में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.15) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन और भारत को फिर से गुलाम बनाने को कम करने के लिए सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.16) अन्य भौतिक मांगें
- (12.17) अन्य संकेतात्मक मांगें
- (12.18) समीक्षा प्रश्न
- (12.19) अभ्यास प्रश्न
सूची
- (12.1) पहली सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.2) अगली पांच महत्वपूर्ण सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.3) लोकतंत्र के प्रति सम्पूर्ण (ब्लैंकेट) प्रतिबद्धता
- (12.4) कुछ छोटी मांगें
- (12.5) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम गरीबी से होनेवाली मौतों को कम करने और बुजुर्ग / वृद्ध लोगों की सहायता के लिए करते हैं
- (12.6) सेना में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) और कदम जिनकी मांग हम आम नागरिक करते हैं
- (12.7) पुलिस में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम करते हैं
- (12.8) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम न्यायालयों / कोर्ट में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.9) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सामान्य प्रशासन में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.10) प्रजा अधीन राजा / राईट टू रिकॉल के क़ानून-ड्राफ्ट
- (12.11) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम `कर` लगाने / टैक्सेशन के तरीके में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.12) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम बांग्लादेशियों की घुसपैठ कम के लिए करते हैं
- (12.13) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए करते हैं
- देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में उद्योग प्रारंभ/शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें
- (12.14 ) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सीविल कानूनों में सुधार लाने के लिए करते हैं
- (12.15) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन और भारत को फिर से गुलाम बनाने को कम करने के लिए सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)
- (12.16) अन्य भौतिक मांगें
- (12.17) अन्य संकेतात्मक मांगें
- (12.18) समीक्षा प्रश्न
- (12.19) अभ्यास प्रश्न
प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) समूह द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण प्रारूपों / क़ानून-ड्राफ्ट की सूची / लिस्ट |
“जी एन” का अर्थ सरकारी आदेश/अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र) होता है अर्थात यह कैबिनेट मंत्रियों द्वारा जारी किया गया एक आदेश होता है। अधिकारियों और नागरिकों को ये सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) माननी पड़ती हैं जबतक कि कुछ जजों द्वारा उन्हें रद्द नहीं कर दिया जाता। नीचे 120 सरकारी अधिसूचनाओं(आदेश) में से कुछ दी गई हैं जिनका प्रस्ताव मैंने और प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल समूह ने किया है।
(12.1) पहली सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र) |
पहली सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)जिसका प्रस्ताव मैंने किया है, उसका नाम है जनता की आवाज (सूचना का अधिकार -2)पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली । यह इस प्रकार है –
- कलेक्टर नागरिकों के एफिडेविट को, यदि नागरिक चाहे तो, शुल्क लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों की वेबसाईट पर डाल देगा।
- पटवारी/तलाटी नागरिकों को 3 रूपए का शुल्क लेकर किसी भी एफिडेविट पर हां –नहीं दर्ज करने की अनुमति देगा।
- हां-नहीं की गिनती प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों पर बाध्यकारी नहीं होगी। अर्थात प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों आदि को उन्हें मानना अनिवार्य नहीं है।
जनता की आवाज (सूचना का अधिकार -2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली राष्ट्रीय, राज्य के साथ-साथ नगर/जिला, तहसील, और ग्राम/गांव स्तरों पर प्रस्तावित की गई है।
(12.2) अगली पांच महत्वपूर्ण सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र) |
अगली पांच महत्वपूर्ण सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)जिसकी मांग हम करते हैं –
1. नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी(आमदनी) (एम आर सी एम) : ऐसी प्रक्रियाएं/तरीके लागू करें जिससे खनिज के खदानों से मिलने वाली रॉयल्टियां और सरकारी प्लॉटों से प्राप्त किरायों का एक तिहाई हिस्सा भारतीय सेना को जाए और इसका दो तिहाई हिस्सा भारतीय नागरिकों में बांटा जाए। अधिक जानकारी :- मान लें, जनवरी, 2008 के महीने में भारत सरकार के खनिज अयस्कों से और भारत सरकार के प्लॉटों के जमीन के किराए से 30,000 करोड़ रूपए आए/वसूले गए। तो प्रस्तावित, नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम आर सी एम) प्रारूप के अनुसार 10,000 करोड़ रूपए सेना को जायेंगे और 100 करोड़ नागरिकों में से प्रत्येक नागरिक को 200 रूपए मिलेंगे। प्रत्येक नागरिक का पोस्ट ऑफिस खाते या भारतीय स्टेट बैंक में खाता अवश्य होगा जहां से वह महीने में एक बार नकद पैसा ले सकेगा। यदि प्रत्येक नागरिक महीने में एक बार पैसा निकालने जाये तो भारत सरकार को 120,000 से ज्यादा क्लर्क की आवश्यकता पड़ेगी। वर्तमान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 600,000 से अधिक क्लर्क हैं। इसलिए नागरिकों को खनिज अयस्कों की रॉयल्टियां और जमीन का किराया देने/बांटने में ज्यादा कठिनाई नहीं आएगी।
- प्रजा अधीन राजा – पुलिस प्रमुख : ऐसे कानून लागू करें जिसके द्वारा नागरिक जिला पुलिस प्रमुख को बदल / हटा सके।
विशेष-प्रजा अधीन राजा के प्रक्रियाओं द्वारा आम नागरिक ईमानदार व्यक्ति को भ्रष्ट व्यक्ति द्वारा हटाये जाने के पश्चात वापस भी स्थापित कर सकता है (राईट टू रीटेन/रोके रखने का अधिकार ) और चूँकि नागरिक भ्रष्ट व्यक्ति को हटा सकता है, इसीलिए ये राईट टू रिजेक्ट/हटाने का अधिकार भी है |
- प्रजा अधीन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री : ऐसे कानून लागू करें जिसके द्वारा नागरिक चुनाव से पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को बदल / हटा सके।
- प्रजा अधीन –सुप्रीम-कोर्ट के प्रधान जज: ऐसी संवैधानिक सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)लागू करें जिसके द्वारा यदि जरूरत पड़े तो सुप्रीम-कोर्ट के वर्तमान जजों के अनुमोदन/स्वीकृति से हम आम लोग सुप्रीम-कोर्ट के प्रधान जज को निष्कासित / बदल सकें।
- एक ऐसा कानून लागू करें जो गरीब अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों (बाद के एक पाठ में अधिक जानकारी दी गयी है) के सहयोग से आरक्षण घटाएं।
प्रजा अधीन – प्रधानमंत्री, प्रजा अधीन – मुख्यमंत्री, प्रजा अधीन – सुप्रीम-कोर्ट प्रधान जज आदि (मांग संख्या 2-5) की संवैधानिक मान्यता
कुछ प्रमुख बुद्धिजीवी लोग यह गलत प्रचार करते रहे हैं कि मांग संख्या 2-5 को लागू कराने का हमारा प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट असंवैधानिक है। वे सभी गलत हैं । जिन प्रारूपों/ड्राफ्टों का मैंने प्रस्ताव किया है वे शत-प्रतिशत संवैधानिक हैं।
(12.3) लोकतंत्र के प्रति सम्पूर्ण (ब्लैंकेट) प्रतिबद्धता |
मैं एक व्यापक आन्दोलन चलाने की कोशिश करूंगा जिसमें भारत के आम लोगों से कहूंगा कि वे जनता की आवाज (सूचना का अधिकार -2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री पर दबाव डालें। यदि ऐसा व्यापक आन्दोलन नहीं चल पाता है तो मेरे पास देने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन यदि जनता की आवाज के लिए व्यापक आन्दोलन हो जाता है और इस आन्दोलन को सफलता मिल जाती है कि वह जनता की आवाज (सूचना का अधिकार -2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली – सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री को बाध्य करें तब मैं ऐसे 100-200 एफिडेविट दर्ज करवा दूंगा जिसमें से प्रत्येक में एक सरकारी आदेश/अधिसूचना(आदेश) का क़ानून-ड्राफ्ट होगा । इसके बाद नागरिकों से कहूंगा कि वे इन एफिडेविटों पर तलाटी / पटवारी के कार्यालय में जाकर हां दर्ज कर दें।
मैं नागरिकों पर इस बात के लिए जोर नहीं डालता कि वे इन सरकारी अधिसूचनाओं(आदेश) को पास/पारित करवाने के लिए मुझे या मेरे आदमियों को सांसद बनाएं, ना ही मैं कभी इन कानूनों को पारित करवाने के लिए सांसदों, विधायकों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री से समर्थन का अनुरोध/लॉबी करुंगा। मैं किसी भी पार्टी के विधायकों,और सांसदों को इन कानूनों में से किसी भी कानून, जिसका प्रस्ताव हमलोगों ने किया है, को लागू करवाने से नहीं रोकूंगा लेकिन मैं इन कानूनों को लागू करवाने के लिए केवल नागरिकों से ही कहूंगा, सांसदों, विधायकों से नहीं।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसदों, और विधायकों से मेरा केवल एक ही अनुरोध है कि कृपया जनता की आवाज (सूचना का अधिकार – 2) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली प्रारूप/क़ानून-ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर दें ।
(12.4) कुछ छोटी मांगें |
1 नागरिकों को राशन कार्ड की दुकान बदलने की अनुमति दें : यदि ऐसा हो जाता है तो किरासन तेल की चोरी में कमी आएगी
2 नागरिकों को गैस सिलेंडर की ऐजेंसी बदलने की अनुमति दें
3 तीन/3 लीटर और पांच/5 लीटर के खाना पकाने की (कुकिंग) गैस के सिलेंडर बनाएं : ताकि गरीब लोग इसे खरीद सकें
4 सिलेंडर गैस का शुल्क/फीस 1100 रूपए से घटाकर केवल इसकी लागत के बराबर कर दें
5 उन प्रक्रियाओं /विधियों/ तरीकों को लागू करें जिनसे जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य अधिकारी/ नगरपालिका आयुक्त, जिला पुलिस प्रमुख, राज्य परिवहन अध्यक्ष, नगरपालिका परिवहन अध्यक्ष आदि को नागरिक हटा/बदल सकें
6 सभी नागरिकों को हथियार दें जिसकी मांग गांधीजी, सरदार और नेहरू ने वर्ष 1931 में की थी
7 थिएटरों के सभी टिकटों पर एक-समान (यूनिफॉर्म) कर/टैक्स लागू करें
(12.5) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम गरीबी से होनेवाली मौतों को कम करने और बुजुर्ग / वृद्ध लोगों की सहायता के लिए करते हैं |
1 ऐसी प्रक्रियाओं/विधियों को लागू करें ताकि हम नागरिकों को खनिज रॉयल्टी का दो तिहाई मिल सके
2 ऐसी प्रक्रियाऐं लागू करें ताकि हम नागरिकों को आई आई एम ए प्लॉट, जे एन यू प्लॉट, सभी हवाई अड्डों के प्लॉट जैसी सभी सरकारी प्लॉटों से भूमि किराया का दो तिहाई मिल सके
3 ऐसी प्रक्रियाऐं लागू करें जिनसे भारत के हम आम लोग भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख को बदल सकें
4 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा सभी गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य के 2 प्रतिशत के बराबर सम्पत्ति कर लागू करें
5 सीमा शुल्क/एक्साइज, वैट, बिक्रीकर, सेवाकर, ऑक्ट्राय, जी एस टी आदि प्रतिगामी /रिग्रेसिव करों(रिग्रेसिव कर की अधिक जानकारी के लिए अध्याय 25.2 देखें ) को समाप्त करें
6 जिनके कम बच्चे हैं उन्हें आर्थिक प्रोत्साहन दें
7 चौथा बच्चा होने पर जुर्माना /दण्ड लगाएं। और बहुत आगे चलकर तीसरा बच्चा होने पर जुर्माना लगाएं।
8 वृद्ध/बुढ़े लोगों के लिए ज्यादा किराया और रॉयल्टी, वृद्ध लोगों के लिए पेंशन की व्यवस्था
9 ऐसा कानून लागू करना कि सरकार जमीन केवल बोली लगाने के तरीके से दे न कि मंत्रियों के विवेकाधिकार )discretion) पर छोड़ दे
(12.6) सेना में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) और कदम जिनकी मांग हम आम नागरिक करते हैं |
1 ऐसी प्रक्रियाएं/तरीके लागू करें ताकि सेना को खनिज रॉयल्टी का एक तिहाई हिस्सा मिले
2 ऐसी प्रक्रियाएं/तरीके लागू करें ताकि सेना को आई.आई.एम.ए प्लॉट, जे.एन.यू प्लॉट, अहमदाबाद हवाई अड्डे, मुंबई हवाई अड्डे के प्लॉट जैसी सभी सरकारी प्लॉटों से भूमि किराया का एक तिहाई मिले
3 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य के 1 प्रतिशत के बराबर सम्पत्ति कर लागू करें और इस निधि/फंड का उपयोग केवल सेना पर करें।
4 सिपाहियों/सैनिकों की संख्या 10 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दें
5 सिपाहियों/सैनिकों के वेतन में 200 प्रतिशत की वृद्धि/बढ़ोत्तरी करें
6 हथियार का विनिर्माण/निर्माण बढ़ाएं; हथियार बनाने के लिए लाखों इंजिनियरों, मजदूरों की भर्ती करें
7 सभी किशोरों/किशोरियों के लिए अनिवार्य हथियार चलाने की शिक्षा देना प्रारंभ/शुरू करें
8 जैसा कि गांधीजी, सरदार पटेल, नेहरू आदि ने वर्ष 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन में मांग की थी, हथियार रखने के अधिकार को मूलभूतअधिकार /फंडामेंटलराइट बनाएं और भारत के सभी नागरिकों के लिए हथियार रखना अनिवार्य कर दें
9 3000 किलो-टन का वायुमंडलीय(एत्मोस्फेरिक) परमाणु परीक्षण और चालीस परमाणु परीक्षण करें ताकि भारत चीन के समकक्ष/बराबरी पर आ जाए।
10 चीन के साथ बराबरी करने के लिए भारत के परमाणु हथियार का भंडार बढ़ाएं
11 सीमाशुल्क बढ़ाकर 300 प्रतिशत कर दें, सीमा शुल्क का एक तिहाई हिस्सा नागरिकों को दें (अतिरिक्तनोट – मैंने पस्ताव किया है कि सीमाशुल्क का 33 प्रतिशत सीधे नागरिकों को जाना चाहिए। यह व्यवस्था/प्रावधान केवल सीमाशुल्क के लिए है। आयकर, सम्पत्तिकर अथवा अन्य आंतरिक करों/टैक्सों के मामले में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
(12.7) पुलिस में सुधार के लिए सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम करते हैं |
- 1. ऐसी प्रक्रिया/कानून लागू करें जिसके द्वारा हम आम लोग जिला पुलिस प्रमुख को बदल सकें
- राष्ट्रीय पहचान-पत्र /आई डी प्रणाली लागू करें ताकि आरोपी आदि पर नजर रखने में पुलिसवालों को आसानी हो
- सभी पुलिस स्टेशनों और सभी पुलिस रिकार्डों का कम्प्युटरीकरण करें ( इन्हें कम्प्युटर में दर्ज करें), हरेक पुलिसवाले को कम्प्युटर दें
- पुलिसवालों पर जूरी प्रणालियां लागू करें ताकि जूरी सुनवाई का प्रयोग करके अयोग्य पुलिसवालों को नागरिक निष्कासित कर सकें/हटा सकें
- 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य के 0.5 प्रतिशत का सम्पत्ति कर लागू करें और इस निधि/फंड का उपयोग केवल पुलिस, न्यायालयों पर करें।
- पुलिसवालों का वेतन 100 प्रतिशत बढ़ा दें, ऐसा भ्रष्टाचार घटने के बाद के कदम के रूप में करें
- पुलिसवालों की संख्या 15 लाख से बढ़ाकर 45 लाख कर दें
- पुलिसवालों की भर्ती लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा ( कोई साक्षात्कार/इंटरव्यू नहीं) के जरिए करें और इस नियम का कड़ाई से पालन करें
- पुलिसवालों का स्थानांन्तरण/ट्रान्सफर, रैंडम/क्रमरहित आवंटन विधि (कोई विवेकाधिकार नहीं) का प्रयोग करके किया जाना चाहिए।
(12.8) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम न्यायालयों / कोर्ट में सुधार लाने के लिए करते हैं |
- किसी भी नागरिक को मतदाता पहचान पत्र दिखलाकर और 3 रूपए का शुल्क देकर पटवारी के कार्यालय में किसी जनहित याचिका पर हां/नहीं दर्ज करने की अनुमति दी जाए। यह हां/नहीं न्यायाधीश/जज पर बाध्यकारी नहीं हो।
- न्यायालय के सभी आदेश सरकारी वबसाईट पर प्रदर्शित किए जाएं/डाले जाएं
- सभी पक्षों को मुकद्दमें/केस के बारे में डाक के सामान्य पते और नोटिसों के साथ-साथ सभी भाषाओं में ई-मेल, एस.एम.एस के माध्यम से जानकारी /सूचना दी जाए।
- ऐसी प्रक्रियाऐं लागू करें जिनसे भारत के हम आम लोग मुख्य जज/न्यायाधीश को बदल सकें । ऐसा उच्चतम न्यायालय, उच्च नयायालय, जिला न्यायालयों में हो और उच्चतम न्यायालय, उच्च नयायालय, जिला न्यायालयों में सभी वरिष्ठ/सीनियर जजों के मामले में भी हो
- जूरी आधारित प्रक्रियाएं/सुनवाई लागू करें जिनका प्रयोग करके नागरिक स्थानीय अदालतों में कनिष्ठ/जुनियर जजों को निष्कासित कर सकें/हटा सकें
- उच्चतम न्यायालय, उच्च नयायालय और निचली अदालतों में जज प्रणाली को हटाकर जूरी प्रणाली लागू करें ताकि आपसी भाई भतीजावाद/क्रास-नेपोटिज्म ( एक जज द्वारा दूसरे जज के रिश्तेदारों का पक्ष लेना) और जज, वकील और अपराधियों का आपराधिक गठबंधन खत्म हो सके।
- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठ जज का चुनाव किया जाए।अन्य सभी जजों की भर्ती केवल लिखित परीक्षा के द्वारा ही की जाए।और कोई साक्षात्कार/इंटरव्यू न लिया जाए।
- न्यायालय द्वारा बुलावा/सम्मन, वारंट, मुकद्दमें और मुकद्दमों का ठीक से इतिहास/लेखाजोखा के लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र प्रणाली लागू करें
- 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य के 0.5 प्रतिशत का सम्पत्ति कर लागू करें और इस निधि/फंड का उपयोग केवल पुलिस, न्यायालयों पर करें।
- न्यायालयों की संख्या 16000 से बढ़ाकर 1 लाख कर दें ताकि तीन करोड़ मुकद्दमों का निपटारा 6 साल के अंदर किया जा सके
- न्यायाधीशों/जजों के सभी स्थानांन्तरण/ट्रान्सफर रैंडम/क्रमरहित आवंटन विधि का प्रयोग करके किया जाए। उच्चतम न्यायालय के मुख्य जज अथवा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के विवेकाधिकार से नहीं।
- कक्षा 6 से कानून की शिक्षा प्रारंभ कर दी जाए( अथवा जब अभिभावक/माता-पिता कहें)
- सभी वयस्क लोगों को भी कानून की शिक्षा दी जाए
- जब कभी भी कोई सुनवाई हो तो 20 नागरिकों का क्रमरहित(रैंडम) चुनाव किया जाए। जिन्हें मुकदमें पर उपस्थित होना जरूरी होगा (नागरिक समाज में न्यायालय के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए)
(12.9) सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सामान्य प्रशासन में सुधार लाने के लिए करते हैं |
1. बहुमत द्वारा सुनवाई/फैसला : कोई भी व्यक्ति “बहुमत द्वारा सुनवाई/फैसला किए जाने से सहमत” होने के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपना पंजीकरण करा सकता है। और ये कानून उस चयन किए गए स्तर पर केवल इन्हीं लोगों पर लागू होगा। ऐसे लोगों पर, यदि जिले, राज्य और भारत के नागरिक मतदाताओं के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों ने एक वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा और X रूपए का जुर्माने की सजा की मांग कर दी तो प्रधानमंत्री उस व्यक्ति को वह सजा दे सकते हैं। यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने अपना “बहुमत द्वारा सुनवाई किए जाने से सहमत” होने के लिए पंजीकृत नहीं कराया है। (अधिक विवरण/जानकारी के लिए आध्याय 27 देखें )
- व्यक्ति के व्यक्तिगत जानकारी/सूचना का रिकार्ड रखने के लिए राष्ट्रीय पहचानपत्र प्रणाली लागू करें
- उन प्रक्रियाओं को लागू करें जिनका प्रयोग करके जिला शिक्षा अधिकारी (डी ई ओ), भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्तर के 10 पदों, राज्य/जिला स्तर के 20 पदों से पदधारी/आसीन अधिकारी को नागरिक निष्कासित कर सकें/हटा सकें।
- भर्ती लिखित परीक्षा के जरिए करें और इस नियम का कड़ाई से पालन करें
- सभी स्थानांन्तरण/ट्रान्सफर क्रमरहित/अनियमित चयन विधि का प्रयोग करके किया जाना चाहिए।
- जूरी आधारित प्रक्रियाएं/सुनवाई लागू करें जिनका प्रयोग करके नागरिक कनिष्ठ/जुनियर अधिकारियों को निष्कासित कर सकें/हटा सकें( कृपया विस्तृत जानकारी/ब्यौरे के लिए गूगल पर कॉरोनर्स इनक्वेस्ट देखें)
- एक ठीक-ठीक भूमि रिकार्ड/अभिलेख बनाएं और सभी बिक्री, पावर ऑफ एटॉर्नी के सभी रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण अनिवार्य बना दें।
- प्रत्येक सांसद, विधायक, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) अधिकारियों ,जजों, अनुदान-प्राप्त स्कूलों/कॉलेजों के वरिष्ठ कर्मचारियों और उनके नजदीकी रिश्तेदारों की सम्पत्ति और आय के विवरण को सरकारी वेबसाइट पर डाल दें। उन प्रत्येक ट्रस्ट/न्यास और कम्पनियों की संपत्ति और आय का खुलासा करें जिनमें सांसद, विधायक, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) अधिकारियों, जजों और उनके नजदीकी रिश्तेदार के सहयोगी अथवा भागीदार और ट्रस्टी/न्यासी हों ।
(12.10) प्रजा अधीन राजा / राईट टू रिकॉल के क़ानून-ड्राफ्ट |
हमने निम्नलिखित पदों के लिए प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) की मांग की है और प्रस्ताव किया है। प्रत्येक एक सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र)है और यह शत-प्रतिशत संवैधानिक है। हमे किसी सांवैधानिक संशोधन या सांवैधानिक विधान बनाने की आवश्यकता नहीं है।
वे पद जिनपर प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल समूह ने प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) का प्रस्ताव किया है , इसकी मांग रखी है। 28 अप्रैल, 2010 की स्थिति के अनुसार (* का अर्थ है – नए पद) |
|||
1 |
प्रधानमंत्री | मुख्यमंत्री |
महापौर
जिला सरपंच तहसील सरपंच ग्राम सरपंच |
2 |
उच्चतम न्यायालय के मुख्य जज | मुख्य उच्च न्यायालय जज | जिला न्यायालय प्रमुख जज |
3 |
उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ जज | उच्च न्यायालय के चार जज | चार वरिष्ठ जिला जज |
4 |
भारतीय जूरी प्रशासक (*) | राज्य जूरी प्रशासक (*) | जिला जूरी प्रशासक(*) |
5 |
राष्ट्रीय भूमि किराया अधिकारी (*) | राज्य भूमि किराया अधिकारी (*) | |
6 |
सांसद | विधायक |
पार्षद
जिला पंचायत सदस्य तहसील पंचायत सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य |
7 |
गवर्नर,भारतीय रिजर्व बैंक | राज्य मुख्य लेखाकार | जिला लेखाकार |
8 |
अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक | ||
9 |
सालिसिटर जेनरल ऑफ इंडिया
भारत का महान्यायवादी |
सालिसिटर जेनरल ऑफ स्टेट
राज्य महान्यायवादी |
जिला मुख्य दण्डाधिकारी
जिला सीविल अधिवक्ता |
10 |
अध्यक्ष, भारतीय चिकित्सा परिषद् | अध्यक्ष, राज्य चिकित्सा परिषद् | |
11 |
गृह मंत्री, भारत
निदेशक, सी बी आई |
गृह मंत्री, राज्य
निदेशक, सी आई डी |
जिला पुलिस आयुक्त |
12 |
वित्त मंत्री, भारत | वित्त मंत्री, राज्य | |
13 |
शिक्षामंत्री, भारत
राष्ट्रीय पाठ्यपुस्तक अधिकारी |
शिक्षामंत्री, राज्य
राज्य पाठ्यपुस्तक अधिकारी |
जिला शिक्षा अधिकारी |
14 |
भारत स्वास्थ्य मंत्री | राज्य स्वास्थ्य मंत्री | जिला स्वास्थ्य अधिकारी |
15 |
अध्यक्ष, यूजीसी | विश्वविद्यालय कुलपति | प्रधानाचार्य, वार्ड स्कूल |
16 |
कृषि मंत्री, भारत | कृषि राज्य मंत्री | |
17 |
भारतीय सीविल आपूर्ति मंत्री | राज्य सीविल आपूर्ति मंत्री | जिला आपूर्ति अधिकारी |
18 |
भारत के नियंत्रक एवं महालेखाकार | राज्य मुख्य लेखा-परीक्षक | जिला मुख्य लेखा-परीक्षक |
19 |
नगर आयुक्त
मुख्य अधिकारी |
||
20 |
राष्ट्रीय विद्युत/उर्जा मंत्री | राज्य विद्युत/उर्जा मंत्री | जिला विद्युत -आपूर्ति अधिकारी |
21 |
अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
अध्यक्ष, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड |
राज्य कर संग्रहण अधिकारी | जिला कराधान अधिकारी |
22 |
रेल मंत्री | राज्य परिवहन मंत्री | नगर परिवहन अधिकारी |
23 |
दूरसंचार नियामक | ||
24 |
केन्द्रीय विद्युत नियामक | राज्य विद्युत नियामक | |
25 |
केन्द्रीय संचार मंत्री | राज्य संचार मंत्री (*) | जिला संचार केबल अधिकारी (*) |
26 |
जिला जलापूर्ति अधिकारी | ||
27 |
केन्द्रीय चुनाव आयुक्त | राज्य चुनाव आयुक्त | |
28 |
राष्ट्रीय पेट्रोलियम मंत्री | राज्य पेट्रोलियम मंत्री | |
29 |
राष्ट्रीय कोयला मंत्री
राष्ट्रीय खनिज मंत्री |
राज्य कोयला मंत्री
राज्य खनिज मंत्री |
|
30 |
अध्यक्ष, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण | अध्यक्ष, राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण | |
31 |
अध्यक्ष, राष्ट्रीय इतिहास परिषद् | अध्यक्ष, राज्य इतिहास परिषद् | |
32 |
अध्यक्ष, लोक सेवा आयोग | अध्यक्ष, राज्य लोक सेवा आयोग | |
33 |
अध्यक्ष, केन्द्रीय राज्य भर्ती बोर्ड | अध्यक्ष, राज्य भर्ती बोर्ड | जिला भर्ती बोर्ड अध्यक्ष |
34 |
अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग (महिला मतदातागण इन्हें बदल/हटा सकती हैं) | अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग | अध्यक्ष, जिला महिला आयोग |
35 |
अध्यक्ष, राष्ट्रीय दलित उत्पीड़न निवारण आयोग (दलित मतदातागण इन्हें बदल/हटा सकते हैं) | अध्यक्ष, राज्य दलित उत्पीड़न निवारण आयोग | अध्यक्ष, जिला दलित उत्पीड़न निवारण आयोग |
36 |
राष्ट्रीय पूर्त आयुक्त | राज्य पूर्त आयुक्त | |
37 |
राष्ट्रीय बार/वकील (समुदाय )परिषद् अध्यक्ष | राज्य बार/वकील (समुदाय) परिषद् अध्यक्ष | जिला बार/वकील (समुदाय) परिषद् अध्यक्ष |
38 |
राष्ट्रीय लोकपाल | राज्य लोक आयुक्त | जिला लोक आयुक्त |
39 |
राष्ट्रीय सूचना आयुक्त | राज्य सूचना आयुक्त | जिला सूचना आयुक्त |
40 |
——– |
राज्य अपमिश्रण नियंत्रक अधिकारी | जिला अपमिश्रण नियंत्रक अधिकारी |
41 |
संपादक, राष्ट्रीय समाचारपत्र | संपादक, राज्य समाचारपत्र | संपादक, जिला समाचारपत्र |
42 |
संपादक, राष्ट्रीय महिला समाचारपत्र (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है) | संपादक, राज्य महिला समाचारपत्र (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है) | संपादक, जिला महिला समाचारपत्र (महिला मतदाताओं द्वारा हटाया जा सकता है) |
43 |
अध्यक्ष, दूरदर्शन | अध्यक्ष, राज्य दूरदर्शन | अध्यक्ष, जिला चैनल |
44 |
अध्यक्ष, आकाशवाणी | अध्यक्ष, राज्य रेडियो चैनल | अध्यक्ष, जिला रेडियो चैनल |
45 |
अध्यक्ष, राष्ट्रीय पहचान पत्र (आई डी) प्रणाली | अध्यक्ष, राज्य पहचान पत्र (आई डी) प्रणाली | |
46 |
अध्यक्ष, राष्ट्रीय भूमि अभिलेख प्रणाली | अध्यक्ष, राज्य भूमि अभिलेख प्रणाली | अध्यक्ष, जिला भूमि अभिलेख प्रणाली |
47 |
अध्यक्ष, लोक सभा
अध्यक्ष, राज्य सभा |
अध्यक्ष, विधान सभा
अध्यक्ष, विधान परिषद् |
अध्यक्ष, जिला पंचायत
अध्यक्ष तहसील पंचायत |
48 |
अध्यक्ष, तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग
अध्यक्ष, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड |
अध्यक्ष, राज्य पेट्रोल निगम |
यह सूची 7 मई, 2010 की तिथि के अनुसार है। यह सूची केवल बढ़ती ही है, घटती नहीं।
(12.11) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम `कर` लगाने / टैक्सेशन के तरीके में सुधार लाने के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय पहचान-पत्र /आई डी प्रणाली लागू करें ताकि सम्पत्ति, जमीन का स्वामित्व, आय और लेनदेन का रिकॉर्ड रखा जा सके।
- एक `सम्पत्ति कर` प्रणाली लागू करें जिसमें 25 वर्ग मीटर प्रति व्यक्ति से ज्यादा गैर-कृषि भूमि/जमीन पर बाजार मूल्य का 2 प्रतिशत सम्पत्ति कर लागू किया जाए
- उत्पाद शुल्क/आबकारी/एक्साइज, जीएसटी, वैट, बिक्रीकर, सेवाकर, ऑक्ट्राय आदि प्रतिगामी/रिग्रेसिव करों (रिग्रेसिव कर की अधिक जानकारी के लिए अध्याय 25.2 देखें ) को समाप्त करें
- आयकर अधिनियम की धारा 80 जी और धारा 35 ए.सी भी समाप्त करें
- धार्मिक ट्रस्ट को प्रति/हर वर्ष प्रति/हर सदस्य पर 200 रूपए की छूट मिलेगी; धार्मिक ट्रस्टों सहित सभी ट्रस्ट कारपोरेट पर लगाई जाने वाली दर से आयकर, `सम्पत्ति कर` देंगी।
- नागरिक किसी भी आयकर संग्रहण/वसूल करने के साथ-साथ छूट प्राप्ति के कलम /खण्डों की भी समीक्षा कर सकेंगे
- सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) को दिया जाने वाला सभी कर-लाभ समाप्त करें
(12.12) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम बांग्लादेशियों की घुसपैठ कम के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय व्यक्तिगत पहचानपत्र प्रणाली एक वर्ष में ही लागू करें और उसके बाद नागरिक पहचान पत्र प्रणाली(सिस्टम) लागू करें
- ऐसे कानून लागू करें कि नियोक्ता/मालिक को कर्मचारियों के व्यक्तिगत पहचान पत्र कि रिपोर्ट अवश्य करनी पड़े, और उन कर्मचारियों को दण्ड दें जो पहचानपत्र की रिपोर्ट नहीं करते/पहचानपत्र नहीं दिखलाते।
- जूरी आधारित ट्रायब्यूनल लागू करें ताकि गैर कानूनी रहनेवाले बंग्लादेशियों को भारत से अथवा कम से कम पूर्वोत्तर से निष्कासित किया जा सके।
- राष्ट्रीय व्यक्तिगत पहचानपत्र प्रणाली, डीएनए के डाटा और जूरी आधारित ट्रायब्यूनलों का उपयोग करते हुए “वंश वृक्ष” का उपयोग करके बंग्लादेशियों को निष्कासित करें
(12.13) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए करते हैं |
- राष्ट्रीय स्तर के जनमत संग्रह जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के साथ मिला दें ताकि कश्मीर घाटी में संघर्ष पर नियंत्रण किया जा सके
- धारा 370 समाप्त करें
-
देश के दूसरे हिस्सों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में उद्योग प्रारंभ/शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें
(12.14 ) वे सरकारी अधिसूचनाएं(आदेश) जिनकी मांग हम सीविल कानूनों में सुधार लाने के लिए करते हैं |
1. दुर्व्यवहार की शिकार महिलाओं को तत्काल तलाक/डाइवोर्स, भत्ता/एलिमनी और बच्चे पर हक(अधिकार) मिले
2. तलाकशुदा अथवा (पति से) अलग रह रही महिलाओं को सरकार द्वारा तत्काल किराए का घर मिले
3. 498 ए, डी.वी.ए समाप्त करें
4. सूदखोरों को कारावास/जेल भिजवाने के लिए प्रणाली लागू करें
5. ऋण का भुगतान न करने के विवाद को सुलझाने के लिए प्रणाली लागू करें
6. यदि किराएदार 300,000 रूपए से ज्यादा हर वर्ष कमा रहा हो तो किराया बढ़ाने कि अनुमति दें
(12.15) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आगमन और भारत को फिर से गुलाम बनाने को कम करने के लिए सरकारी अधिसूचना(आदेश) (भारतीय राजपत्र) |
1 “भारतीय नागरिकों के पूर्ण स्वामित्व वाली कम्पनी”(सी डबल्यू आई सी) के कम्पनी अधिनियम में एक संकल्पना लागू करना – यदि सी डबल्यू आई सी के रूप में चार्टर की गई कोई कम्पनी स्थापित की जाती है तब भारत के केवल वैसे गैर-अप्रवासी भारतीय नागरिकों जो किसी दूसरे देश के निवासी नहीं हैं, वे इस कम्पनी में शेयरधारक बन सकते हैं।
2 केवल सी डबल्यू आई सी ही केबल, दूरसंचार, रक्षा, खनन और ऐसे अन्य कार्य नीतिक/नीतिगत व्यवस्था कर सकते हैं।
3 केवल सी डबल्यू आई सी कम्पनियां और भारतीय नागरिक ही जमीन के मालिक हो सकते हैं अथवा जमीन को पांच वर्षों से अधिक की अवधि के लिए लीज /पट्टे पर जमीन और भवन दे सकते हैं ।
4 दोहरी नागरिकता समाप्त करें । जिन लोगों ने भारतीय नागरिकता को लात मार दी है अथवा वे लोग जिनके पूर्वज भारतीय थे, उन्हें भारतीय नागरिकता का फिर से दावा करने के लिए 10 वर्ष की समय – सीमा /छूट दी जानी चाहिए। ऐसा तब से लागू होगा जब उन्होंने प्राप्त किए गए अन्य नागरिकताओं को लात मार दी हो ।
इस 10 वर्ष की विंडो/समय सीमा छूट के बाद भारतीय नागरिकता फिर से प्राप्त करने का लिए हमेशा के लिए बन्द हो जाएगा।
5 प्रत्येक सरकारी कर्मचारी और उसके सभी संबंधियों की नागरिकता, रेसिडेंसी/निवास की स्थिति की सूचना इंटरनेट पर डाल दें ताकि नागरिकगण यह राय कायम कर सकें कि उस व्यक्ति को कितनी शक्ति/अधिकार दी जाए।
6 उन सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) अधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) अधिकारियों, सांसदों, जजों आदि को निष्कासित कर दें/हटा दें जिन्होंने विदेशों में ग्रीन-कार्ड के लिए आवेदन किया है ।
(12.16) अन्य भौतिक मांगें |
1 सरकार किसी मंदिर, धर्मस्थान को नहीं चलाएगी। यदि मंदिर वर्तमान में सरकार के अधीन है तो सरकार उन्हें एक वर्ष के भीतर सामुदायिक ट्रस्ट/न्यास को सौंप देगी।
2 सभी धर्मों के खिलाफ सभी तरह के अपमान रोकने के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 205ए लागू करें। इसमें एम एफ हुसैन के खिलाफ सुनवाई शामिल होगा और उनके खिलाफ भी, जिन्होंने मोहम्मद साहब की तस्वीर बनाई।
3 सरकारी कॉलेजों में ज्योतिष-विज्ञान के पाठ्यक्रम को रद्द करें। निजी कॉलेज इसे जारी रख सकते हैं।
4 दवाओं में केवल प्रक्रिया/निर्माणविधि के पेटेन्ट को ही अनुमति दें।
(12.17) अन्य संकेतात्मक मांगें |
हमारी 100-120 मांगों में से अधिकांश मांगें भौतिक हैं और इसके अलावा हमारी निम्नलिखित संकेतात्मक मांगें हैं-
1 हम “जन गण मन“ पर प्रतिबंध लगाने का वायदा करते हैं जिसे ब्रिटेन के राजा के स्वागत करने के लिए गाया गया था और इसमें इंगलैण्ड के राजा को “भारत भाग्य विधाता”अर्थात भगवान बताया गया है। यह गीत गुलामी की निशानी है और इसलिए हमें इसपर सभी सरकारी कार्यालयों में और समारोह में प्रतिबंध लगाएंगे । निजी पार्टियां इस गीत को गाने के लिए स्वतंत्र हैं।
2 रविन्द्रनाथ टैगोर की पश्चिम बंगाल के बाहर लगी सभी तस्वीरें आदि हटा दी जाएगी।
3 हम “वंदे मातरम”को राष्ट्रीय गीत बनाने का वायदा करते हैं ।
4 सरकारी दस्तावेजों और रूपए पर श्री सुभाष चन्द्र बोस जी ,श्री उधम सिंह जी और श्री भगत सिंह जी की तस्वीरें लगाई जाएँ ।
5 हम दो राष्ट्रीय अवकाश दिवस, श्री भगत सिंह जी और श्री सुभाष जी के जन्म दिवसों को बनाने का वायदा करते हैं।
6 जलसेना विद्रोह दिवस 18 फरवरी आजादी दिवस के रूप में मनाया जाएगा ना कि 15 अगस्त ।
7 हम निम्नलिखित शहरों का नाम फिर से रखने का समर्थन करते हैं जैसे औरंगाबाद से बदलकर शांभाजी नगर आदि। सामान्यत:किसी अधर्मनिरपेक्ष और असहनशील राजा जैसे औरंगजेब आदि के नाम पर रखे गए किसी भी शहर का नाम दोबारा रखा जाएगा। इस मांग का हिन्दूत्व और इस्लाम विरोध से कोई लेना देना नहीं। यदि किसी शहर का नाम किसी सहनशील राजा जैसे अकबर अथवा दारा सिकोह के नाम पर रखा गया हो तो हम इसके खिलाफ नहीं हैं लेकिन असहनशील राजाओं के नाम पर किसी शहर का नाम नहीं होना चाहिए ।
8 हम नए शहरों का नाम भगत जी, आजाद विस्मिल्ला आदि क्रान्तिकारियों के नाम पर रखना चाहते हैं।
(12.18) समीक्षा प्रश्न |
- आयकर अधिनियम की धारा 80 जी क्या है? प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल समूह इस धारा 80 जी का समर्थन करता है या विरोध?
- आई आई एम ए प्लॉटों से जमीन के किराया का कितना प्रतिशत, हम प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल समूह चाहते हैं कि, सेना को मिले?
- प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल समूह द्वारा किए गए निर्धारण के अनुसार पुलिस और सेना की संख्या बल क्या होनी चाहिए?
- `नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी `(एम आर सी एम) समूह जजों/न्यायाधीशों की भर्ती में साक्षात्कार लिए जाने का समर्थन करती है या विरोध?
- `नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी` (एम आर सी एम) समूह सेज/एसईजेड के लिए दिए जाने वाले कर-लाभ का समर्थन क्यों नहीं करता है?
- `नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी` (एम आर सी एम) समूह 498ए, डीवीए का समर्थन करती है या विरोध?
- क्या भारत में जन्में अमेरिकी नागरिक किसी “सी डबल्यू आई सी कम्पनी” में शेयर खरीद सकते हैं जैसा कि प्रजा अधीन राजा/राइट टू रिकॉल (भ्रष्ट को हटाने का अधिकार) समूह प्रस्ताव करता है?
(12.19) अभ्यास प्रश्न |
- कृपया इस पाठ का अनुवाद अपनी मातृभाषा में अनुवाद करें।