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अध्याय 47 – `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` की सदस्‍यता, सदस्‍य / उम्‍मीदवार का चयन आदि (से संबंधित) नियम

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`राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` की सदस्‍यता, सदस्‍य / उम्‍मीदवार का चयन आदि (से संबंधित) नियम

 

(47.1) विभाजन (अलग दल बनाना)

मैं `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के सदस्‍य के रूप में आधिकारिक तौर पर सदस्‍यों को ‘प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार)’ कानून के लिए प्रचार-प्रसार करने हेतु एक और दल/समूह बनाने के लिए उत्‍साहित करता हूँ। वास्‍तव में, मैं सांसद/विधायक स्‍तर के किसी उम्‍मीदवार का स्‍वागत करूंगा यदि वह अपना अलग दल बनाए और सांसद/विधायक चुनाव-क्षेत्र में `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के मामलों/विषयों की व्यवस्था/संचालन करे। इससे उसे इस बात की पूरी सुरक्षा मिलेगी कि उसे ही (चुनाव में) टिकट मिलेगा और वह अपने चुनाव क्षेत्र में ध्‍यान केन्‍द्रित करके इस बात की पूरी गारंटी/वायदे के साथ काम कर सकता है कि टिकट उसे ही मिलेगा।

 

(47.2) वित्‍त पोषण / धन जुटाना

`राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` किसी सदस्‍य या बाहरी लोगों से कोई चंदा/दान नहीं लेगा। कृपया साफ-साफ जान लें कि `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` किसी से भी चंदा/दान का एक भी पैसा नहीं लेगा, सदस्‍यों से भी नहीं। सदस्‍यगण या समर्थकगण समाचारपत्रों में प्रचार/विज्ञापन दे सकते हैं या होर्डिंग लगा सकते हैं अथवा जेरोक्‍स/फोटोकॉपी ,पर्ची/पम्‍फलेट्स (छपवाकर) लगवा सकते हैं लेकिन किसी भी समर्थक को `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के किसी भी पदधारी/अधिकारी को नकद पैसा नहीं देना चाहिए। दल/समूह के पदधारियों/अधिकारियों और समर्थकों को कोई वेतन नहीं मिलेगा और न ही उनके द्वारा किए गए किसी भी खर्चे की भरपाई/प्रतिपूर्ति ही की जाएगी।

 

(47.3) सदस्‍य बनना

कोई सदस्‍यता-शुल्‍क/फीस अथवा (`राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` में) शामिल होने के लिए कोई शुल्‍क नहीं है। दल/समूह में दान/चन्‍दा लाने की कोई जरूरत नहीं होगी। वास्‍तव में, `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` नकद चन्‍दा/दान के खिलाफ है। समाचार पत्रों में प्रचार/विज्ञापन देने के लिए पैसा लगाने का खुली विनती/अनुरोध किया जाएगा, लेकिन इसकी भी अपेक्षा/उम्‍मीद नहीं की जाती है। व्‍यक्‍ति को भारत का नागरिक होना चाहिए, 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए, और एक पंजीकृत मतदाता होना चाहिए। वह दूसरे दल/पार्टी का सदस्‍य हो भी सकता है अथवा नहीं भी हो सकता है।

 

(47.4) सदस्‍यों से खुली / साफ-साफ अपेक्षा (उम्मीद)

1.   सदस्‍यों से आशा/उम्‍मीद की जाती है कि वह http://righttorecall.info/003.h.pdf में उल्‍लिखित कदम उठाएगा।

2.    उसे http://www.petitiononline.com/rti2en/ पर दी गई याचिका पर हस्‍ताक्षर करना चाहिए।

3.    उसे निम्‍नलिखित 14 नेताओं में से किसी को भी पत्र लिखना चाहिए : प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री, विधायक, सांसद, सांसद के लिए हुए पिछले चुनाव में दूसरे नम्‍बर पर रहने वाले उम्‍मीदवार, तीसरे नम्‍बर पर रहने वाले उम्‍मीदवार, विधायक के लिए हुए पिछले चुनाव में दूसरे नम्‍बर पर रहने वाले उम्‍मीदवार, तीसरे नम्‍बर पर रहने वाले उम्‍मीदवार, उन दलों/पार्टियों के नेताओं को, जिनकी पार्टी ने (पिछले चुनाव में) भारत में और अपने-अपने राज्‍यों में पहला, दूसरा और तीसरा स्‍थान प्राप्‍त किया है। इन नेताओं को लिखे जाने वाले पत्र में कहा जायेगा कि पब्लिक/स्‍पष्‍ट/सार्वजनिक रूप से `प्रजा-अधीन समूह` की पहली मांग- `जनता की आवाज़-पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली (सिस्टम)` सरकारी आदेश का समर्थन करे ।पत्र में यह भी उल्‍लेख होना चाहिए कि यदि वह नेता `प्रजा अधीन-राजा समूह`की पहली मांग- `जनता की आवाज़-पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली (सिस्टम)`सरकारी आदेश का समर्थन नहीं करता तो पत्र लिखने वाला, प्रत्‍येक नागरिक को सार्वजनिक रूप से बता देगा कि वह नेता आम आदमी के खिलाफ है।

4     यदि सदस्‍य को कम्‍प्यूटर का ज्ञान है तो उसे ऑर्कूट.कॉम, फेसबुक.कॉम और लिंक्‍ड-इन. कॉम पर अपना एकाउन्‍ट/खाता खोलना चाहिए और उसे http://www.orkut.co.in/Community.aspx?cmm=21780619 पर समूह/पार्टी के ऑर्कूट समुदाय(समूह), फेसबुक समुदाय और लिंक्‍डइन समुदाय – “नागरिकों के लिए खनिज रॉयल्‍टी” में शामिल हो जाना चाहिए।

5.    यदि सदस्‍य को कम्‍प्यूटर का ज्ञान नहीं है तो उसे किसी ऐसे `प्रजा अधीन-राजा समूह/राईट-टू-रिकाल ग्रुप (एम.आर.सी.एम.-रिकॉल)` के सदस्‍य का पता लगाना चाहिए जिसे कम्‍प्‍यूटर का ज्ञान है और जिसपर वह भरोसा कर सकता है। वह अपना खाता कम्‍प्‍यूटर का ज्ञान रखने वाले `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` सदस्‍य के द्वारा/जरिए चला सकता है। लेकिन ऑर्कूट खाता रखना अनिवार्य होगा। और कम्‍प्‍यूटर का ज्ञान रखने वाला एक `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` सदस्‍य अधिक से अधिक 100 वैसे सदस्‍यों के लिए कम्‍प्‍यूटर खाता संचालित करने/चलाने का काम कर सकता है इससे ज्‍यादा का नहीं।

6.    सदस्‍य को हफ्ते/सप्‍ताह में एक बार अपने संदेशों/मैसेजेज को खोलना चाहिए और लिखना चाहिए कि पिछले एक सप्‍ताह में उसने पार्टी/समूह के एजेंडे को फैलाने/इसमें अन्‍य लोगों को शामिल करने के लिए क्‍या कार्यकलाप चलाया/किया है।

7.    सदस्‍य को दल/समूह के अध्‍यक्ष द्वारा पूछे गए हरेक/प्रत्‍येक इंटरनेट सर्वेक्षण/चुनाव में मतदान अवश्‍य करना चाहिए।

8.    सदस्‍य को ऐसेम्‍बली स्‍तर की बैठक में वर्ष में चार बार भाग लेना होगा, लोक सभा स्‍तर की बैठक एक वर्ष में 4 बार होती है, राज्‍य स्‍तर की बैठक वर्ष में एक बार होती है, और राष्‍ट्रीय स्‍तर की बैठक प्रत्‍येक 2 साल/वर्ष में एक बार होती है।

9.    राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष 24 सदस्‍यों की जूरी बुला सकता है और यदि 18 से अधिक जूरी सदस्‍यों ने किसी सदस्‍य को हटाने/बर्खास्‍त करने का सुझाव दे दिया तो उसने पार्टी/समूह पर अब तक जितना भी पैसा खर्च किया है, उतना पैसा उसे देकर पार्टी/समूह से निकाल दिया जाएगा।

10.   यदि कोई सदस्‍य ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ , प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार), `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए पैसे खर्च करने का निर्णय करता है तो उसका बढ़ावा दिया जाएगा लेकिन उसे `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के कार्यकलाप के लिए अलग से बचत खाता खोलने और समय-समय पर उस बचत खाते की जानकारी देने और/अथवा उसने ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’, ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.), प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार)  कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए उसके द्वारा खर्च किए गए पैसे की पूरी जानकारी देने की जरूरत नहीं है।

शेष/बाकी के कार्यकलाप http://righttorecall.info/003.h.pdf पर विस्‍तार से बताए गए हैं।

 

(47.5) लोकसभा के लिए पहले उम्‍मीदवार का निर्णय करना

1.    किसी जिले का पहला व्‍यक्‍ति ,जिसने जिले के किसी प्रमुख समाचारपत्र में 1,00,000 रूपए का विज्ञापन `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के पक्ष में दिया है, वह उस संसदीय चुनावक्षेत्र से `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` का उम्‍मीदवार होगा।

2.    यदि ज्‍यादा लोग उम्‍मीदवार हो/बन जाते हैं तो इस राशि को बढ़ा दिया जाएगा।

3.    यह राशि दर्जे/श्रेणी-3 के शहर के लिए दोगुनी, दर्जे/श्रेणी-2 के शहर/नगर के लिए चार गुनी और दर्जे/श्रेणी-1 के लिए छह गुनी बढ़ा दी जाएगी। उदाहरण – यदि कोई व्‍यक्‍ति मुंबई से `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` का उम्‍मीदवार होना/बनना चाहता है तो प्रचार/विज्ञापन की राशि 600,000 रूपए होगी।

4.    ऊपर दी गई राशि वर्ष 2009 के आधार पर है। यह धनराशि समाचारपत्र के प्रचार/विज्ञापनों में होने वाली वृद्धि/बढ़ोत्‍तरी के तुलना/अनुपात में बढ़ा दी जाएगी।

 

(47.6) सांसद पद का उम्‍मीदवार बदलना

यदि कोई व्‍यक्‍ति `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के प्रचार/विज्ञापन देकर सांसद का उम्‍मीदवार बन जाता है ,तो वह तब तक के लिए सांसद उम्‍मीदवार रहेगा जब तक कि उसे पार्टी/समूह के आंतरिक मतदान द्वारा हटा नहीं दिया जाता। ऐसा तभी होगा जब प्रतिद्वंद्वी/`मुकाबले में` उम्‍मीदवार को मतदाताओं की कुल संख्‍या के कम से कम 5 प्रतिशत के बराबर मत मिल जाएं और पिछले चुनाव में उसे जितने वोट मिले थे, उससे अधिक वोट मिल जाएं।

साथ ही, जीतने वाले उम्‍मीदवार को उसके द्वारा समाचारपत्र के प्रचार/विज्ञापनों में सांसद उम्‍मीदवार के लिए खर्च की गई धनराशि का तीन गुना/तिगुना पैसे का भुगतान करना होगा।(ये एक सुरक्षा/बचाव है) उदाहरण – मान लीजिए, श्री `क` ने ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ और प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार)  के लिए समाचार पत्र विज्ञापनों पर 5,00,000 रूपए खर्च करके सांसद पद के लिए उम्‍मीदवार बने हैं। मान लीजिए, उस संसदीय चुनाव क्षेत्र में 15,00,000 मतदाता हैं। अब यदि श्री `ख` श्री `क` को हटाकर खुद उम्‍मीदवार बनना चाहते हैं, तब श्री `ख` को कम से कम 75,000 मतदाताओं को 10 रूपए, उनके अपने मोबाईल नम्‍बर और बिलिंग पता  दर्शाने वाला बिल प्रमाण भेजने के लिए कहना/राजी करना पड़ेगा और मोबाईल नम्‍बरों को `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के पास दर्ज/पंजीकृत कराना होगा। `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के अध्‍यक्ष (मैं खुद) एस.एम.एस. द्वारा मतदान/सर्वेक्षण करवाएंगे। वे लोग जो श्री `क` अर्थात वर्तमान उम्‍मीदवार का समर्थन कर रहे हैं, वे दर्ज/पंजीकरण नि:शुल्‍क/बिना कोई पैसा दिए करा सकते हैं। और यदि एक बार श्री `ख` विजेता साबित हो जाते हैं तो उन्‍हें श्री `क` को 15,00,000 रूपए का भुगतान करना होगा।

 

(47.7) विधायक, नगर निगम के लिए पहले उम्‍मीदवार का निर्णय

विधानसभा की सीट के लिए प्रचार/विज्ञापन की धनराशि संसदीय सीट के लिए प्रचार/विज्ञापन धनराशि का एक तिहाई होगी और नगर निगम के लिए यह धनराशि विधानसभा के लिए धनराशि का एक तिहाई होगी।

 

(47.8) चुनाव में सदस्‍यों की भूमिका

चुनाव में सदस्‍यों को खुली छूट होगी कि वे उस उम्‍मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करें जिसे वे समझते हैं कि वह उम्‍मीदवार ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’, प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार), ‘नागरिक और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम. आर. सी. एम.) आदि कानून लाने के लिए सबसे अच्‍छा उम्‍मीदवार है। सदस्‍यों को पार्टी/समूह द्वारा अधिकारिक तौर पर खड़े किए गए उम्‍मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने की जरूरत/बंधन नहीं होगा ।

 

(47.9) पार्टी / समूह के अध्‍यक्ष को बदलना

1.    इसके लिए चुनाव आर्कूट समूह/समुदाय अथवा किसी अन्‍य कम्‍प्‍यूटर समुदाय के जरिए ही होगा।

2.    कोई भी सदस्‍य पार्टी/समूह के अध्‍यक्ष के पद के लिए खड़ा हो सकता है।

3.    सदस्‍यों के पास मतों की अलग अलग गिनती/संख्‍या होगी। किसी सदस्‍य के वोटों की संख्‍या की गिनती होगी – (समाचार प्रचार/विज्ञापन पर उसके द्वारा खर्च किए गए रूपए)/1000

4.    सदस्‍य अपना-अपना वोट डालेंगे।

5.    सबसे अधिक मत पाने वाला व्‍यक्‍ति पार्टी/समूह का अध्‍यक्ष बनेगा।

6.    जिन लोगों/सदस्‍यों को कम्‍प्यूटर का ज्ञान नहीं है वे लोग अपने ऐसे मित्र, रिश्‍तेदार आदि के जरिए अपना वोट डाल सकेंगे जिन्‍हें कम्‍प्यूटर का ज्ञान हो।

7.    चुनकर आनेवाला अध्‍यक्ष ,वर्तमान अध्‍यक्ष द्वारा समाचार पत्र प्रचार/विज्ञापनों पर किए गए खर्च का तीन गुना खर्च करेगा। हटने वाले अध्‍यक्ष को कोई मुआवजा/पैसा नहीं मिलेगा।

8.    किसी अध्‍यक्ष को आने वाले आम लोक सभा चुनाव के खत्‍म होने से केवल, कम से कम एक वर्ष पहले ही बदला जा सकता है।

 

(47.10) अन्‍य पदाधिकारियों की नियुक्‍ति

अध्‍यक्ष के अलावा, प्रतीक्षारत/इन्तेज़ार-में उम्‍मीदवार होंगे और कोई अन्‍य पदाधिकारी नहीं होगा।

 

(47.11) चुनाव आयोग को दिया गया पार्टी-संविधान

चूंकि चुनाव आयोग ने पार्टी/दल के गठन से संबंधित कोई विस्‍तृत नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए चुनाव आयोग को दी जाने वाली संविधान की प्रति `छोटे में`/संक्षिप्‍त होगी, पूरा/विस्‍तृत नहीं। संविधान में मेरे द्वारा प्रस्‍तावित ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ और प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) के प्रारूप/ड्राफ्ट का उल्‍लेख होगा।

 

(47.12) `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` जैसे अन्‍य समूहों की पहचान करना

यदि भारत का कोई नागरिक किसी पार्टी/दल का बनाता(गठन करता) है जिसके संविधान में ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ और प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) के ड्राफ्ट हों, तो मैं `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` के सदस्‍य के रूप में उस दल/पार्टी को सहयोगी पार्टी/दल के रूप में समझूंगा। और यदि उस दल/पार्टी का अध्‍यक्ष ‘जनता की आवाज़ पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ और प्रजा अधीन राजा/राईट टू रिकाल (भ्रष्ट को बदलने का अधिकार) प्रारूपों/ड्राफ्टों के प्रचार/विज्ञापन समाचार पत्रों में देता है तो जिस संसदीय या विधान सभा चुनाव क्षेत्र में वह अपने उम्‍मीदवार खड़े करेगा ,वहां मैं कोई उम्‍मीदवार खड़े नहीं करूंगा। असल/वास्‍तव में, मैं इसे पसंद करूंगा यदि सांसद, विधायक उम्‍मीदवार अपने अपने दल/पार्टी का गठन करें/बनाये – हर चुनाव क्षेत्र के लिए एक दल/पार्टी। इस प्रकार से कुल लगभग 543 उम्‍मीदवार `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` संसदीय चुनाव क्षेत्र स्‍तर के होंगे और लगभग 5000 `राईट टू रिकाल ग्रुप`/`प्रजा अधीन राजा समूह` विधायक/विधानसभा स्‍तर के होंगे। जितने अधिक समूह हों उतना ही अच्‍छा है।

श्रेणी: प्रजा अधीन