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प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री,महापौर/मेयर,सरपंच, हाई कोर्ट के जज को पत्र |
हम नागरिकों से कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, महापौर/मेयर, (अथवा जिला सरपंच) और उच्च न्यायालय के वकील को निम्नलिखित पत्र भेजें। और सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं से ऐसे पत्र भेजने के लिए कहें।
(4.1) प्रधानमंत्री को पत्र |
आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय,
कृपया निम्नलिखित सरकारी अधिसूचना(आदेश) पर अगले 21 दिनों के भीतर हस्ताक्षर करें—
# | अधिकारी | प्रक्रिया |
1 |
कलेक्टर
(अथवा उसका क्लर्क) |
राष्ट्रपति कलक्टर को आदेश दें : यदि कोई भी नागरिक मतदाता कलेक्टर को कोई सूचना का अधिकार आवेदन पत्र प्रस्तुत करता है अथवा किसी भ्रष्टाचार की शिकायत करता है या कोई शपथपत्र/एफिडेविट/स्टैम्प पेपर देता है और प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर डालने का अनुरोध करता है तो वह कलक्टर अथवा उसका क्लर्क एक सीरियल नंबर जारी करे और शपथपत्र को प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पेज का शुल्क लेकर डाल दे। |
2 | पटवारी (अथवा तलाटी अथवा ग्राम- अधिकारी) अथवा उसका क्लर्क | राष्ट्रपति पटवारी को आदेश दें: यदि कोई भी नागरिक मतदाता अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ आये और सूचना का अधिकार आवेदन पत्र पर अपनी हाँ/ना दर्ज कराए अथवा कलम 1 में शिकायत अथवा कोई एफिडेविट दर्ज कराए तब तलाटी उसे प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर उसकी हाँ या ना उसके वोटर आई कार्ड के साथ दर्ज करे और 3 रूपए के शुल्क के बदले एक छपा हुआ रसीद दे। यह तलाटी नागरिकों को यह अनुमति भी दे कि वे अपनी हाँ या ना 3 रूपए के शुल्क देकर बदल सकते हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले/बी पी एल कार्ड धारकों के लिए शुल्क एक रूपए होगा। |
3 | सभी नागरिकों, अधिकारियों, मंत्रियों के लिए | हाँ या ना की यह गिनती प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारियों, न्यायाधीशों/जजों आदि के लिए कोई बाध्यनहीं होगी। यदि 37 करोड़ से अधिक या 37 करोड़ भारतीय मतदाताओं में से कोई भी नागरिक मतदाता किसी दिए गए शपथपत्र पर हाँ दर्ज करे, तब प्रधानमंत्री उस सूचना का अधिकार आवेदन पत्र एफिडेविट पर आवश्यक कार्रवाई कर सकता है अथवा उसे ऐसी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है ; अथवा प्रधान मंत्री इस्तीफा दे भी सकता है या उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री का निर्णय अंतिम होगा। |
आपका विश्वासभाजन,
नाम:………………………….
पता:…………………………………………………….
वोटर आई कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र:…………………….(कृपया वोटर आई कार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करें)
(4.2) मुख्यमंत्री को पत्र |
आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय,
मैं भारत का एक आम नागरिक हूँ और ……………… राज्य में रहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मैं और मेरे साथी भारतीय मतदाताओं/वोटरों को सरकारी रजिस्टर (बुक) में सांसदों, विधायकों के लिए कानून पर हां /नहीं दर्ज करने की अनुमति दी जाए। और उस सरकारी रजिस्टर को भारत सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया जाए। ऐसा करने के लिए, मै आपसे निम्नलिखित सरकारी अधिसूचना(आदेश) पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध करता हूँ :-
# | अधिकारी | प्रक्रिया |
1 |
कलेक्टर
(अथवा उसका क्लर्क) |
राष्ट्रपति कलक्टर को आदेश दें : यदि कोई महिला मतदाता या दलित मतदाता या वरिष्ठ नागरिक मतदाता या गरीब मतदाता या किसान मतदाता या कोई भी नागरिक मतदाता कलेक्टर को कोई सूचना का अधिकार आवेदन पत्र प्रस्तुत करता है अथवा किसी भ्रष्टाचार की शिकायत करता है या कोई शपथपत्र/एफिडेविट/ देता है और प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर डालने का अनुरोध करता है तो वह कलक्टर अथवा उसका क्लर्क एक सीरियल नंबर जारी करे और शपथपत्र को मुख्यमंत्री की वेबसाइट पर 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पेज का शुल्क लेकर डाल दे। |
2 | तलाटी, पटवारी, ग्राम अधिकारी(अथवा उसका क्लर्क) | राष्ट्रपति पटवारी को आदेश दें: यदि कोई महिला मतदाता या दलित मतदाता या गरीब मतदाता या किसान मतदाता या कोई भी नागरिक मतदाता अपने वोटर आई डी(पहचान पत्र) के साथ आये और सूचना का अधिकार आवेदन पत्र पर अपनी हाँ / ना दर्ज कराए अथवा कलम 1 में शिकायत अथवा कोई शपथपत्र दर्ज कराए तब तलाटी उसे मुख्यमंत्री की वेबसाइट पर उसकी हाँ या ना उसके वोटर आई कार्ड के साथ दर्ज करे और 3 रूपए के शुल्क के बदले एक छपा हुआ रसीद दे। यह तलाटी नागरिकों को यह अनुमति भी दे कि वे अपनी हाँ या ना 3 रूपए के शुल्क देकर बदल सकते हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले /बी पी एल कार्ड धारकों के लिए शुल्क एक रूपए होगा। |
3 | सभी नागरिकों, अधिकारियों, मंत्रियों के लिए | यह किसी जनमतसंग्रह की प्रक्रिया नहीं है। हाँ या ना की यह गिनती प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारियों, न्यायाधीशों/जजों आदि के लिए कोई बाध्यनहीं होगी। यदि XXX करोड़ से अधिक या ३७ करोड़ भारतीय मतदाताओं में से कोई भी XXX नागरिक मतदाता किसी दिए गए शपथपत्र पर हाँ दर्ज करे, तब मुख्यमंत्री उस सूचना का अधिकार आवेदन पत्र एफिडेविट पर आवश्यक कार्रवाई कर सकता है अथवा उसे ऐसी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है ; अथवा प्रधान मंत्री इस्तीफा दे भी सकता है या उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री का निर्णय अंतिम होगा। |
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि कृपया यथाशीघ्र हम आम नागरिकों को जानकारी दें कि क्या आप इस सरकारी अधिसूचना(आदेश) पर ह्स्ताक्षर करने का इरादा रखते हैं।
आपका विश्वासभाजन,
नाम:………………………….
पता:……………………………………………………………….
वोटर आई कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र:………………………(कृपया वोटर आईकार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करें)
(4.3) महापौर/मेयर को पत्र |
आदरणीय महापौर/मेयर महोदय, …………….. नगर/शहर,
मैं भारत का एक आम नागरिक हूँ और ……………… राज्य में रहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मुझे और मेरे साथी भारतीय मतदाताओं/वोटरों को सरकारी रजिस्टर (बुक) में सांसदों, विधायकों के लिए कानून पर हां /नहीं दर्ज करने की अनुमति दी जाए। और उस सरकारी रजिस्टर को भारत सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया जाए। ऐसा करने के लिए, मै आपसे निम्नलिखित संकल्प पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध करता हूँ :-
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि कृपया यथाशीघ्र हम आम नागरिकों को जानकारी दें कि क्या आप इस संकल्प पर ह्स्ताक्षर करने का इरादा रखते हैं।
आपका विश्वासभाजन,
नाम:………………………….
पता:……………………………………………………………….
वोटर आई कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र:………………………(कृपया वोटर आईकार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करें)
(4.4) जिला पंचायत अध्यक्ष को पत्र |
आदरणीय अध्यक्ष महोदय, …………….. जिला पंचायत,
मैं भारत का एक आम नागरिक हूँ और ……………… राज्य में रहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मुझे और मेरे साथी भारतीय मतदाताओं/वोटरों को सरकारी रजिस्टर (बुक) में सांसदों, विधायकों के लिए कानून पर हां /नहीं दर्ज करने की अनुमति दी जाए। और उस सरकारी रजिस्टर को भारत सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया जाए। ऐसा करने के लिए, मै आपसे निम्नलिखित संकल्प पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध करता हूँ :-
# | अधिकारी | प्रक्रिया |
1 |
कलेक्टर
(अथवा उसका क्लर्क) |
पंचायत पटवारी को आदेश देने के लिए कलक्टर से कहे: यदि कोई मतदाता या कोई भी नागरिक मतदाता कलेक्टर को कोई सूचना का अधिकार आवेदन पत्र प्रस्तुत करता है अथवा किसी भ्रष्टाचार की शिकायत करता है या कोई शपथपत्र/एफिडेविट/स्टैम्प पेपर देता है और कलक्टर की वेबसाइट पर डालने का अनुरोध करता है तो वह कलक्टर अथवा उसका क्लर्क एक सीरियल नंबर जारी करे और शपथपत्र को कलक्टर की वेबसाइट पर 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पेज का शुल्क लेकर डाल दे। |
2 | पटवारी (तलाटी या ग्राम अधिकारी) अथवा उसका क्लर्क | पंचायत पटवारी को आदेश देने के लिए कलक्टर से कहेंगी कि: यदि कोई भी नागरिक मतदाता अपने वोटर आई डी (पहचान पत्र) के साथ आये और सूचना का अधिकार आवेदन पत्र पर अपनी हाँ / ना दर्ज कराए अथवा कलम 1 में शिकायत अथवा कोई एफिडेविट दर्ज कराए तब पटवारी अथवा उसका क्लर्क उसे कलक्टर की वेबसाइट पर उसकी हाँ या ना उसके वोटर आई कार्ड के साथ दर्ज करे और 3 रूपए के शुल्क के बदले एक छपा हुआ रसीद दे। यह क्लर्क नागरिकों को यह अनुमति भी दे कि वे अपनी हाँ या ना 3 रूपए के शुल्क देकर बदल सकते हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले /बी पी एल कार्ड धारकों के लिए शुल्क एक रूपए होगा। |
3 | सभी नागरिकों, अधिकारियों, मंत्रियों के लिए | यह किसी जनमतसंग्रह की प्रक्रिया नहीं है। हाँ या ना की यह गिनती प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारियों, न्यायाधीशों/जजों आदि के लिए कोई बाध्य नहीं होगी। यदि XXX करोड़ से अधिक या ३७ करोड़ भारतीय मतदाताओं में से कोई भी XXX नागरिक मतदाता किसी दिए गए शपथपत्र पर हाँ दर्ज करे, तब पंचायत उस सूचना का अधिकार आवेदन पत्र शपथपत्र/एफिडेविट पर आवश्यक कार्रवाई कर सकती है अथवा उसे ऐसी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है ; अथवा अध्यक्ष इस्तीफा दे भी सकता है या उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा। |
मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि कृपया यथाशीघ्र हम आम नागरिकों को जानकारी दें कि क्या आप इस संकल्प पर ह्स्ताक्षर करने का इरादा रखते हैं।
आपका विश्वासभाजन,
नाम:………………………….
पता:……………………………………………………………….
वोटर आई कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र:………………………(कृपया वोटर आईकार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करें)
(4.5) हाई कोर्ट के जजों को पत्र |
आदरणीय हाई कोर्ट के जज महोदय, ……………..,
मैं भारत का एक आम नागरिक हूँ और ……………… राज्य में रहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मुझे और मेरे साथी भारतीय मतदाताओं/वोटरों को सरकारी रजिस्टर (बुक) में सांसदों, विधायकों के लिए कानून पर हां /नहीं दर्ज करने की अनुमति दी जाए। और उस सरकारी रजिस्टर को भारत सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया जाए। ऐसा करने के लिए, मै आपसे अधिकारियों को निम्नलिखित आदेश देने या इसी प्रकार के निर्देश देने का अनुरोध करता हूँ :-
# | अधिकारी | प्रक्रिया |
1 | जिला न्यायालय का रजिस्ट्रार | उच्च न्यायालय जिला न्यायालय का रजिस्ट्रार को आदेश दे: कोई भी नागरिक मतदाता उच्च न्यायालय में 20 रूपए प्रति पृष्ठ/पेज का शुल्क देकर कोई जनहित याचिका/पी आई एल प्रस्तुत करता है तो जिला न्यायालय का रजिस्ट्रार शपथपत्र को उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर डाल देगा। |
2 | तलाटी या पटवारी या ग्राम अधिकारी | उच्च न्यायालय प्रत्येक तलाटी (पटवारी) को आदेश दे: यदि कोई भी नागरिक मतदाता अपने वोटर आई डी (पहचान पत्र) के साथ आये और उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर डाले गए किसी जनहित याचिका पर अपनी हाँ / ना दर्ज कराए तब तलाटी अथवा उसका क्लर्क उसे हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उसकी हाँ या ना उसके वोटर आई कार्ड के साथ दर्ज करे और 3 रूपए के शुल्क के बदले एक छपा हुआ रसीद दे। यह क्लर्क नागरिकों को यह अनुमति भी दे कि वे अपनी हाँ या ना 3 रूपए के शुल्क देकर बदल सकते हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले /बी पी एल कार्ड धारकों के लिए शुल्क एक रूपए होगा। |
3 | सभी नागरिकों के लिए | यह किसी जनमतसंग्रह की प्रक्रिया नहीं है। हाँ या ना की यह गिनती प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारियों, न्यायाधीशों/जजों आदि के लिए कोई बाध्य नहीं होगी। |
मैं आपसे इस जनहित याचिका (पी आई एल) को मानने/स्वीकार करने का अनुरोध करता हूँ।
आपका विश्वासभाजन,
नाम:………………………….
पता:……………………………………………………………….
वोटर आई कार्ड/मतदाता पहचान-पत्र:………………………(कृपया वोटर आईकार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करें)
(4.6) क्या करें जब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रीगण, महापौर/मेयर आदि इस सरकारी आदेश को मानने से इनकार कर दें |
तब इस कानून का समर्थन करने वाले हम सभी नागरिकों से हम अनुरोध करेंगे कि वे वैसे किसी भी उम्मीदवार को वोट दें जो जनता की आवाज (पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)) पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली का समर्थन करता है। और हम नागरिकों से यह भी अनुरोध करते हैं कि वे उस नेता को तंग करने के लिए सभी तरह के विरोध प्रदर्शन करें। और यदि किसी नागरिक को यह विश्वास हो जाता है कि नेता जनता की मांग पर कोई जवाब नहीं देगा तो वे उन सभी तरीकों का इस्तेमाल करने को स्वतंत्र है जो वह करना चाहता है।
(4.7) बुद्धिजीवियों से इन पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहना |
मैं सभी नागरिकों से कहता हूँ कि वे बुद्धिजीवियों से भी अपनी मांग का समर्थन करने के लिए कहें। और यदि वे इसका विरोध करते हैं तो मैं नागरिकों से अनुरोध करूंगा कि वे उन बुद्धिजीवियों का नाम सार्वजनिक करें जिन्होंने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
अभ्यास
इन पत्रों को लिखने का उद्देश्य/प्रयोजन क्या है?