सूची
- (28.1) साक्षात्कार समाप्त करना
- (28.2) जूरी के अनुमोदन / स्वीकृति से सच्चाई सीरम जांच
- (28.3) राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम)
- (28.4) बेकार / फालतू के खर्चों को कम करने के लिए ‘प्रजा अधीन राजा समूह’/‘राईट टू रिकॉल ग्रुप’ के प्रस्ताव
- (28.5) सरकारी कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का खुलासा प्रकाशित करना
- (28.6) भाई-भतीजावाद कम करने और संपत्ति का खुलासा करने (के मामले) पर सभी दलों और बुद्धिजीवियों की राय / उनका रूख
सूची
- (28.1) साक्षात्कार समाप्त करना
- (28.2) जूरी के अनुमोदन / स्वीकृति से सच्चाई सीरम जांच
- (28.3) राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम)
- (28.4) बेकार / फालतू के खर्चों को कम करने के लिए ‘प्रजा अधीन राजा समूह’/‘राईट टू रिकॉल ग्रुप’ के प्रस्ताव
- (28.5) सरकारी कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का खुलासा प्रकाशित करना
- (28.6) भाई-भतीजावाद कम करने और संपत्ति का खुलासा करने (के मामले) पर सभी दलों और बुद्धिजीवियों की राय / उनका रूख
मध्यम / निचले स्तर के पदों में भ्रष्टाचार कम करने के लिए ‘प्रजा अधीन राजा समूह’/‘राईट टू रिकॉल ग्रुप’ के प्रस्ताव |
(28.1) साक्षात्कार समाप्त करना |
न्यायपालिका, कार्यपालिका और पुलिस में नियुक्ति/भर्ती में आम भ्रष्टाचार के साथ-साथ बेतहाशा भाई-भतीजावाद का बोलबाला है। ज्यादातर भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार साक्षात्कार (लेने वालों) की विवेकाधीन अधिकारों के कारण है। मेरे ‘नागरिकों और सेना के लिए खनिज रॉयल्टी (एम.आर.सी.एम.)’ समूह के प्रस्तावों में से एक प्रस्ताव साक्षात्कारों को समाप्त करके और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश-स्तर के सभी पदों को व्यापक आधार वाली लिखित भर्ती परीक्षाओं तक सीमित करके भाई-भतीजावाद कम करना है। यदि कोई व्यक्ति अनुपयुक्त है तो जूरी उसे हटा सकती है लेकिन भर्ती में कोई साक्षात्कार/इंटरव्यू नहीं होंगे। इसके अलावा, हम चिकित्सा कॉलेजों सहित सभी कॉलेजों की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार को रद्द/समाप्त कर देंगे। मैं ‘जनता की आवाज़ – पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके उन सभी अधिसूचनाओं(आदेश) को लागू करने का प्रस्ताव करता हूँ जो प्रशासन और न्यायालयों में प्रवेश स्तर के सभी पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त करेगी और लिखित परीक्षाओं और/अथवा शारीरिक जांच (जहां लागू हो) को बढ़ावा/प्रोत्साहन देगी।
(28.2) जूरी के अनुमोदन / स्वीकृति से सच्चाई सीरम जांच |
मैं ‘जनता की आवाज़ – पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम)’ का प्रयोग करके निम्नलिखित कानूनों को लागू करने का प्रस्ताव करता हूँ जिसे वरिष्ठ अधिकारियों पर सच्चाई सीरम जांच करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है –
1. यदि कोई व्यक्ति बलात्कार अथवा हत्या का आरोपी है और यदि 25 सदस्यों वाले जूरी-मण्डल में से 13 से अधिक सदस्यों ने आरोपी या शिकायतकर्ता पर सच्चाई सीरम जांच की मांग कर दी और यदि नागरिकों के बहुमत ने उस सच्चाई सीरम जांच की मांग पर रोक नहीं लगाई तो जांच कर रहे अधिकारीगण उस व्यक्ति पर सच्चाई सीरम जांच करेंगे।
2. यदि कोई आरोपी बलात्कार या हत्या का नहीं बल्कि किसी और अपराध का आरोपी है और आरोपी कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है तो सच्चाई सीरम जांच के लिए 25 सदस्यों वाली जूरी-मण्डल में से 18 से अधिक सदस्यों का अनुमोदन/स्वीकृति पर्याप्त होगा।
3. यदि कोई आरोपी बलात्कार या हत्या का नहीं बल्कि किसी और अपराध का आरोपी है और आरोपी सरकारी कर्मचारी है तो सच्चाई सीरम जांच के लिए 25 सदस्यों वाली जूरी-मण्डल में से 13 से अधिक सदस्यों का अनुमोदन/स्वीकृति पर्याप्त होगा।
4. यदि 25 सदस्यों वाली जूरी-मण्डल में से 18 से अधिक सदस्यों ने अनुमोदन/स्वीकृति कर दिया तो सच्चाई सीरम जांच का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
5. यदि आरोपी सच्चाई सीरम जांच की मांग करता है तो सच्चाई सीरम जांच तुरंत की जाएगी।
(28.3) राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली (सिस्टम) |
राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) आम नागरिकों की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के अच्छे और बुरे कार्यों के ब्यौरों को दर्ज करने/उनका रिकार्ड रखने के लिए उपयोगी है। राष्ट्रिय पहचान-पत्र प्रणाली(सिस्टम) कि अधिक जानकारी- अध्याय 31 में देखें |
(28.4) बेकार / फालतू के खर्चों को कम करने के लिए ‘प्रजा अधीन राजा समूह’/‘राईट टू रिकॉल ग्रुप’ के प्रस्ताव |
हम बेकार/फालतू के खर्चों पर नियंत्रण/रोक लगाने के लिए निम्नलिखित समाधान का प्रस्ताव करते हैं –
1. किसी भी सरकारी खाते और कैशबुक से किए गए सभी अंतरण/ट्रान्सफर खर्चों के ब्यौरे/पूरी जानकारी जैसे परियोजना कोड, कार्य में खर्च हुई राशि, कार्य किए जाने की तिथि, किया गया भुगतान आदि सहित सरकारी वेबसाईट पर प्रकाशित किए जाएंगे।
2. इस खर्च-रिकार्ड में खर्चों की सलाह देने/संस्तुति करने और उसे मंजूरी/स्वीकृति देने वाले अधिकारियों के नामों का विशेष तौर पर उल्लेख होगा।
3. रिकार्ड में प्राप्तकर्ता का भी पूरा ब्यौरा/जानकारी दर्शाया जाएगा।
4. यदि किसी नागरिक के पास यह दिखलाने का साक्ष्य/प्रमाण है कि खर्चे फालतू/बेकार हैं तो वह महा-जूरीमंडल के पास (शिकायत लेकर) जा सकता है और महा-जूरीमंडल सुनवाई का अनुमोदन/स्वीकृति दे सकता है।
5. यदि जूरर्स/जूरीमंडल इस बात से संतुष्ट हों कि किए गए खर्चे फालतू थे तो वे उस संबंधित अधिकारी को हटा सकते हैं और उसपर जुर्माना भी लगा सकते हैं।
अधिकारियों को जूरीमंडल द्वारा हटाने का खतरा फालतू के खर्चों को कम करने के लिए पर्याप्त होगा।
(28.5) सरकारी कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का खुलासा प्रकाशित करना |
सभी सरकारी कर्मचारियों (जजों सहित) और उनके पति/पत्नी व बच्चों को अपने पास की सम्पत्ति और अपने ट्रस्टों/न्यासों और स्वामित्व वाली कम्पनियों का खुलासा दर्ज करवाने की जरूरत होगी। इससे नागरिकों को यह निर्णय करने का मौका मिलेगा कि उन्हें ऐसे लोगों का समर्थन करना चाहिए या नहीं। इसके अलावा, प्रत्येक सरकारी अधिकारी को अपने उन निकट संबंधियों/रिश्तेदारों की सूची देनी पड़ेगी जो सरकारी सेवा में हैं। इस (सूची) का उपयोग नागरिकों द्वारा प्रशासन में भाई-भतीजावाद का अंदाजा लगाने के लिए किया जाएगा।
(28.6) भाई-भतीजावाद कम करने और संपत्ति का खुलासा करने (के मामले) पर सभी दलों और बुद्धिजीवियों की राय / उनका रूख |
सभी वर्तमान दलों के नेताओं और बुद्धिजीवियों ने साक्षात्कार समाप्त करने का विरोध किया है। वे जोर देते हैं कि साक्षात्कार अवश्य लिए जाने चाहिएं। और अधिकांश दलों के नेताओं ने सरकारी अधिकारियों, जजों, मंत्रियों, आदि द्वारा जमा की गई सम्पत्ति का खुलासा करने का विरोध किया है। और इनमें से लगभग सभी ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर 30-35 पदधारियों/पदाधिकारियों के व्यापक आधार वाले चुनाव का भी विरोध किया है। यदि नागरिकगण सीधे ही जिला पुलिस प्रमुख को चुन्नते/बदलते हैं तो इससे मुख्यमंत्री की आय कम होती है जो इन्हें नियुक्त और स्थानांतरित करता है। सभी नागरिकों से हम यह अनुरोध करते हैं कि वे अपने पसंदीदा पार्टी नेताओं से पूछें कि वे भाई-भतीजावाद कम करने और संपत्ति का खुलासा करने के मुद्दे पर क्या करने/कदम उठाने का इरादा रखते हैं और तब यह निर्णय करें कि क्या वे वोट दिए जाने के लायक हैं ? और हम कार्यकर्ताओं से यह भी अनुरोध करते हैं कि वे बुद्धिजीवियों से इन मुद्दों पर प्रश्न पूछें और तब निर्णय करें कि क्या वे मार्गदर्शक बनने के योग्य हैं?
समीक्षा प्रश्न
1. कृपया प्रशासन में भ्रष्टाचार कम करने के लिए विधानसभा और संसद में बीजेपी सांसदों द्वारा प्रस्तावित कानूनों के क़ानून-ड्राफ्ट दें।
2. कृपया प्रशासन में भ्रष्टाचार कम करने के लिए विधानसभा और संसद में सीपीएम सांसदों द्वारा प्रस्तावित कानूनों के क़ानून-ड्राफ्ट /प्रारूप दें ।
3. कृपया प्रशासन में भ्रष्टाचार कम करने के लिए विधानसभा और संसद में कांग्रेसी सांसदों द्वारा प्रस्तावित कानूनों के क़ानून-ड्राफ्ट /प्रारूप दें ।
4. साक्षात्कार की प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद कम करने के लिए कानून का क़ानून-ड्राफ्ट बनाएं/दें।
5. वर्ष 2003 में बुद्धिजीवियों ने मांग की थी कि चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों को सम्पत्ति का खुलासा करना पड़ेगा। तब फिर ये बुद्धिजीवी इस मांग का विरोध क्यों करते हैं कि जजों को भी अपनी सम्पत्ति का पूरा खुलासा(28.5 में दी गयी प्रक्रिया अनुसार) करना पड़ेगा?
6. अनेक नेताओं के उनके अपने ट्रस्टों/न्यासों में छिपी हुई संपत्ति होती है। तब भी, बुद्धिजीवीगण उनके ट्रस्टों का संपत्ति रिटर्न/विवरण भरवाकर लेने पर जोर नहीं देते। क्यों?